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पटाखों पर बैन: हाईकोर्ट ने पूछा, प्रदूषण रोकने के लिए क्या उपाय किया?

पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ में याचिका दाखिल की गई थी. याचिका की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने सरकार से पूछा कि वायु प्रदुषण रोकने के लिए राज्य सरकार व प्रदुषण नियंत्रण बोर्ड क्या उपाय कर रहा है. अथवा उनके पास क्या योजना है.

इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ.
इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ.
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Published : Nov 25, 2020, 9:06 PM IST

लखनऊ: इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ में पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की मांग को लेकर एक जनहित याचिका दाखिल की गई थी. याचिका पर सुनवाई के उपरांत न्यायालय ने राज्य सरकार और यूपी प्रदुषण नियंत्रण बोर्ड को जवाबी हलफनामा दाखिल करने का आदेश दिया है. न्यायालय ने दोनों से पूछा है कि वायु प्रदुषण रोकने के लिए राज्य सरकार व प्रदुषण नियंत्रण बोर्ड क्या उपाय कर रहा है.

यह आदेश न्यायाधीश पंकज मित्तल और न्यायाधीश सौरभ लवानिया की खंडपीठ ने राधिका सिंह व एक अन्य की ओर से दाखिल जनहित याचिका पर दिया है. याचिका में बढ़ते वायु प्रदुषण व धुंध को लेकर चिंता जाहिर की गई है. याचिका में पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की भी मांग की गई है. न्यायालय ने याचिका पर सुनवाई के उपरांत राज्य सरकार व यूपी प्रदुषण नियंत्रण बोर्ड को जवाबी हलफनामे में यह विस्तार से बताने का आदेश दिया कि वातावरण को साफ रखने के लिए वे क्या उपाय कर रहे हैं. अथवा उनके पास क्या योजना है.

साथ ही न्यायालय ने यह भी बताने को कहा है कि वर्तमान में हो रहे वायु प्रदुषण को कम करने के लिए क्या उपाय किये जा रहे हैं. वहीं याचियों की ओर से दलील दी गई कि पटाखों का प्रयोग त्योहारों के साथ-साथ शादी-विवाह व अन्य प्रकार के जश्न मनाने के लिए भी किया जाता है. ऐसे में किसी एक त्योहार के दौरान पटाखों पर प्रतिबंध लगा दिये जाने के बावजूद अन्य दिनों इनका प्रयोग किया जाता है. याचियों का कहना था कि पटाखों पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगाया जाना समय की मांग है.

लखनऊ: इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ में पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की मांग को लेकर एक जनहित याचिका दाखिल की गई थी. याचिका पर सुनवाई के उपरांत न्यायालय ने राज्य सरकार और यूपी प्रदुषण नियंत्रण बोर्ड को जवाबी हलफनामा दाखिल करने का आदेश दिया है. न्यायालय ने दोनों से पूछा है कि वायु प्रदुषण रोकने के लिए राज्य सरकार व प्रदुषण नियंत्रण बोर्ड क्या उपाय कर रहा है.

यह आदेश न्यायाधीश पंकज मित्तल और न्यायाधीश सौरभ लवानिया की खंडपीठ ने राधिका सिंह व एक अन्य की ओर से दाखिल जनहित याचिका पर दिया है. याचिका में बढ़ते वायु प्रदुषण व धुंध को लेकर चिंता जाहिर की गई है. याचिका में पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की भी मांग की गई है. न्यायालय ने याचिका पर सुनवाई के उपरांत राज्य सरकार व यूपी प्रदुषण नियंत्रण बोर्ड को जवाबी हलफनामे में यह विस्तार से बताने का आदेश दिया कि वातावरण को साफ रखने के लिए वे क्या उपाय कर रहे हैं. अथवा उनके पास क्या योजना है.

साथ ही न्यायालय ने यह भी बताने को कहा है कि वर्तमान में हो रहे वायु प्रदुषण को कम करने के लिए क्या उपाय किये जा रहे हैं. वहीं याचियों की ओर से दलील दी गई कि पटाखों का प्रयोग त्योहारों के साथ-साथ शादी-विवाह व अन्य प्रकार के जश्न मनाने के लिए भी किया जाता है. ऐसे में किसी एक त्योहार के दौरान पटाखों पर प्रतिबंध लगा दिये जाने के बावजूद अन्य दिनों इनका प्रयोग किया जाता है. याचियों का कहना था कि पटाखों पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगाया जाना समय की मांग है.

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