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Health Services of UP : गर्भवती महिलाओं को दिया जाए मुफ्त खून, डिप्टी सीएम ने अधिकारियों को दिए कड़े दिशा निर्देश

डिप्टी सीएम (Health Services of UP) ने सरकारी अस्पतालों और मेडिकल संस्थानों में गर्भवती महिलाओं को बिना डोनर के ही मुफ्त ब्लड देने के सख्त निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा है कि गर्भवतियों के इलाज में किसी प्रकार की कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी. शिकायत मिलने पर संबंधित अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

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Published : Feb 3, 2023, 12:02 PM IST

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लखनऊ : सरकारी अस्पतालों और मेडिकल संस्थानों में गर्भवती महिलाओं को बिना डोनर के ही मुफ्त ब्लड उपलब्ध कराने के लिए डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने निर्देश दिए हैं. यही नहीं गर्भवती महिलाओं के परिजनों पर रक्त डोनेशन का दबाव न डालने के लिए भी डिप्टी सीएम ने कहा है. पाठक ने कहा कि अगर शिकायत मिली तो जिम्मेदारों पर कार्रवाई होगी. वहीं नेशनल हेल्थ मिशन (एनएचएम) की तरफ से गर्भवती महिलाओं की सामान्य जांच हेतु 20 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया है. वहीं पीएमएसएमए में 3.93 करोड़ रुपये का बजट गर्भवती महिलाओं के अल्ट्रासाउंड के लिए जारी किया गया है. जननी सुरक्षा योजना के तहत 90 फीसदी धनराशि जनपदों को जारी कर दी गई है.

डिप्टी सीएम बृजेश पाठक के अनुसार उत्तर प्रदेश में हर साल करीब 56 लाख से अधिक प्रसव होते हैं. सरकारी अस्पताल में गर्भवती महिलाओं के फ्री इलाज की सुविधा है. ओपीडी में डॉक्टर की सलाह, जांच और प्रसव की सुविधा भी निशुल्क है. बड़ी संख्या में गर्भवती महिलाओं में रक्त की कमी पाई जाती है. महिलाएं शुरूआत से सेहत पर ध्यान दें तो उन्हें रक्त चढ़ाने से बचाया जा सकता है. इसके बावजूद यदि गर्भवती महिलाओं को रक्त चढ़ाने की जरूरत पड़ रही है तो चिंता न करें. सरकारी अस्पताल व मेडिकल संस्थानों में गर्भवती महिलाओं को मुफ्त रक्त बिना डोनर मुहैया कराने का नियम है. इस नियम को सख्ती से लागू किया जाएगा. जिससे किसी भी प्रकार से गर्भवती महिला व परिजन को परेशान न किया जाए.

पाठक ने कहा कि मातृ एवं शिशु मृत्युदर में कमी लाने के लिए शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्र के अस्पतालों की व्यवस्था को पुख्ता किया जा रहा है. महिला जिला चिकित्सालयों से लेकर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में गर्भवती महिलाओं की पैथोलॉजी व रेडियोलॉजी जाँच की व्यवस्था को पुख्ता किया जा रहा है. गर्भवती महिलाओं को चिकित्सालय 102 एम्बुलेंस सेवा से मुफ्त पहुंचाया जा रहा है. प्रसव के बाद जच्चा और बच्चा को घर तक छोड़ने का प्रबंध किया गया है. इसमें किसी भी तरह की शिथिलता न बरती जाए. गर्भवती महिलाओं को टिटनेस के दो टीके जरूर लगवाएं.

लखनऊ : सरकारी अस्पतालों और मेडिकल संस्थानों में गर्भवती महिलाओं को बिना डोनर के ही मुफ्त ब्लड उपलब्ध कराने के लिए डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने निर्देश दिए हैं. यही नहीं गर्भवती महिलाओं के परिजनों पर रक्त डोनेशन का दबाव न डालने के लिए भी डिप्टी सीएम ने कहा है. पाठक ने कहा कि अगर शिकायत मिली तो जिम्मेदारों पर कार्रवाई होगी. वहीं नेशनल हेल्थ मिशन (एनएचएम) की तरफ से गर्भवती महिलाओं की सामान्य जांच हेतु 20 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया है. वहीं पीएमएसएमए में 3.93 करोड़ रुपये का बजट गर्भवती महिलाओं के अल्ट्रासाउंड के लिए जारी किया गया है. जननी सुरक्षा योजना के तहत 90 फीसदी धनराशि जनपदों को जारी कर दी गई है.

डिप्टी सीएम बृजेश पाठक के अनुसार उत्तर प्रदेश में हर साल करीब 56 लाख से अधिक प्रसव होते हैं. सरकारी अस्पताल में गर्भवती महिलाओं के फ्री इलाज की सुविधा है. ओपीडी में डॉक्टर की सलाह, जांच और प्रसव की सुविधा भी निशुल्क है. बड़ी संख्या में गर्भवती महिलाओं में रक्त की कमी पाई जाती है. महिलाएं शुरूआत से सेहत पर ध्यान दें तो उन्हें रक्त चढ़ाने से बचाया जा सकता है. इसके बावजूद यदि गर्भवती महिलाओं को रक्त चढ़ाने की जरूरत पड़ रही है तो चिंता न करें. सरकारी अस्पताल व मेडिकल संस्थानों में गर्भवती महिलाओं को मुफ्त रक्त बिना डोनर मुहैया कराने का नियम है. इस नियम को सख्ती से लागू किया जाएगा. जिससे किसी भी प्रकार से गर्भवती महिला व परिजन को परेशान न किया जाए.

पाठक ने कहा कि मातृ एवं शिशु मृत्युदर में कमी लाने के लिए शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्र के अस्पतालों की व्यवस्था को पुख्ता किया जा रहा है. महिला जिला चिकित्सालयों से लेकर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में गर्भवती महिलाओं की पैथोलॉजी व रेडियोलॉजी जाँच की व्यवस्था को पुख्ता किया जा रहा है. गर्भवती महिलाओं को चिकित्सालय 102 एम्बुलेंस सेवा से मुफ्त पहुंचाया जा रहा है. प्रसव के बाद जच्चा और बच्चा को घर तक छोड़ने का प्रबंध किया गया है. इसमें किसी भी तरह की शिथिलता न बरती जाए. गर्भवती महिलाओं को टिटनेस के दो टीके जरूर लगवाएं.

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