लखनऊ : सीबीआई के विशेष जज अजय विक्रम सिंह (Special CBI Judge Ajay Vikram Singh) ने राजधानी के एक प्रापर्टी डीलर का अपहरण कर देवरिया जेल (Property dealer assaulted in Deoria Jail) ले जाने और वहां मारने-पीटने व उससे रंगदारी वसूलने के मामले में जेल में निरुद्ध अभियुक्त हमजा अंसारी की जमानत अर्जी खारिज कर दी है. कोर्ट ने प्रथम दृष्टया इसके अपराध को गम्भीर करार दिया है. इस मामले में पूर्व सांसद अतीक अहमद व उसके लड़के मोहम्मद उमर तथा हमजा अंसारी समेत 18 अभियुक्तों के विरुद्ध आईपीसी की धारा 147, 149, 386, 329, 420, 467, 468, 471, 394, 506, 120बी, 364ए व 411 में आरोप पत्र दाखिल किया जा चुका है.
यह है मामला : 29 दिसंबर, 2018 को रियल स्टेट कारोबारी मोहित जायसवाल ने इस मामले की एफआईआर थाना कृष्णा नगर में दर्ज कराई थी. जिसके मुताबिक देवरिया जेल में निरुद्ध अतीक ने अपने गुर्गों के जरिए गोमती नगर से उसका अपहरण करा लिया. इसके बाद तंमचे के जोर पर उसे देवरिया जेल ले जाया गया. आरोप है कि अतीक ने उसे एक सादे स्टाम्प पेपर पर दस्तखत करने को कहा, उसने इनकार कर दिया तो अतीक ने अपने बेटे उमर तथा गुर्गे गुफरान, फारुख, गुलाम व इरफान के साथ मिलकर उसे तंमचे व लोहे की राड से बेतहाशा पीटा. कहा गया है कि उसके बेसुध होते ही स्टाम्प पेपर पर दस्तखत बनवा लिया और करीब 45 करोड़ रुपये की सम्पति अपने नाम करा ली. अतीक के गुर्गों ने उसकी एसयूवी गाड़ी भी लूट ली.
इस मामले को 23 अप्रैल, 2019 को सुप्रीम कोर्ट ने एक आदेश पारित कर इस मामले की जांच सीबीआई को सौंप दिया था. 12 जून, 2019 को सुप्रीम कोर्ट के आदेश से सीबीआई ने इस मामले में एफआईआर दर्ज कर जांच शुरु की थी. सीबीआई ने विवेचना के दौरान चार पूरक आरोप पत्र में 10 अभियुक्तों को आरोपी बनाया जबकि इससे पहले पुलिस ने अतीक अहमद समेत आठ अभियुक्तों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था.
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