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गंगा एक्सप्रेस-वे प्रोजेक्ट के लिए गाइडलाइन जारी, वित्तीय सलाहकार नियुक्त - औद्योगिक विकास विभाग

औद्योगिक विकास विभाग ने गंगा एक्सप्रेस-वे प्रोजेक्ट के लिए गाइडलाइन जारी कर दी है. इसके साथ ही सरकार ने एसबीआई कैपिटल मार्केट्स लिमिटेड को इसका वित्तीय सलाहकार नियुक्त किया है. गंगा एक्सप्रेस-वे मेरठ से प्रयागराज तक प्रस्तावित है. यह 594 किलोमीटर लंबा होगा.

up expressway industrial development authority
गंगा एक्सप्रेस-वे प्रोजेक्ट के लिए गाइडलाइन जारी.
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Published : Nov 27, 2020, 3:29 PM IST

लखनऊ: मेरठ से प्रयागराज तक प्रस्तावित 594 किलोमीटर लंबे गंगा एक्सप्रेस-वे के निर्माण से संबंधित गाइडलाइन जारी कर दी गई है. औद्योगिक विकास विभाग की तरफ से यह प्रोजेक्ट क्रियान्वयन की गाइडलाइन जारी की गई है. गंगा एक्सप्रेस-वे के लिए बैंकों से लोन लेने के साथ बाहरी संस्थाओं से ऋण लेने या निवेशकों की तलाश करने के लिए वित्तीय सलाहकार की भी नियुक्ति की गई है. सरकार ने एसबीआई कैपिटल मार्केट्स लिमिटेड को वित्तीय सलाहकार नियुक्त किया है. इसके लिए 50 लाख रुपये की फीस भी दी जाएगी.

अपर मुख्य सचिव ने जारी की गाइडलाइन
औद्योगिक विकास विभाग के अपर मुख्य सचिव आलोक कुमार ने एक्सप्रेस-वे परियोजना के क्रियान्वयन से संबंधित गाइडलाइन जारी की है. उन्होंने यूपीडा को भूमि अधिग्रहण का कार्य 6 महीने में पूरा करते हुए जून 2021 से एक्सप्रेस-वे का निर्माण कार्य शुरू करने के भी निर्देश दिए हैं. इसके साथ ही मेरठ से प्रयागराज तक बनने वाले इस 594 किलोमीटर लंबे एक्सप्रेस-वे के निर्माण के लिए आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे के टोल प्लाजा को टोल ऑपरेट एंड ट्रांसफर (टीओटी) के आधार पर लंबे समय के लिए ठेके पर देने की बात भी कही गई है.

टोल प्लाजा से मिलने वाली धनराशि निर्माण पर होगी खर्च
टोल प्लाजा से मिलने वाली धनराशि का उपयोग एक्सप्रेस-वे के निर्माण में किया जाएगा. इसके साथ ही निर्माण में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश एफडीआई और पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप पीपीपी मोड पर निर्माण कराने के लिए निवेशकों की तलाश भी की जाएगी. अपर मुख्य सचिव आलोक कुमार के मुताबिक, आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे पर स्थित टोल प्लाजा को टीओटी के आधार पर किसी फर्म को 15 से 20 साल के लिए दिया जाएगा. इस टोल प्लाजा से करीब 400 करोड़ रुपये की वार्षिक आय होती है. फर्म से आगामी 15-20 वर्ष की राशि एकमुश्त लेकर उसका उपयोग गंगा एक्सप्रेस-वे के निर्माण पर किया जाएगा.

निर्माण में खर्च होगा 36 हजार करोड़
औद्योगिक विकास विभाग के अपर मुख्य सचिव आलोक कुमार ने बताया कि इस गंगा एक्सप्रेस-वे के निर्माण पर 36 हजार 410 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है. परियोजना के लिए ग्राम सभा की जमीन नि:शुल्क दी जाएगी. जबकि किसानों की जमीन खरीदने और वनभूमि लेने के लिए हुडको से लोन लिया जाएगा.

यूपीडा में होगी 269 लोगों की भर्ती
गंगा एक्सप्रेस-वे के समयबद्ध निर्माण के लिए यूपीडा में अधिकारियों और कर्मचारियों के करीब 269 पद भी सृजित किए जाएंगे, जिससे इस काम को तेजी मिल सके. इसमें प्रोजेक्ट मॉनिटरिंग अधिकारी, इंजीनियर सहित तमाम अन्य पदों पर भर्ती प्रक्रिया शुरू की जाएगी.

लखनऊ: मेरठ से प्रयागराज तक प्रस्तावित 594 किलोमीटर लंबे गंगा एक्सप्रेस-वे के निर्माण से संबंधित गाइडलाइन जारी कर दी गई है. औद्योगिक विकास विभाग की तरफ से यह प्रोजेक्ट क्रियान्वयन की गाइडलाइन जारी की गई है. गंगा एक्सप्रेस-वे के लिए बैंकों से लोन लेने के साथ बाहरी संस्थाओं से ऋण लेने या निवेशकों की तलाश करने के लिए वित्तीय सलाहकार की भी नियुक्ति की गई है. सरकार ने एसबीआई कैपिटल मार्केट्स लिमिटेड को वित्तीय सलाहकार नियुक्त किया है. इसके लिए 50 लाख रुपये की फीस भी दी जाएगी.

अपर मुख्य सचिव ने जारी की गाइडलाइन
औद्योगिक विकास विभाग के अपर मुख्य सचिव आलोक कुमार ने एक्सप्रेस-वे परियोजना के क्रियान्वयन से संबंधित गाइडलाइन जारी की है. उन्होंने यूपीडा को भूमि अधिग्रहण का कार्य 6 महीने में पूरा करते हुए जून 2021 से एक्सप्रेस-वे का निर्माण कार्य शुरू करने के भी निर्देश दिए हैं. इसके साथ ही मेरठ से प्रयागराज तक बनने वाले इस 594 किलोमीटर लंबे एक्सप्रेस-वे के निर्माण के लिए आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे के टोल प्लाजा को टोल ऑपरेट एंड ट्रांसफर (टीओटी) के आधार पर लंबे समय के लिए ठेके पर देने की बात भी कही गई है.

टोल प्लाजा से मिलने वाली धनराशि निर्माण पर होगी खर्च
टोल प्लाजा से मिलने वाली धनराशि का उपयोग एक्सप्रेस-वे के निर्माण में किया जाएगा. इसके साथ ही निर्माण में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश एफडीआई और पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप पीपीपी मोड पर निर्माण कराने के लिए निवेशकों की तलाश भी की जाएगी. अपर मुख्य सचिव आलोक कुमार के मुताबिक, आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे पर स्थित टोल प्लाजा को टीओटी के आधार पर किसी फर्म को 15 से 20 साल के लिए दिया जाएगा. इस टोल प्लाजा से करीब 400 करोड़ रुपये की वार्षिक आय होती है. फर्म से आगामी 15-20 वर्ष की राशि एकमुश्त लेकर उसका उपयोग गंगा एक्सप्रेस-वे के निर्माण पर किया जाएगा.

निर्माण में खर्च होगा 36 हजार करोड़
औद्योगिक विकास विभाग के अपर मुख्य सचिव आलोक कुमार ने बताया कि इस गंगा एक्सप्रेस-वे के निर्माण पर 36 हजार 410 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है. परियोजना के लिए ग्राम सभा की जमीन नि:शुल्क दी जाएगी. जबकि किसानों की जमीन खरीदने और वनभूमि लेने के लिए हुडको से लोन लिया जाएगा.

यूपीडा में होगी 269 लोगों की भर्ती
गंगा एक्सप्रेस-वे के समयबद्ध निर्माण के लिए यूपीडा में अधिकारियों और कर्मचारियों के करीब 269 पद भी सृजित किए जाएंगे, जिससे इस काम को तेजी मिल सके. इसमें प्रोजेक्ट मॉनिटरिंग अधिकारी, इंजीनियर सहित तमाम अन्य पदों पर भर्ती प्रक्रिया शुरू की जाएगी.

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