लखनऊ: उत्तर प्रदेश में एक तरफ जहां डेंगू की जड़े गहराती जा रही हैं. वहीं स्वाइन फ्लू का कहर भी दिख रहा है. स्वाइन फ्लू का मामला बढ़ता देख अब स्वास्थ्य विभाग ने अलर्ट जारी किया है. स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के मुताबिक इस साल यूपी के 61 जनपदों में अब तक 2088 मरीजों में स्वाइन फ्लू की पुष्टी हो चुकी है. स्वाइन फ्लू से निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने उत्तर प्रदेश में अलर्ट जारी कर दिया है.
लखनऊ मे अब तक 550 और मेरठ मे 399 मरीजों मे इसकी पुष्टि हो चुकी है. स्वाइन फ्लू से निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने उत्तर प्रदेश में अलर्ट जारी कर दिया है. सभी सरकारी अस्पतालों में स्वाइन फ्लू के मरीजों के लिए 10-10 बेड रिजर्व किया गया है. स्वास्थ्य विभाग ने निर्देश जारी किया है की किसी भी संदिग्ध मरीज को जांच पूरी होने के बाद ही अस्पताल से डिस्चार्ज किया जाये.
यहां होंगे सैंपल कलेक्शन
लखनऊ में सैंपल कलेक्शन के लिए सिविल अस्पताल बलरामपुर और लोहिया अस्पताल को नोडल सेण्टर बनाया गया है. स्वास्थ्य विभाग ने केजीएमू और पीजीआई को स्वाइन फ्लू की किट उपलब्ध करने को कहा है. सभी सीएमओ को निर्देश गए हैं कि स्वाइन फ्लू का कोई भी संदिग्ध मरीज मिलने पर महानिदेशालय को रिपोर्ट भेजें.
इस जानलेवा बीमारी से बचने के लिए अस्पतालों में डॉक्टरों की टीम गठित करने का भी आदेश दिया गया है.
कहां कितने मरीज
- लखनऊ में 550 मरीजों में पुष्टि, 5 की मौत
- मेरठ में 399 मरीजों में पुष्टि, 5 की मौत
- गाजियाबाद में 337 मरीजों में पुष्टि, 1 की मौत
- बरेली में 60 मरीजों में पुष्टि, 3 की मौत
- मुजफ्फरनगर में 40 मरीजों में पुष्टि, 4 की मौत
- बुलंदशहर में 28 मरीजों में पुष्टि, 3 की मौत
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स्वाइन फ्लू के लक्षण
- जुखाम के साथ नाक से पानी आना.
- गले में खराश, आंखे लाल होना.
- बुखार आना.
- सांस लेने में तकलीफ.
- कमजोरी और थकान महसूस होना.
इन बातों का रखें ख्याल
- हमेशा रुमाल साथ लेकर चलें, छींक आए या खांसी, अपने रुमाल को अपने मुंह पर जरूर रखें.
- कोई छींक रहा हो तो कम से कम चार मीटर की दूरी बनाएं.
- सर्दी खांसी या बुखार जैसा लगे तो घर से बाहर जाना बंद करें.
- घर पहुंचते ही हाथ को कम से कम 40 सेकेंड तक धो लें.
- चेहरे, नाक, और मुंह की भी सफाई जरूर करें.
- यदि आपके इलाके में स्वाइन फ्लू फैला हुआ है तो स्टैण्डर्ड मास्क (एच-95) पहनकर ही घर से बाहर निकलें.
अस्पतालों में आइसोलेशन वार्ड बनाये गए हैं.कोई भी संदिग्ध मरीज आता है तो उसे बेहतर इलाज दिया जायेगा
डाॅ. मिथिलेश चतुर्वेदी, निदेशक,संचारी रोग