लखनऊ : वर्तमान समय में खानपान ने लोगों का पूरा डाइजेशन सिस्टम बिगाड़ दिया है. स्वस्थ रहने के लिए जरूरी है कि (Health News) स्वस्थ मन भी हो, लेकिन वर्तमान में युवा वर्ग के लोग ही अपनी जिंदगी को स्ट्रेस से भर लिए हैं. स्ट्रेस वाली लाइफ में बहुत सारी समस्याएं शुरू हो जाती है क्योंकि न तो खान-पान अच्छा है और न ही मन खुश है. वर्तमान में आप देख रहे होंगे कि हर कोई किसी न किसी दर्द या बीमारी से जूझ रहा है और यह समस्या कोविड के बाद से अधिक बढ़ गई है क्योंकि कोविड वायरस ने लोगों की इम्यूनिटी पर बुरा प्रभाव डाला.
![इन बातों का रखें विशेष ध्यान](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/28-10-2023/19880865_ni.jpg)
केजीएमयू के फिजियोलॉजी विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. नरसिंह वर्मा ने कहा कि 'पहले और अब में बहुत बदलाव आया है. वर्तमान में लोगों की लाइफ स्टाइल तेजी से बदली है लाइफ स्टाइल बदलने के कारण बहुत सारी चीजों में भी बदलाव हुआ है. जैसे हमारा रहन-सहन, खानपान व दिनचर्या. सभी चीजों में बदलाव आया है. जब लाइफ स्टाइल में बदलाव आता है तो शारीरिक तौर पर भी इसका दुष्प्रभाव पड़ता है. अगर लाइफ स्टाइल सही दिशा में है तो कोई दिक्कत नहीं होती है. लेकिन, लाइफ स्टाइल में किसी चीज का कोई निर्धारित समय नहीं है. वर्कआउट के लिए समय नहीं मिलता है या खानपान का समय निर्धारित नहीं है तो इसका दुष्प्रभाव भी पड़ता है. जिसके चलते लोग कम उम्र में ही कई बीमारियों के साथ जीना शुरु करते हैं. जिसमें आमतौर पर डायबिटीज, थायराइड, बीपी, हाइपरटेंशन जैसी बीमारियां शामिल है.'
![इन बातों का रखें विशेष ध्यान](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/28-10-2023/19880865_ni1234.jpg)
जंक फूड ने गायब किया आयरन, कैल्शियम : प्रो. नरसिंह वर्मा ने कहा कि 'बदलती लाइफ स्टाइल में बहुत सारी चीज शामिल होती है जिसमें से एक सबसे महत्वपूर्ण तथ्य व्यक्ति का खानपान होता है. खानपान में जब परिवर्तन होता है तो शरीर में आयरन, जिंक, फायबर्स, कैल्शियम, विटामिन इत्यादि की कमी होती है. जब शरीर में मल्टीविटामिन या आयरन कैल्शियम फाइबर्स की कमी होती है तो अलग-अलग बीमारियां होने लगती हैं. जैसे हड्डियों में दर्द विटामिन डी की कमी से होता है. इस समय पूरा-पूरा दिन लोग चाइनीज खाकर ही बिता देते हैं. फास्ट फूड में न तो आयरन, कैल्शियम, जिंक, फाइबर्स और न ही विटामिन्स होते हैं. लेकिन हां एक चीज जरूर होती है कार्बोहाइड्रेट. जिसका शरीर को अत्यधिक आवश्यकता नहीं होती है. लोग सिर्फ कार्बोहाइड्रेट युक्त फूड्स खा रहे हैं. जिसका शरीर पर बहुत बड़ा पड़ता है. इसके चलते बहुत से लोग मोटापे की शिकार हो रहे हैं. शरीर में विभिन्न विटामिन्स की कमी बनी रहती है.'
इम्यूनिटी भी हुई है पहले से खराब : उन्होंने बताया कि 'पहले और अब में बहुत कुछ बदलाव आ गया है. पहले मोटे अनाज का चलन हुआ करता था. मोटे अनाज के बहुत फायदे भी होते थे, जिसमें ज्वार, बाजरा, मक्का, चना के आटे की रोटी लोग खाते थे जो स्वाद में भी अच्छे होते थे और स्वास्थ्य के लिए भी काफी अच्छे होते थे. हरी साग सब्जियों का सेवन करते थे और मौसमी फलों को खाते थे, लेकिन वर्तमान में लोग गेहूं के आटे और मैदा युक्त चपाती खाते हैं. अब पहले वाली चीजें नहीं रह गई हैं. कोई भी चीज शुद्ध नहीं आ रही है. बाजार में भी सारी चीज मिलावटी उपलब्ध है. खानपान में बदलाव के कारण इम्यूनिटी पर बुरा प्रभाव पड़ा है. इम्यूनिटी कमजोर होने के कारण जो वायरस है वह तेजी से शरीर में एंट्री करते हैं.'
सहनशक्ति भी हुई दूर : उन्होंने कहा कि 'बात जब लाइफ स्टाइल की आती है तो उसमें सभी चीज शामिल हो जाती हैं जिसमें रहन-सहन, खानपान और दिनचर्या आता है. पहले लोगों की खानपान और दिनचर्या अच्छी थी, जिसके चलते उनकी इम्यूनिटी भी बहुत अच्छी थी. लोग सात दिन तक बुखार उतारने का इंतजार करते थे, फिर उसके बाद विशेषज्ञ से मिलते थे, लेकिन अब लोगों की सहनशक्ति भी कम हुई है. दो घंटे किसी को बुखार आता है तो अगले तीसरे घंटे में वह विशेषज्ञ डॉक्टर के पास चले जाते हैं, नहीं तो खुद ही डॉक्टर बनकर कोई पेन रिलीफ या एंटीबायोटिक दवा का सेवन कर लेते हैं. दवाओं का लगातार सेवन करने से भी शरीर कमजोर होता है. शरीर के जो अंग हैं वह कमजोर होने लगते हैं और दवाओं का असर शरीर के विभिन्न अंगों पर पड़ता है. इसलिए अपने खान-पान पर लोगों को ध्यान देना चाहिए क्योंकि अगर खान-पान दिनचर्या अच्छी है तो सहनशक्ति भी व्यक्ति में होगी.'