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लखनऊः स्वच्छ भारत मिशन की सच्चाई, आज भी कोसों दूर है विकास से यह गांव - mohanlalganj development block

राजधानी लखनऊ में मोहनलालगंज विकासखंड के गांव मरूई में विकास की कल्पना कोसों दूर हैं. जब ईटीवी भारत ने गांव की स्थिति का जायजा लिया तो ग्रामीणों ने कहा कि यहां बीस सालों से विकास कार्य नहीं हुआ है.

मरूई गांव में नहीं हुआ है विकास कार्य.
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Published : Oct 5, 2019, 6:49 AM IST

लखनऊः केंद्र सरकार की चलाई जा रही स्वच्छ भारत मिशन गांव तक पहुंचते-पहुंचते अपना दम तोड़ रही है. कुछ ऐसा ही देखने को मिल रहा है मोहनलालगंज विकासखंड के मरूई गांव में. यहां कच्ची सड़कें हैं, विकास कार्य ठप पड़े हैं और जिम्मेदार खामोश हैं. गांव के ग्रामीणों का कहना है कि पिछले बीस सालों से गांव की सूरत नहीं बदली है.

स्वच्छ भारत मिशन की ग्राउंड रिपोर्ट.

बीस सालों से नहीं बदली गांव की तस्वीर
राजधानी लखनऊ के कई ऐसे गांव हैं, जहां तक स्वच्छ भारत अभियान सिर्फ कागजों में ही पहुंच पाया है. ईटीवी भारत ने जब राजधानी लखनऊ के मोहनलालगंज विकासखंड के अंतर्गत आने वाले मरूई गांव के लोगों से सूरते हाल जानना चाहा तो उनका कहना था कि पिछले बीस-पच्चीस सालों से गांव की सूरत में कोई भी बदलाव नहीं हुआ है. विकास कार्य ठप पड़े हुए हैं.

पढ़ें- लखीमपुर खीरी: कटान में तबाह हो गए गांव, 4 साल से सड़क पर है आशियाना

कीचड़ युक्त कच्ची सड़कों से हो रहा आवागमन
लोगों का कहना है कि गांव में सड़क तक नहीं है. बारिश के मौसम में लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. लोगों का कहना है कि गांव में कोई भी जनप्रतिनिधि और सरकारी अधिकारी नहीं आता है. गांव की समस्याओं को लेकर कई बार तहसील दिवस पर भी शिकायत की गई लेकिन किसी भी जिम्मेदार अधिकारी ने ध्यान नहीं दिया है. वहीं ग्राम प्रधान पर भी आरोप लगाते हुए लोगों ने कहा कि ग्राम प्रधान ने भी समस्याओं को अनदेखा किया है.

लखनऊः केंद्र सरकार की चलाई जा रही स्वच्छ भारत मिशन गांव तक पहुंचते-पहुंचते अपना दम तोड़ रही है. कुछ ऐसा ही देखने को मिल रहा है मोहनलालगंज विकासखंड के मरूई गांव में. यहां कच्ची सड़कें हैं, विकास कार्य ठप पड़े हैं और जिम्मेदार खामोश हैं. गांव के ग्रामीणों का कहना है कि पिछले बीस सालों से गांव की सूरत नहीं बदली है.

स्वच्छ भारत मिशन की ग्राउंड रिपोर्ट.

बीस सालों से नहीं बदली गांव की तस्वीर
राजधानी लखनऊ के कई ऐसे गांव हैं, जहां तक स्वच्छ भारत अभियान सिर्फ कागजों में ही पहुंच पाया है. ईटीवी भारत ने जब राजधानी लखनऊ के मोहनलालगंज विकासखंड के अंतर्गत आने वाले मरूई गांव के लोगों से सूरते हाल जानना चाहा तो उनका कहना था कि पिछले बीस-पच्चीस सालों से गांव की सूरत में कोई भी बदलाव नहीं हुआ है. विकास कार्य ठप पड़े हुए हैं.

पढ़ें- लखीमपुर खीरी: कटान में तबाह हो गए गांव, 4 साल से सड़क पर है आशियाना

कीचड़ युक्त कच्ची सड़कों से हो रहा आवागमन
लोगों का कहना है कि गांव में सड़क तक नहीं है. बारिश के मौसम में लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. लोगों का कहना है कि गांव में कोई भी जनप्रतिनिधि और सरकारी अधिकारी नहीं आता है. गांव की समस्याओं को लेकर कई बार तहसील दिवस पर भी शिकायत की गई लेकिन किसी भी जिम्मेदार अधिकारी ने ध्यान नहीं दिया है. वहीं ग्राम प्रधान पर भी आरोप लगाते हुए लोगों ने कहा कि ग्राम प्रधान ने भी समस्याओं को अनदेखा किया है.

Intro:जहां एक तरफ पूरा देश राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जन्म जयंती मना रहा है वही केंद्र सरकार द्वारा चलाए जा रहे स्वच्छ भारत मिशन गांव तक पहुंचते-पहुंचते अपना दम तोड़ रहे हैं। स्वच्छ भारत अभियान के तहत 2 अक्टूबर 2014 को मिशन की शुरुआत हुई जिसमें देश को स्वच्छता से जुड़ने का प्रधानमंत्री ने संदेश दिया।


Body:राजधानी लखनऊ के कई ऐसे गांव हैं जहां तक स्वच्छ भारत अभियान सिर्फ कागजों में ही पहुंच पाया है। ईटीवी भारत यह जानने निकला कि कितना बदलाव गांव में आया है कितनी बदली है गांव की सूरत जब हमने राजधानी लखनऊ के मोहनलालगंज विकासखंड के अंतर्गत आने वाले मरूई गांव के लोगों से सूरते हाल जानना चाहा उनका कहना था कि पिछले बीस पच्चीस सालों से गांव की सूरत में कोई भी बदलाव नहीं हुआ है विकास कार्य ठप पड़े हुए हैं।

लोगों का कहना है कि गांव में सड़क तक नहीं है बारिश के मौसम में लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है कई लोग टूटी सड़क पर गिर भी जाते हैं वही राहगीरों से पूछने पर पता चला कि जब वह अपने ऑफिस निकलते हैं तो कई बार गिर जाते हैं और वापस उनको फिर से घर जाना पड़ता है।

लोगों का कहना है कि गांव में कोई भी जनप्रतिनिधि या सरकारी अधिकारी नहीं आता है कई बार तहसील दिवस पर भी शिकायत की गई गांव की समस्याओं को लेकर लेकिन किसी भी जिम्मेदार अधिकारी ने ध्यान नहीं दिया है वही ग्राम प्रधान पर भी आरोप लगाते हुए लोगों ने कहा कि ग्राम प्रधान द्वारा भी समस्याओं को अनदेखा किया जा रहा है।

वॉक थ्रू- योगेश मिश्रा ( ग्रामीणों के साथ)


Conclusion:ऐसे में देखने वाली बात होगी जहां एक तरफ सरकार स्वच्छ भारत अभियान को एक मिशन की तरह चला रही है लोगों तक स्वच्छता का संदेश पहुंचा रही है वहीं उसके जिम्मेदार अधिकारी आंख मूंद कर बैठे हुए हैं। सत्ता के शीर्ष कहे जाने वाले राजधानी लखनऊ के गांव का सूरते हाल जब ऐसा है तो बाकी प्रदेश का हाल क्या होगा यह एक बड़ा सवाल है।

योगेश मिश्रा लखनऊ
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