लखनऊः हाथरस केस की बुधवार को फिर हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ में सुनवाई हुई. मामले में अगली सुनवाई 27 जनवरी को होगी. सीबीआई ने कहा विवेचना पूरा करने में अभी और समय लगेगा. कुछ बिन्दुओं पर अभी जांच बाकी है. जांच की स्टेटस रिपोर्ट आज दाखिल नहीं किया गया. न्यायमूर्ति पंकज मित्तल और न्यायमूर्ति राजन रॉय की खंडपीठ ने सुनवाई की. हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ में इससे पहले 25 नवंबर को आखिरी सुनवाई हुई थी.
बता दें, जस्टिस पंकज मित्तल और जस्टिस राजन राय की बेंच में इसके पहले भी 3 सुनवाई हो चुकी हैं. 25 नवंबर को हुई सुनवाई में यूपी सरकार के अपर महाधिवक्ता पीके शाही अदालत में पेश हुए थे, जबकि पीड़ित परिवार की तरफ से वकील सीमा गुप्ता ने पैरवी की थी. कोर्ट में सीबीआई की टीम भी पहुंची. वहीं सीबीआई ने हाथरस केस में अब तक की हुई जांच के बारे में अदालत को बताया.
क्या था हाथरस केस
हाथरस जिले के चंदपा थाना के बुलगढ़ी गांव में सितंबर महीने के 14 तारीख को चार युवकों ने एक दलित युवती के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया. इस दौरान युवती के साथ दरिंदगी भी की गई थी. इलाज के लिए पहले अलीगढ़ मेडिकल कॉलेज में रखा गया. जहां हालत बिगड़ने पर पीड़िता को दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में भर्ती कराया गया. यहां पर इलाज के दौरान 29 सितंबर को पीड़िता की मौत हो गई. वहीं इस मामले में पीड़िता केशव को 30 सितंबर को आधी रात को बिना परिजनों के ही प्रशासन और पुलिस ने अंत्येष्टि कर दी थी. जबकि स्थानीय पुलिस प्रशासन के अधिकारियों ने बताया कि परिवार की इच्छा के मुताबिक ही अंतिम संस्कार किया गया. वह इस मामले को लेकर विपक्षियों ने भी खूब सरकार पर हमला किया. पहले जांच के लिए एसआईटी की टीम गठित की गई थी. फिर बाद में मुख्यमंत्री ने हाथरस केस की जांच सीबीआई से कराने का फैसला लिया था. फिलहाल सीबीआई की 15 सदस्य टीम इस पूरे मामले की जांच कर रही है.