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एलयू के शताब्दी वर्ष समारोह के पहले दिन हेरिटेज वॉक का किया गया आयोजन

लखनऊ विश्वविद्यालय के शताब्दी वर्ष समारोह के पहले दिन के कार्यक्रम के दौरान हेरिटेज वॉक का कार्यक्रम रखा गया है. इस हेरिटेज वॉक में विवि के कुलपति आलोक राय, नबाब जफर मीर अब्दुल्ला व उनके भाई मशहूद अब्दुल्ला ने तांगे में बैठ कर पूरे विश्वविद्यालय का भ्रमण किया.

एलयू के शताब्दी वर्ष समारोह के प्रथम दिन हेरिटेज वॉक का किया गया आयोजन
एलयू के शताब्दी वर्ष समारोह के प्रथम दिन हेरिटेज वॉक का किया गया आयोजन
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Published : Nov 19, 2020, 7:59 PM IST

लखनऊ: एलयू के शताब्दी वर्ष समारोह के पहले दिन के कार्यक्रम के दौरान हेरिटेज वॉक का कार्यक्रम रखा गया है. इस हेरिटेज वॉक कार्यक्रम का उद्देश्य लोगों को विश्वविद्यालय से जुड़े इतिहास को लेकर जागरूक करना था. हेरिटेज वॉक में विवि के कुलपति आलोक राय, नबाब जफर मीर अब्दुल्ला व उनके भाई मशहूद अब्दुल्ला ने तांगे में बैठ कर पूरे विश्वविद्यालय का भ्रमण किया.

एलयू के शताब्दी वर्ष समारोह के प्रथम दिन हेरिटेज वॉक का किया गया आयोजन.

शताब्दी वर्ष समारोह की सीएम योगी ने की शुरुआत
लखनऊ विश्वविद्यालय के एक हफ्ते तक चलने वाले शताब्दी वर्ष समारोह के प्रथम दिन की शुरुआत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने की. इस कार्यक्रम के खत्म होने के बाद हेरिटेज वॉक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इसमें मुख्य रूप से विवि के कुलपति आलोक राय, प्रो. निशि पांडेय, लखनऊ के नबाब जफर मीर अब्दुल्ला व उनके भाई मशहूद अब्दुल्ला मौजूद रहे. इन लोगों ने तांगे में बैठ कर पूरे विवि का भ्रमण किया.

हेरिटेज वॉक का किया आयोजन
लखनऊ के नबाब जफर मीर अब्दुल्ला ने बताया कि लविवि. बादशाह बाग में है. लाल बारादरी को गाजीउद्दीन हैदर ने बनवाना शुरू किया था. इसको उनके पुत्र नसरुद्दीन हैदराबाद जो अवध के दूसरे बादशाह थे उन्होंने तामिल करवाई थी. उन्होंने बताया कि सन 1864 में एक स्कूल खोला गया था, जो अमीनाबाद में था फिर वह नवाज अली के हिस्से में आया. फिर उसके बाद में यह इलाका महाराजा कपूरथला ने अंग्रेजों से 35000 रुपये में लिया था और उसके बाद उन्होंने विश्वविद्यालय के लिए 3 रुपये सालाना किराए के ऊपर विश्वविद्यालय के लिए दिया था. 19 एकड़ की जमीन है, जिसके ऊपर यह विश्वविद्यालय बना हुआ है. उन्होंने बताया कि आज हम लोग शताब्दी वर्ष समारोह में हेरिटेज वॉक कर रहे थे. हम लोग विश्वविद्यालय के गेट से लाल बारादरी होते हुए अलग-अलग डिपार्टमेंट तक गए. यहां का जो इतिहास है वह लोगों को बताएं गया. लोगों को जागरूक करने के लिए यह प्रोग्राम रखा गया था.

वहीं विश्वविद्यालय की प्रोफेसर निशी पांडे ने बताया कि हमारा विश्वविद्यालय आज 100 वर्ष का हो गया है. यह पूरा एरिया है बादशाह बाग के नाम से जाना जाता है. इसका भी एक पुराना इतिहास है. जो नवाबों से जुड़ा हुआ है. उन्होंने बताया कि बादशाह की जो बेगम थी उनके नाम से यह बाग बनाए गया था. उन्होंने बताया कि यहां पर हंटिंग ग्राउंड हुआ करते थे. बाद में समय के साथ यह कैनिंग कॉलेज का हिस्सा बना फिर उसके बाद इसे लखनऊ विश्वविद्यालय घोषित कर दिया गया. उन्होंने बताया कि यह हेरिटेज वॉक का प्रोग्राम एक हफ्ते तक चलने वाले शताब्दी वर्ष के दौरान रोज होगा.

लखनऊ: एलयू के शताब्दी वर्ष समारोह के पहले दिन के कार्यक्रम के दौरान हेरिटेज वॉक का कार्यक्रम रखा गया है. इस हेरिटेज वॉक कार्यक्रम का उद्देश्य लोगों को विश्वविद्यालय से जुड़े इतिहास को लेकर जागरूक करना था. हेरिटेज वॉक में विवि के कुलपति आलोक राय, नबाब जफर मीर अब्दुल्ला व उनके भाई मशहूद अब्दुल्ला ने तांगे में बैठ कर पूरे विश्वविद्यालय का भ्रमण किया.

एलयू के शताब्दी वर्ष समारोह के प्रथम दिन हेरिटेज वॉक का किया गया आयोजन.

शताब्दी वर्ष समारोह की सीएम योगी ने की शुरुआत
लखनऊ विश्वविद्यालय के एक हफ्ते तक चलने वाले शताब्दी वर्ष समारोह के प्रथम दिन की शुरुआत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने की. इस कार्यक्रम के खत्म होने के बाद हेरिटेज वॉक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इसमें मुख्य रूप से विवि के कुलपति आलोक राय, प्रो. निशि पांडेय, लखनऊ के नबाब जफर मीर अब्दुल्ला व उनके भाई मशहूद अब्दुल्ला मौजूद रहे. इन लोगों ने तांगे में बैठ कर पूरे विवि का भ्रमण किया.

हेरिटेज वॉक का किया आयोजन
लखनऊ के नबाब जफर मीर अब्दुल्ला ने बताया कि लविवि. बादशाह बाग में है. लाल बारादरी को गाजीउद्दीन हैदर ने बनवाना शुरू किया था. इसको उनके पुत्र नसरुद्दीन हैदराबाद जो अवध के दूसरे बादशाह थे उन्होंने तामिल करवाई थी. उन्होंने बताया कि सन 1864 में एक स्कूल खोला गया था, जो अमीनाबाद में था फिर वह नवाज अली के हिस्से में आया. फिर उसके बाद में यह इलाका महाराजा कपूरथला ने अंग्रेजों से 35000 रुपये में लिया था और उसके बाद उन्होंने विश्वविद्यालय के लिए 3 रुपये सालाना किराए के ऊपर विश्वविद्यालय के लिए दिया था. 19 एकड़ की जमीन है, जिसके ऊपर यह विश्वविद्यालय बना हुआ है. उन्होंने बताया कि आज हम लोग शताब्दी वर्ष समारोह में हेरिटेज वॉक कर रहे थे. हम लोग विश्वविद्यालय के गेट से लाल बारादरी होते हुए अलग-अलग डिपार्टमेंट तक गए. यहां का जो इतिहास है वह लोगों को बताएं गया. लोगों को जागरूक करने के लिए यह प्रोग्राम रखा गया था.

वहीं विश्वविद्यालय की प्रोफेसर निशी पांडे ने बताया कि हमारा विश्वविद्यालय आज 100 वर्ष का हो गया है. यह पूरा एरिया है बादशाह बाग के नाम से जाना जाता है. इसका भी एक पुराना इतिहास है. जो नवाबों से जुड़ा हुआ है. उन्होंने बताया कि बादशाह की जो बेगम थी उनके नाम से यह बाग बनाए गया था. उन्होंने बताया कि यहां पर हंटिंग ग्राउंड हुआ करते थे. बाद में समय के साथ यह कैनिंग कॉलेज का हिस्सा बना फिर उसके बाद इसे लखनऊ विश्वविद्यालय घोषित कर दिया गया. उन्होंने बताया कि यह हेरिटेज वॉक का प्रोग्राम एक हफ्ते तक चलने वाले शताब्दी वर्ष के दौरान रोज होगा.

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