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उद्योगों को सरल बनाने के लिए दिशा-निर्देश जारी

यूपी के लखनऊ में शुक्रवार को नए उद्योगों की इकाइयों की स्थापना व कारोबार को गति देने के लिए मुख्य सचिव ने कई विभागों के प्रमुखों के साथ बैठक की. इस दौरान विभागों को दिशा-निर्देश जारी किए गए.

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Published : Jan 22, 2021, 10:04 PM IST

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ

लखनऊः उत्तर प्रदेश में नए उद्योगों की इकाइयों की स्थापना व कारोबार को गति देने के उद्देश्य से शुक्रवार को मुख्य सचिव द्वारा कई विभागों के प्रमुखों के साथ बैठक की गई है. इस दौरान विभागों को दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं. मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी ने वन व पर्यावरण विभाग को नीतियों में संशोधन करने के लिए कहा है. निर्देश जारी होने के बाद अब प्रदेश में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से संबंधित एनओसी लेने की समय सीमा को घटाकर 30 से 45 दिन कर दिया गया है. पहले यह अवधि 120 दिन थी. साथ ही विभिन्न विभागों को उद्योग से जुड़े सभी कागजात पोर्टल पर उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं.

नियम व कानूनों में संशोधन करने के निर्देश
उत्तर प्रदेश में नए औद्योगिक इकाइयों की स्थापना और उनके संचालन के लिए प्रदेश सरकार की तरफ से विभागों को दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं. मौजूदा नीतियों में बदलाव के बाद उद्यमियों को प्रदेश में कारोबार करने के लिए लंबे समय तक इंतजार नहीं करना पड़ेगा. इसके लिए मुख्य सचिव राजेंद्र तिवारी ने वन व पर्यावरण विभाग को निर्देशित करते हुए कहा है कि अभी तक उद्यमियों को अनापत्ति पत्र लेने के लिए 120 दिन का समय लगता था. उन्होंने कहा कि इसकी समय सीमा को घटाते हुए 30 दिन से 45 दिन की जाए. साथ ही अन्य कई नीतियों में संशोधन करने के लिए कहा गया है.

31 मार्च तारीख की निर्धारित
विभागों को सिंगल विंडो पोर्टल, निवेश मित्र के माध्यम से उद्यमियों के आवेदन स्वीकार करने पर भी जोर दिया गया है. इन्होंने अपर मुख्य सचिव और प्रमुख सचिव द्वारा पोर्टल पर प्राप्त यूजर फीडबैक की समीक्षा करने के लिए भी कहा है. इसके लिए एक महीने का समय निर्धारित किया गया है. मुख्य सचिव ने श्रम विभाग, गृह विभाग, नगर विकास, आबकारी विभाग, बेसिक शिक्षा आदि विभागों को अनावश्यक नियमों और कानूनों को समाप्त व उनका विलय करने के लिए कहा है. इसके अनुपालन के लिए 31 मार्च 2021 की तारीख निर्धारित की गई है.

25 विभागों की 176 सेवाएं ऑनलाइन
बैठक में उपस्थित अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त आलोक टंडन ने विभागों को निर्देश जारी करते हुए कहा है कि उद्यमियों के आवेदनों एवं शिकायतों का निस्तारण तय समय पर किया जाए. निवेश मित्र डैश बोर्ड की नियमित समीक्षा करने पर भी जोर दिया गया है. बैठक के दौरान अपर मुख्य सचिव आलोक कुमार ने बताया कि उद्योगों की स्थापना को सरल बनाने के लिए विभिन्न विभागों के नियमों में बदलाव किए जा रहे हैं. उन्होंने बताया कि मौजूदा दौर में निवेश मित्र पोर्टल के माध्यम से 25 विभागों की 176 ऑनलाइन सेवाएं प्रदान की जा रही हैं. इसके साथ ही उद्योगों से जुड़े हुए सभी कागजात को ऑनलाइन करने के निर्देश जारी किए गए हैं.

लखनऊः उत्तर प्रदेश में नए उद्योगों की इकाइयों की स्थापना व कारोबार को गति देने के उद्देश्य से शुक्रवार को मुख्य सचिव द्वारा कई विभागों के प्रमुखों के साथ बैठक की गई है. इस दौरान विभागों को दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं. मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी ने वन व पर्यावरण विभाग को नीतियों में संशोधन करने के लिए कहा है. निर्देश जारी होने के बाद अब प्रदेश में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से संबंधित एनओसी लेने की समय सीमा को घटाकर 30 से 45 दिन कर दिया गया है. पहले यह अवधि 120 दिन थी. साथ ही विभिन्न विभागों को उद्योग से जुड़े सभी कागजात पोर्टल पर उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं.

नियम व कानूनों में संशोधन करने के निर्देश
उत्तर प्रदेश में नए औद्योगिक इकाइयों की स्थापना और उनके संचालन के लिए प्रदेश सरकार की तरफ से विभागों को दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं. मौजूदा नीतियों में बदलाव के बाद उद्यमियों को प्रदेश में कारोबार करने के लिए लंबे समय तक इंतजार नहीं करना पड़ेगा. इसके लिए मुख्य सचिव राजेंद्र तिवारी ने वन व पर्यावरण विभाग को निर्देशित करते हुए कहा है कि अभी तक उद्यमियों को अनापत्ति पत्र लेने के लिए 120 दिन का समय लगता था. उन्होंने कहा कि इसकी समय सीमा को घटाते हुए 30 दिन से 45 दिन की जाए. साथ ही अन्य कई नीतियों में संशोधन करने के लिए कहा गया है.

31 मार्च तारीख की निर्धारित
विभागों को सिंगल विंडो पोर्टल, निवेश मित्र के माध्यम से उद्यमियों के आवेदन स्वीकार करने पर भी जोर दिया गया है. इन्होंने अपर मुख्य सचिव और प्रमुख सचिव द्वारा पोर्टल पर प्राप्त यूजर फीडबैक की समीक्षा करने के लिए भी कहा है. इसके लिए एक महीने का समय निर्धारित किया गया है. मुख्य सचिव ने श्रम विभाग, गृह विभाग, नगर विकास, आबकारी विभाग, बेसिक शिक्षा आदि विभागों को अनावश्यक नियमों और कानूनों को समाप्त व उनका विलय करने के लिए कहा है. इसके अनुपालन के लिए 31 मार्च 2021 की तारीख निर्धारित की गई है.

25 विभागों की 176 सेवाएं ऑनलाइन
बैठक में उपस्थित अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त आलोक टंडन ने विभागों को निर्देश जारी करते हुए कहा है कि उद्यमियों के आवेदनों एवं शिकायतों का निस्तारण तय समय पर किया जाए. निवेश मित्र डैश बोर्ड की नियमित समीक्षा करने पर भी जोर दिया गया है. बैठक के दौरान अपर मुख्य सचिव आलोक कुमार ने बताया कि उद्योगों की स्थापना को सरल बनाने के लिए विभिन्न विभागों के नियमों में बदलाव किए जा रहे हैं. उन्होंने बताया कि मौजूदा दौर में निवेश मित्र पोर्टल के माध्यम से 25 विभागों की 176 ऑनलाइन सेवाएं प्रदान की जा रही हैं. इसके साथ ही उद्योगों से जुड़े हुए सभी कागजात को ऑनलाइन करने के निर्देश जारी किए गए हैं.

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