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लखीमपुर खीरी हिंसाः अंकित दास की जमानत याचिका पर सुनवाई आज - हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच

लखीमपुर खीरी के तिकुनिया कांड में जेल में निरुद्ध अंकित दास की जमानत याचिका पर हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में शुक्रवार को सुनवाई होगी.

हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच
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Published : Feb 24, 2022, 9:11 PM IST

लखनऊः लखीमपुर खीरी के तिकुनिया कांड में जेल में निरुद्ध अंकित दास की जमानत याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई होगी. अंकित दास की जमानत याचिका न्यायमूर्ति अजय कुमार श्रीवास्तव, प्रथम की एकल पीठ के समक्ष सुनवाई के लिए सूचीबद्ध है. अंकित दास के अधिवक्ता प्रांशु अग्रवाल ने बताया कि इस मामले में एसआईटी की जांच में एक भी साक्ष्य अंकित दास के विरुद्ध नहीं मिले हैं. उन्होंने कहा कि नामजद अभियुक्त आशीष मिश्रा की जमानत मंजूर हो चुकी है. जबकि अंकित दास का नाम दौरान विवेचना लाया गया है. ऐसे में उसे जमानत मिलने का मजबूत आधार है.

इसे भी पढ़ें-लखीमपुर हिंसा केस : अंकित दास समेत 12 आरोपियों की जमानत खारिज
उल्लेखनीय है कि तिकुनिया कांड में एक मात्र नामजद अभियुक्त गृह राज्य मंत्री के पुत्र आशीष मिश्रा उर्फ मोनू की जमानत हाईकोर्ट से 10 फरवरी को ही मंजूर हो चुकी है. अंकित दास व अन्य अभियुक्तों का नाम विवेचना के दौरान प्रकाश में आया था. विवेचना में नाम आने के बाद अंकित दास ने आत्मसमर्पण कर दिया था. अभियोजन का आरोप है कि घटना के वक्त थार गाड़ी के पीछे आ रही फार्च्यूनर गाड़ी अंकित दास की ही थी. आरोप है कि उक्त फार्च्यूनर में अंकित दास भी मौजूद था. अंकित दास के अलावा लतीफ उर्फ काले नाम का उसका गनर भी उसके साथ था. इन सभी पर कुछ प्रदर्शनकारियों पर गाड़ी चढ़ाकर मारने में शामिल होने का आरोप है. अंकित दास लखनऊ के जाने-माने उद्योगपति व पूर्व सांसद स्वर्गीय अखिलेश दास का भतीजा है. वह पिछले कुछ समय से लखीमपुर खीरी में राजनीति में सक्रिय है.

लखनऊः लखीमपुर खीरी के तिकुनिया कांड में जेल में निरुद्ध अंकित दास की जमानत याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई होगी. अंकित दास की जमानत याचिका न्यायमूर्ति अजय कुमार श्रीवास्तव, प्रथम की एकल पीठ के समक्ष सुनवाई के लिए सूचीबद्ध है. अंकित दास के अधिवक्ता प्रांशु अग्रवाल ने बताया कि इस मामले में एसआईटी की जांच में एक भी साक्ष्य अंकित दास के विरुद्ध नहीं मिले हैं. उन्होंने कहा कि नामजद अभियुक्त आशीष मिश्रा की जमानत मंजूर हो चुकी है. जबकि अंकित दास का नाम दौरान विवेचना लाया गया है. ऐसे में उसे जमानत मिलने का मजबूत आधार है.

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उल्लेखनीय है कि तिकुनिया कांड में एक मात्र नामजद अभियुक्त गृह राज्य मंत्री के पुत्र आशीष मिश्रा उर्फ मोनू की जमानत हाईकोर्ट से 10 फरवरी को ही मंजूर हो चुकी है. अंकित दास व अन्य अभियुक्तों का नाम विवेचना के दौरान प्रकाश में आया था. विवेचना में नाम आने के बाद अंकित दास ने आत्मसमर्पण कर दिया था. अभियोजन का आरोप है कि घटना के वक्त थार गाड़ी के पीछे आ रही फार्च्यूनर गाड़ी अंकित दास की ही थी. आरोप है कि उक्त फार्च्यूनर में अंकित दास भी मौजूद था. अंकित दास के अलावा लतीफ उर्फ काले नाम का उसका गनर भी उसके साथ था. इन सभी पर कुछ प्रदर्शनकारियों पर गाड़ी चढ़ाकर मारने में शामिल होने का आरोप है. अंकित दास लखनऊ के जाने-माने उद्योगपति व पूर्व सांसद स्वर्गीय अखिलेश दास का भतीजा है. वह पिछले कुछ समय से लखीमपुर खीरी में राजनीति में सक्रिय है.

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