लखनऊः अयोध्या के विवादित ढांचा विध्वंस (बाबरी मस्जिद) मामले में सत्र अदालत के फैसले को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में दाखिल पुनरीक्षण याचिका पर अगली सुनवाई 18 जुलाई को होगी. याचिका में सभी 32 अभियुक्तों को दोषी करार दिये जाने की भी मांग की गई है.
न्यायमूर्ति दिनेश कुमार सिंह की एकल पीठ के समक्ष अयोध्या निवासी हाजी महबूब अहमद व सैयद अखलाक अहमद की ओर से दाखिल याचिका सोमवार को सुनवाई के लिए पेश हुई. हालांकि याचियों की ओर से मामले को किसी अन्य दिन सुने जाने का अनुरोध किया गया. इस पर न्यायालय ने 18 जुलाई की तिथि नियत करते हुए यह भी स्पष्ट किया है कि अगली तारीख पर मामले की सुनवाई टाली नहीं जाएगी. साथ ही याचिका को शुरू के 10 मामलों में ही सूचीबद्ध करने का भी निर्देश दिया है.
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उल्लेखनीय है कि विशेष अदालत अयोध्या प्रकरण ने 30 सितम्बर 2020 को निर्णय पारित करते हुए विवादित ढांचा विध्वंस मामले में पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी, पूर्व केंद्रीय मंत्री मुरली मनोहर जोशी, पूर्व राज्यपाल कल्याण सिंह, पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती, लोक सभा सदस्यों साक्षी महाराज, लल्लू सिंह व बृजभूषण शरण सिंह समेत सभी अभियुक्तों को बरी कर दिया था.
जबकि वर्तमान याचिका में कहा गया है कि दोनों याची उक्त मामले में न सिर्फ गवाह थे बल्कि घटना के पीड़ित भी हैं. उन्होंने विशेष अदालत के समक्ष प्रार्थना पत्र दाखिल कर खुद को सुने जाने की मांग भी की थी. लेकिन विशेष अदालत ने उनके प्रार्थना पत्र को खारिज कर दिया. याचियों का यह भी कहना है कि केंद्र की बीजेपी सरकार के दबाव में सीबीआई ने सत्र अदालत के फैसले के विरुद्ध अपील नहीं दाखिल की. जबकि कई मुस्लिम संगठनों ने सीबीआई को अपील दाखिल करने के लिए अनुरोध किया था.