ETV Bharat / state

लखनऊ: धनतेरस के दिन मनाई जाएगी हनुमान जयंती

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी हनुमान जी का जन्म मेष लग्न स्वाति नक्षत्र में मंगलवार को हुआ था, जिसे 'श्री हनुमान जयंती' के रूप में मनाया जाता है.

हनुमान जयंती.
हनुमान जयंती.
author img

By

Published : Nov 12, 2020, 10:41 PM IST

लखनऊ: इस वर्ष हनुमान जयंती 13 नवंबर को मनाई जाएगी. इसी दिन धनतेरस होगा, जिसमें धातु खरीदकर समृद्धि की कामना की जाती है. धनतेरस पर भगवान धन्वंतरि की पूजा होती है. साथ ही बजरंगबली को ग्राम देवता के रूप में भी पूजा जाता है.

कार्तिक मास की त्रयोदशी 12 नवंबर को रात्रि 9:30 बजे से शुरू होगी और 13 नवंबर को शाम 6 बजे तक रहेगी. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी हनुमान जी का जन्म मेष लग्न स्वाति नक्षत्र में मंगलवार को हुआ था, जिसे श्री हनुमान जयंती के रूप में मनाया जाता है. राजधानी लखनऊ स्थित हनुमान मंदिर के बड़े पुजारी पं. यदुनाथ प्रसाद शुक्ला 13 तारीख को हनुमान जी का जन्मोत्सव मना रहे हैं.

तेल में सिंदूर के चढ़ावे से खुश होते हैं बजरंगबली
हनुमानजी के पूजन में गन्धपूर्ण तेल में सिंदूर मिलाकर उनकी प्रतिमा लगाना चाहिए. नैवेद्य में घृतपूर्ण चूरमा आदि फल अर्पण करके सुंदरकाण्ड का पाठ करना चाहिए.

कार्तिक मास की चतुर्दशी को हनुमान जयंती मनाने का कारण यह है कि लंका विजय के बाद श्रीराम जी के अयोध्या आगमन के कुछ दिनों बाद वह वानरों को वापस जाने के लिए जब विदा करने लगे तो उन्होंने सबको यथायोग्य उपहार दिए. इसी दिन माता सीता ने हनुमानजी को पहले तो अपने गले की माला पहनाई, जिसमें बड़े-बड़े बहूमूल्य मोती और अनेक कीमती रत्न दिए, परंतु इससे हनुमान जी को संतुष्टि नहीं मिली. तब उन्होंने अपने ललाट पर लगा हुआ सौभाग्य सिंदूर प्रदान किया और कहा कि इससे बढ़कर मेरे पास अधिक महत्व की कोई वस्तु नहीं हैं. अतएव तुम हर्ष के साथ धारण करो और सदैव अजर-अमर रहो. एक पुत्र के लिए इससे बड़ा आशीर्वाद और क्या हो सकता है? यही कारण है कि कार्तिक मास की चतुर्दशी को हनुमत जन्म महोत्सव मनाया जाता है और तेल सिंदूर चढ़ाया जाता है.

लखनऊ: इस वर्ष हनुमान जयंती 13 नवंबर को मनाई जाएगी. इसी दिन धनतेरस होगा, जिसमें धातु खरीदकर समृद्धि की कामना की जाती है. धनतेरस पर भगवान धन्वंतरि की पूजा होती है. साथ ही बजरंगबली को ग्राम देवता के रूप में भी पूजा जाता है.

कार्तिक मास की त्रयोदशी 12 नवंबर को रात्रि 9:30 बजे से शुरू होगी और 13 नवंबर को शाम 6 बजे तक रहेगी. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी हनुमान जी का जन्म मेष लग्न स्वाति नक्षत्र में मंगलवार को हुआ था, जिसे श्री हनुमान जयंती के रूप में मनाया जाता है. राजधानी लखनऊ स्थित हनुमान मंदिर के बड़े पुजारी पं. यदुनाथ प्रसाद शुक्ला 13 तारीख को हनुमान जी का जन्मोत्सव मना रहे हैं.

तेल में सिंदूर के चढ़ावे से खुश होते हैं बजरंगबली
हनुमानजी के पूजन में गन्धपूर्ण तेल में सिंदूर मिलाकर उनकी प्रतिमा लगाना चाहिए. नैवेद्य में घृतपूर्ण चूरमा आदि फल अर्पण करके सुंदरकाण्ड का पाठ करना चाहिए.

कार्तिक मास की चतुर्दशी को हनुमान जयंती मनाने का कारण यह है कि लंका विजय के बाद श्रीराम जी के अयोध्या आगमन के कुछ दिनों बाद वह वानरों को वापस जाने के लिए जब विदा करने लगे तो उन्होंने सबको यथायोग्य उपहार दिए. इसी दिन माता सीता ने हनुमानजी को पहले तो अपने गले की माला पहनाई, जिसमें बड़े-बड़े बहूमूल्य मोती और अनेक कीमती रत्न दिए, परंतु इससे हनुमान जी को संतुष्टि नहीं मिली. तब उन्होंने अपने ललाट पर लगा हुआ सौभाग्य सिंदूर प्रदान किया और कहा कि इससे बढ़कर मेरे पास अधिक महत्व की कोई वस्तु नहीं हैं. अतएव तुम हर्ष के साथ धारण करो और सदैव अजर-अमर रहो. एक पुत्र के लिए इससे बड़ा आशीर्वाद और क्या हो सकता है? यही कारण है कि कार्तिक मास की चतुर्दशी को हनुमत जन्म महोत्सव मनाया जाता है और तेल सिंदूर चढ़ाया जाता है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.