लखनऊः कंपटीशन के दौर में छात्रों पर प्रतियोगिता का दबाव बढ़ता जा रहा है. इस कारण डिप्रेशन, गुस्सा, फेल होने पर निराशा जैसी समस्याएं छात्रों में बढ़ रही हैं. कई तो खुदकुशी तक कर लेते हैं. इस समस्या का समाधान करने के लिए हैप्पी थिंकिंग लैब की शुरुआत की जा रही है. इसके लिए लखनऊ विश्वविद्यालय एवं राजयोग एजुकेशन एंड रिसर्च फाउंडेशन माउंटआबू राजस्थान के बीच एक एमओयू वर्चुअल प्लेटफार्म पर साइन किया गया है. इसके बाद दोनों संस्थान विद्यार्थियों के साइको स्पिरिचुअल डेवलपमेंट, उत्तम मानसिक स्वास्थ्य एवं उनके जीवन को उल्लासपूर्ण और ऊर्जावान बनाने के लिए मिलकर कार्य करेंगे. इसके लिए विश्वविद्यालय के शताब्दी समारोह के दौरान मनोविज्ञान विभाग में हैप्पी थिंकिंग लैब की स्थापना की जाएगी. छात्र अपने जीवन के लक्ष्यों को प्राप्त करने की क्षमताओं का विकास कर सकें, इसके लिए यह लैब काम करेगी.
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वर्चुअल प्लेटफार्म पर बड़ी पहल
एमओयू को लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर आलोक कुमार राय एवं राजयोग एजुकेशन एंड रिसर्च फाउंडेशन आरआरआरएफ के चेयरमैन डॉ. बीके मृत्युंजय ने साइन किया. यह एमओयू डीन एकेडमिक्स प्रोफ़ेसर अरविंद मोहन लविवि एवं विभागाध्यक्ष, मनोविज्ञान विभाग प्रोफेसर मधुरिमा प्रधान, डॉ.बीके पंड्या मनी डायरेक्टर वैल्यू एजुकेशन प्रोग्राम आरईआरएफ, प्रोफेसर स्वामीनाथन प्रमुख वक्ता आईईआरएफ और बीके राधा बहन ब्रह्मकुमारी केंद्र लखनऊ की उपस्थिति में साइन किया गया. वर्चुअल प्रोग्राम के तहत सभी एक दूसरे से जुड़े रहे.
नकारात्मक विचारों को बनाएं सकारात्मक
प्रोफेसर मधुरिमा प्रधान ने हैप्पी थिंकिंग लैब के बारे में विस्तार से चर्चा की. उन्होंने बताया कि इस प्रयोगशाला में विद्यार्थी अपने मस्तिष्क में उठने वाले प्रत्येक विचार की शक्ति की पहचान करेंगे. इसके अलावा नकारात्मक विचारों को सकारात्मक बनाने, अवांछनीय आदतों एवं व्यवहार पर काबू पाने का कौशल इस प्रयोगशाला में सिखाया जाएगा. साथ ही विद्यार्थियों को तनाव मुक्त जीवन जीने की कला, उल्लासपूर्ण और जीवन में टिकने वाली स्थायी हैप्पीनेस के टिप्स भी दिए जाएंगे. कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय ने कहा कि विश्वविद्यालय का एकमात्र उद्देश्य सूचना और पाठ्यक्रम का सरल हस्तांतरण नहीं है, बल्कि छात्र का समग्र विकास है.
प्रोफेसर आनंद कुमार बने एडिटोरियल डायरेक्टर
लखनऊ यूनिवर्सिटी के फैकल्टी ऑफ लॉ के प्रोफेसर आनंद कुमार विश्वकर्मा को एडिटोरियल डायरेक्टर के लिए नियुक्त किया गया है. यह आदेश कुलसचिव डॉ. विनोद कुमार सिंह की तरफ से जारी किया गया है.