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बाईक बोट घोटाला मामलाः हैलो राइड के निदेशक की जमानत अर्जी खारिज

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Published : Jun 14, 2022, 9:32 PM IST

बाइक खरीदने और मोटी कमाई का झांसा देकर करोड़ों की ठगी करने के आरोपी हेलो राइड के निदेशक की 2 जमानत अर्जियों को भ्रष्टाचार निवारण के विशेष न्यायाधीश ने खारिज कर दिया है.

कोर्ट
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लखनऊः भोले भाले लोगों को बाइक खरीदने और मोटी कमाई का झांसा देकर करोड़ों की ठगी करने के आरोपी हेलो राइड के निदेशक मोहम्मद आजम अली की अलग-अलग मुकदमों में दी गई 2 जमानत अर्जियों को भ्रष्टाचार निवारण के विशेष न्यायाधीश अजय श्रीवास्तव ने खारिज कर दिया है.

कोर्ट में सरकारी वकील मनीष रावत और कमल अवस्थी ने आरोपी की दोनों जमानत अर्जियों का विरोध किया. उन्होंने कहा कि आरोपी मोहम्मद आजम अली हेलो राइड कम्पनी का निदेशक है और कम्पनी भोले भाले लोगो से बाइक खरीदने के लिए धन का निवेश करती है और प्रतिमाह मोटा धन किराए के रूप में देने का वादा किया था. इस कार्य में कम्पनी के अभय कुशवाहा, नीलम वर्मा,राजेश पाण्डे, आजम अली शामिल है.

इसे भी पढ़ें-सरकार ने कोर्ट को बताया, 20 जून तक सभी शहरों के नालों की हो जायेगी सफाई

सरकारी वकील ने कोर्ट को बताया कि कम्पनी के झांसे में आकर सैकड़ों लोगों ने धन निवेश किया. कुछ लोगों को थोड़े समय के लिए प्रतिमाह धन मिला लेकिन बाद में बंद हो गया. जब लोगों ने आरोपियों से संपर्क करना चाहा तो पता चला कि कम्पनी का ऑफिस बंद है और आरोपी पैसा लेकर फरार हो गए हैं. समाचार पत्रों और अन्य निवेशकों से पता चला कि कम्पनी पर 3 करोड़ की ठगी के मामले पहले से ही चल रहे हैं. सरकारी वकील ने बताया कि इस मामले को लेकर वादी अलंकार वर्मा,और विजय कुमार तिवारी, ने विभूतिखंड में अलग अलग रिपोर्ट दर्ज कराई थी.

लखनऊः भोले भाले लोगों को बाइक खरीदने और मोटी कमाई का झांसा देकर करोड़ों की ठगी करने के आरोपी हेलो राइड के निदेशक मोहम्मद आजम अली की अलग-अलग मुकदमों में दी गई 2 जमानत अर्जियों को भ्रष्टाचार निवारण के विशेष न्यायाधीश अजय श्रीवास्तव ने खारिज कर दिया है.

कोर्ट में सरकारी वकील मनीष रावत और कमल अवस्थी ने आरोपी की दोनों जमानत अर्जियों का विरोध किया. उन्होंने कहा कि आरोपी मोहम्मद आजम अली हेलो राइड कम्पनी का निदेशक है और कम्पनी भोले भाले लोगो से बाइक खरीदने के लिए धन का निवेश करती है और प्रतिमाह मोटा धन किराए के रूप में देने का वादा किया था. इस कार्य में कम्पनी के अभय कुशवाहा, नीलम वर्मा,राजेश पाण्डे, आजम अली शामिल है.

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सरकारी वकील ने कोर्ट को बताया कि कम्पनी के झांसे में आकर सैकड़ों लोगों ने धन निवेश किया. कुछ लोगों को थोड़े समय के लिए प्रतिमाह धन मिला लेकिन बाद में बंद हो गया. जब लोगों ने आरोपियों से संपर्क करना चाहा तो पता चला कि कम्पनी का ऑफिस बंद है और आरोपी पैसा लेकर फरार हो गए हैं. समाचार पत्रों और अन्य निवेशकों से पता चला कि कम्पनी पर 3 करोड़ की ठगी के मामले पहले से ही चल रहे हैं. सरकारी वकील ने बताया कि इस मामले को लेकर वादी अलंकार वर्मा,और विजय कुमार तिवारी, ने विभूतिखंड में अलग अलग रिपोर्ट दर्ज कराई थी.

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