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लखनऊ: धूमधाम से मनाया गया गुरु पूर्णिमा का पर्व

श्री योगेश्वर इंटर कॉलेज में गुरु पूर्णिमा पर्व मनाया गया. इस दौरान सभी ने गुरु शिष्य की पुरानी यादों को साझा किया.

मनाया गया गुरु पूर्णिमा.
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Published : Jul 16, 2019, 9:42 PM IST

लखनऊ: मेहंदीगंज स्थित श्री योगेश्वर इंटर कॉलेज में भक्ति भाव और गुरु महत्व परंपरा के आधार पर मंगलवार को गुरु पूर्णिमा पर्व मनाया गया. इसमें वरिष्ठ साहित्यकार सर्वेश अस्थाना और भाजपा विधायक सुरेश श्रीवास्तव ने भाग लिया. इस दौरान सभी ने गुरु शिष्य की पुरानी यादों को ताजा किया.

मनाया गया गुरु पूर्णिमा.

सुरेश श्रीवास्तव ने कहा कि भारतीय संस्कृति चिरंतन संस्कृति है. इस संस्कृति में गुरु और शिष्य की परंपरा का बड़ा महत्व है. माता-पिता भी गुरु होते हैं. माता पिता के बाद गुरु का श्रेष्ठ स्थान है.


सर्वेश अस्थाना ने बताया कि पहले के समय में जो शिक्षा थी, उसमें नैतिक शिक्षा बहुत जरूरी थी. नैतिक शिक्षा में हमें बड़ों, छोटों, साथियों और शिक्षकों के साथ कैसा व्यवहार करना चाहिए बताया जाता था. कक्षा 8 तक गुरु मिले उसके बाद टीचर्स मिले, जिन्होंने हमें नॉलेज तो दी पर ज्ञान नहीं दिया.

लखनऊ: मेहंदीगंज स्थित श्री योगेश्वर इंटर कॉलेज में भक्ति भाव और गुरु महत्व परंपरा के आधार पर मंगलवार को गुरु पूर्णिमा पर्व मनाया गया. इसमें वरिष्ठ साहित्यकार सर्वेश अस्थाना और भाजपा विधायक सुरेश श्रीवास्तव ने भाग लिया. इस दौरान सभी ने गुरु शिष्य की पुरानी यादों को ताजा किया.

मनाया गया गुरु पूर्णिमा.

सुरेश श्रीवास्तव ने कहा कि भारतीय संस्कृति चिरंतन संस्कृति है. इस संस्कृति में गुरु और शिष्य की परंपरा का बड़ा महत्व है. माता-पिता भी गुरु होते हैं. माता पिता के बाद गुरु का श्रेष्ठ स्थान है.


सर्वेश अस्थाना ने बताया कि पहले के समय में जो शिक्षा थी, उसमें नैतिक शिक्षा बहुत जरूरी थी. नैतिक शिक्षा में हमें बड़ों, छोटों, साथियों और शिक्षकों के साथ कैसा व्यवहार करना चाहिए बताया जाता था. कक्षा 8 तक गुरु मिले उसके बाद टीचर्स मिले, जिन्होंने हमें नॉलेज तो दी पर ज्ञान नहीं दिया.

Intro:'कक्षा 8 तक गुरु, उसके बाद मिले टीचर'

श्री योगेश्वर इंटर कॉलेज में गुरु पूर्णिमा के मौके पर पहुंचे पूर्व छात्र व वरिष्ठ साहित्यकार सर्वेश अस्थाना ने कहा

लखनऊ। प्राणों से बढ़कर मूल्यवान
होती स्वदेश की माटी है
लहू से इसे सींचने की
युग से प्रचलित परिपाटी है
यह माटी सोना उपजाति
इसमें मानवता पलती है
जहां शत्रु का पांव पड़ा
यह ज्वाला बन जाती है...
निशंक जी की इन पंक्तियों के साथ स्माइल मैन व वरिष्ठ साहित्यकार सर्वेश अस्थाना ने कहा कक्षा 8 तक गुरु मिले उसके बाद मिले टीचर्स। जिन्होंने हमें नॉलेज तो दी पर ज्ञान नहीं दिया। मौका था मेहंदी गंज स्थित श्री योगेश्वर इंटर कॉलेज में गुरु पूर्णिमा पर्व का। इस मौके पर जहां पूर्व छात्र रहे स्माइल मैन सर्वेश अस्थाना ने कविता पाठ किया, वहीं शिक्षकों ने भी गुरु शिष्य की पुरानी यादों को ताजा किया।


Body:राजधानी के मेहंदी गंज स्थित श्री योगेश्वर इंटर कॉलेज में भक्ति भाव व गुरु महत्त्व परंपरा के आधार पर गुरु पूर्णिमा पर्व मनाया गया।

बाइट वन- सुरेश श्रीवास्तव, पश्चिम विधानसभा क्षेत्र
भारतीय संस्कृति यह चिरंतन संस्कृति है। इस संस्कृति में गुरु व शिष्य की परंपरा का बड़ा महत्व है। माता पिता भी गुरु होते हैं। माता पिता के बाद गुरु का श्रेष्ठ स्थान है।

बाइट दो - सर्वेश अस्थाना, वरिष्ठ साहित्यकार
पहले के समय में जो शिक्षा थी उसमें नैतिक शिक्षा बहुत जरूरी थी। नैतिक शिक्षा इसलिए सिखाई जाती थी कि हम बड़ों के साथ कैसा व्यवहार करें, छोटों के साथ कैसा व्यवहार करें, साथियों के साथ कैसा व्यवहार करें, शिक्षकों के साथ कैसा व्यवहार करें, पशु पक्षियों के साथ कैसा व्यवहार करें इसलिए पढ़ाई जाती थी।



Conclusion:राहुल श्रीवास्तव, लखनऊ
8318787082
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