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गिरधारी एनकाउंटर: पुलिसकर्मियों के खिलाफ दायर मुकदमे की अर्जी पर हुई सुनवाई

कथित गिरधारी एनकाउंटर मामले में पुलिसकर्मियों के खिलाफ दायर मुकदमे की अर्जी पर कोर्ट में सुनवाई हुई. इस दौरान मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने थाना विभूति खंड से रिपोर्ट तलब करने का आदेश दिया.

girdhari encounter case
गिरधारी एनकाउंटर मामला.
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Published : Feb 22, 2021, 10:41 PM IST

लखनऊ : मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट सुशील कुमारी ने गिरधारी की कथित एनकाउंटर में हुई मौत के मामले में पुलिसवालों के खिलाफ दाखिल मुकदमे की अर्जी पर थाना विभूति खंड से रिपोर्ट तलब करने का आदेश दिया है. कोर्ट ने यह आदेश आजमगढ़ के वकील सर्वजीत यादव की अर्जी पर दिया है. अर्जी में डीसीपी पूर्वी संजीव सुमन व थाना विभूति खंड के प्रभारी निरीक्षक चंद्रशेखर सिंह के साथ ही अन्य सम्बंधित पुलिसवालों के विरुद्ध गिरधारी की हत्या का आरोप लगाया गया है. अदालत में अर्जी पर वकील आदेश सिंह व प्रांशु अग्रवाल ने बहस की.

अर्जी में कहा गया है कि 14-15 फरवरी की रात्रि में पुलिस अभिरक्षा के दौरान एक सुनियोजित षडयंत्र के तहत गिरधारी की निर्मम तरीके से हत्या कर दी गई. हत्या के जुर्म से बचने के लिए कुछ मिथ्या लेखन कर सरकारी दस्तावेज भी तैयार किए गए. लिहाजा उक्त पुलिसवालों के खिलाफ सुसंगत धाराओं में मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया जाए. अदालत ने फिलहाल इस अर्जी पर रिपोर्ट तलब करते हुए मामले की अगली सुनवाई 23 फरवरी को नियत की है.

सरकारी पिस्टल लूटकर फरार हुआ था गिरधारी

उल्लेखनीय है कि इसके पूर्व पुलिस आयुक्त ने जनपद न्यायाधीश की कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर कहा था कि गिरधारी ने आकस्मिक व अप्रत्याशित रूप से पुलिस बल पर हमला कर पुलिसकर्मियों को घायल किया था. सरकारी पिस्टल लूट कर पुलिस अभिरक्षा से फरार हो गया था. पुलिस की कार्रवाई के बाद उसे जीवित व घायल अवस्था में पकड़कर उसे बचाने के लिए तत्काल डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल ले जाया गया, लेकिन दवा-इलाज के बाद भी उसे बचाया नहीं जा सका. आयुक्त ने कहा कि गिरधारी की मृत्यु पुलिस अभिरक्षा में नहीं हुई बल्कि पुलिस अभिरक्षा से फरार होकर पुलिस बल पर किए गए जानलेवा हमले के परिणामस्वरुप प्रतिरक्षा में की गई फायरिंग में वह घायल हुआ था.

लखनऊ : मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट सुशील कुमारी ने गिरधारी की कथित एनकाउंटर में हुई मौत के मामले में पुलिसवालों के खिलाफ दाखिल मुकदमे की अर्जी पर थाना विभूति खंड से रिपोर्ट तलब करने का आदेश दिया है. कोर्ट ने यह आदेश आजमगढ़ के वकील सर्वजीत यादव की अर्जी पर दिया है. अर्जी में डीसीपी पूर्वी संजीव सुमन व थाना विभूति खंड के प्रभारी निरीक्षक चंद्रशेखर सिंह के साथ ही अन्य सम्बंधित पुलिसवालों के विरुद्ध गिरधारी की हत्या का आरोप लगाया गया है. अदालत में अर्जी पर वकील आदेश सिंह व प्रांशु अग्रवाल ने बहस की.

अर्जी में कहा गया है कि 14-15 फरवरी की रात्रि में पुलिस अभिरक्षा के दौरान एक सुनियोजित षडयंत्र के तहत गिरधारी की निर्मम तरीके से हत्या कर दी गई. हत्या के जुर्म से बचने के लिए कुछ मिथ्या लेखन कर सरकारी दस्तावेज भी तैयार किए गए. लिहाजा उक्त पुलिसवालों के खिलाफ सुसंगत धाराओं में मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया जाए. अदालत ने फिलहाल इस अर्जी पर रिपोर्ट तलब करते हुए मामले की अगली सुनवाई 23 फरवरी को नियत की है.

सरकारी पिस्टल लूटकर फरार हुआ था गिरधारी

उल्लेखनीय है कि इसके पूर्व पुलिस आयुक्त ने जनपद न्यायाधीश की कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर कहा था कि गिरधारी ने आकस्मिक व अप्रत्याशित रूप से पुलिस बल पर हमला कर पुलिसकर्मियों को घायल किया था. सरकारी पिस्टल लूट कर पुलिस अभिरक्षा से फरार हो गया था. पुलिस की कार्रवाई के बाद उसे जीवित व घायल अवस्था में पकड़कर उसे बचाने के लिए तत्काल डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल ले जाया गया, लेकिन दवा-इलाज के बाद भी उसे बचाया नहीं जा सका. आयुक्त ने कहा कि गिरधारी की मृत्यु पुलिस अभिरक्षा में नहीं हुई बल्कि पुलिस अभिरक्षा से फरार होकर पुलिस बल पर किए गए जानलेवा हमले के परिणामस्वरुप प्रतिरक्षा में की गई फायरिंग में वह घायल हुआ था.

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