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कैंसर के लिए तंबाकू से भी कई गुना ज्यादा खतरनाक है केमिकल वाली हरी सब्जियां - लखनऊ का समाचार

केमिकल वाली हरी सब्जियां आजकल लोगों में कैंसर की वजह बन रही हैं. ये तंबाकू से कई गुना ज्यादा खतरनाक हैं.

तंबाकू से भी कई गुना ज्यादा खतरनाक है केमिकल वाली हरी सब्जियां
तंबाकू से भी कई गुना ज्यादा खतरनाक है केमिकल वाली हरी सब्जियां
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Published : Jul 17, 2021, 10:54 PM IST

लखनऊः हरी सब्जियों से भी कैंसर हो सकता है, ऐसा किसी ने सोचा भी न होगा. लेकिन इस समय केमिकल वाली बाजार में हरी सब्जियां जो आ रही हैं, वो सेहत के लिए बेहद खतरनाक है. इसको लेकर केजीएमयू के डॉक्टरों ने पहले भी रिसर्च किया था. हाल ही में बीबीएस के पर्यावरण विज्ञान विभाग के डॉक्टर राणा प्रताप सिंह ने रिसर्च किया. इस शोध में शहर में हर कोने में बिक रही कई सब्जियों में कार्सिनोजेनिक यानि कैंसरकारक पदार्थ की मात्रा स्तर से कई गुना मिली है. कई सब्जियों में लेड स्वीकृत स्तर से 50 गुना मिला है. यहां तक कि पुदीना और हरी मिर्च में भी निकिल, और कैडमियम की मात्रा कई गुना मिली है, जो लोगों की सेहद के लिए बेहद नकसानदेह है.

8 सब्जियों के 294 नमूने

बीबीएयू के पर्यावरण विज्ञान विभाग के डीन डॉक्टर राणा प्रताप सिंह और शोध छात्र प्रदीप कुमार ने शहर में बिक रहीं सब्जियों में खतरनाक रसायनों पर शोध किया है. इससे जुड़ा शोधपत्र इंटरनेशनल जर्नल ऑफ इन्वॉयरमेंट रिसर्च (आईजीईआर) में बीते दिनों प्रकाशित हुआ था. उन्होंने बताया कि शोध के लिए मंडियों से आठ सब्जियों 294 नमूने लिए गए. फिर लैब में इनकी जांच की गई. स्टडी में दावा किया गया है कि 'जहरीली' सब्जियों के कारण सिर्फ राजधानी में 29 लाख लोग प्रभावित हो रहे हैं. जबकि केजीएमयू के कैंसर विभाग के विशेषज्ञ डॉक्टर गितिका बताती हैं कि अस्पताल पहले भी इस पर शोध कर चुका है. लोगों को यही हिदायत दी जाती है कि सब्जियों को धोकर रखें. स्वच्छता का विशेष ख्याल रखें. केमिकल वाले पदार्थ आपकी इम्युनिटी पर गहरा प्रभाव डालता है. डॉक्टर बताती है कि लोगों को हमेशा कहा जाता है पौष्टिक आहार लें. खाने में हरी सब्जियों को जरूर शामिल करें. लेकिन अब लोगों को बताते हैं बाजार में बगैर मौसम के कोई सब्जी न लें. जिसे कैमिकल से पकाया जाता है.

तंबाकू से भी कई गुना ज्यादा खतरनाक है केमिकल वाली हरी सब्जियां
इन सब्जियों का लिया गया नमूना

डॉक्टर राणा बताते है कि शोध में करीब 8 सब्जियों का सैंपल लिया गया. जिसमें पालक, टमाटर, चुकंदर, करेला, फूलगोभी, पत्तागोभी, पुदीना और हरी मिर्च शामिल हैं. इन सब्जियों को शहर के कई बाजारों से लिया गया. भूतनाथ, मोहनलालगंज, साउथ सिटी, दुबग्गा मंडी के साथ अलग-अलग कॉलोनियों में दुकानों से भी सब्जियां ली गईं.

हो सकती है ये बीमारियां

डॉक्टर गितिका ने बताया कि शरीर में ज्यादा लेड पहुंचने से हार्ट अटैक, कैंसर, दिमाग पर असर और किडनी फेल्योर के खतरे के साथ इम्युनिटी सिस्टम कमजोर हो सकता है. रोजाना अस्पताल में लगभग 4 से 5 केस ऐसे आते है. जिन्होंने अपनी जिंदगी में कभी तंबाकू नही खाया न मादक पदार्थ का सेवन किया. लेकिन फिर भी उन्हें कैंसर हो गया. बाद में रिसर्च के बाद पता चला कि सब्जियों में केमिकल की मात्रा अधिक डालकर पकाया जाता है. जो मादक पदार्थ से कही गुना ज्यादा खतरनाक होता है. इसी तरह जिंक और कॉपर की ज्यादा मात्रा लेने से पाचन क्रिया खराब करने के अलावा हड्डियों को कमजोर हो जाती हैं. कैडमियम की मात्रा बढ़ने पर गैस सबंधित शिकायत बढ़ सकती हैं.

जांच की विधि

डॉक्टर राणा बताते हैं कि सब्जी धोकर सुखाया गया. जिसे बारीक टुकड़ों में काटकर हॉट एअर ओवन में दोबारा सुखाया. जिसके बाद मिक्सी में पीस कर पाउडर बनाया. इसमें 15 मिली एक्वा मिक्सर डाला. एक्वा मिक्सर में 2:1 के अनुपात में नाइट्रिक एसिड और परफ्लोरिक एसिड था. फिर हॉट प्लेट पर 80 डिग्री तापमान पर गर्म किया. साफ सोल्यूशन मिलने पर ठंडा कर 15 मिली पानी मिलाया. इसके बाद इंडक्टिव कपल प्लाजमा ऑप्टिकल इमिशन एस्पेक्ट्रोस्कोपी (आईसीपीओईएस) से जांच की.

बचाव

- बगैर मौसम के सब्जियां न ले. जिस मौसम में जो सब्जी आती है, उसी का सेवन करें.
- फ्रीज में रखने से पहले धो लें.
- सब्जी बनाने से पहले अच्छी तरह धोएं.
- पानी और नमक में भी सब्जी को धोया जा सकता है.
- मंडी में छोटे विक्रेताओं से सब्जी खरीदें.

शोध में पाए गए केमिकल

धातु

मौजूद स्तर स्वीकृत स्तर

(माइक्रोग्राम/ग्राम में)

लेड 0.2 से 25/0.1
कैडमियम0.06 से 1.89/0.5
कोबाल्ट0.16 से 1.70/0.5
तांबा 3.19 से 23.99/40
निकल 3.57 से 23.29/10
क्रोमियम 4.16 से 40.01/2.3
आयरन153.48 से 2817.5/425
जिंक 22.03 से 252.10/ 100
मैंगनीज4.50 से 214.26/50

लखनऊः हरी सब्जियों से भी कैंसर हो सकता है, ऐसा किसी ने सोचा भी न होगा. लेकिन इस समय केमिकल वाली बाजार में हरी सब्जियां जो आ रही हैं, वो सेहत के लिए बेहद खतरनाक है. इसको लेकर केजीएमयू के डॉक्टरों ने पहले भी रिसर्च किया था. हाल ही में बीबीएस के पर्यावरण विज्ञान विभाग के डॉक्टर राणा प्रताप सिंह ने रिसर्च किया. इस शोध में शहर में हर कोने में बिक रही कई सब्जियों में कार्सिनोजेनिक यानि कैंसरकारक पदार्थ की मात्रा स्तर से कई गुना मिली है. कई सब्जियों में लेड स्वीकृत स्तर से 50 गुना मिला है. यहां तक कि पुदीना और हरी मिर्च में भी निकिल, और कैडमियम की मात्रा कई गुना मिली है, जो लोगों की सेहद के लिए बेहद नकसानदेह है.

8 सब्जियों के 294 नमूने

बीबीएयू के पर्यावरण विज्ञान विभाग के डीन डॉक्टर राणा प्रताप सिंह और शोध छात्र प्रदीप कुमार ने शहर में बिक रहीं सब्जियों में खतरनाक रसायनों पर शोध किया है. इससे जुड़ा शोधपत्र इंटरनेशनल जर्नल ऑफ इन्वॉयरमेंट रिसर्च (आईजीईआर) में बीते दिनों प्रकाशित हुआ था. उन्होंने बताया कि शोध के लिए मंडियों से आठ सब्जियों 294 नमूने लिए गए. फिर लैब में इनकी जांच की गई. स्टडी में दावा किया गया है कि 'जहरीली' सब्जियों के कारण सिर्फ राजधानी में 29 लाख लोग प्रभावित हो रहे हैं. जबकि केजीएमयू के कैंसर विभाग के विशेषज्ञ डॉक्टर गितिका बताती हैं कि अस्पताल पहले भी इस पर शोध कर चुका है. लोगों को यही हिदायत दी जाती है कि सब्जियों को धोकर रखें. स्वच्छता का विशेष ख्याल रखें. केमिकल वाले पदार्थ आपकी इम्युनिटी पर गहरा प्रभाव डालता है. डॉक्टर बताती है कि लोगों को हमेशा कहा जाता है पौष्टिक आहार लें. खाने में हरी सब्जियों को जरूर शामिल करें. लेकिन अब लोगों को बताते हैं बाजार में बगैर मौसम के कोई सब्जी न लें. जिसे कैमिकल से पकाया जाता है.

तंबाकू से भी कई गुना ज्यादा खतरनाक है केमिकल वाली हरी सब्जियां
इन सब्जियों का लिया गया नमूना

डॉक्टर राणा बताते है कि शोध में करीब 8 सब्जियों का सैंपल लिया गया. जिसमें पालक, टमाटर, चुकंदर, करेला, फूलगोभी, पत्तागोभी, पुदीना और हरी मिर्च शामिल हैं. इन सब्जियों को शहर के कई बाजारों से लिया गया. भूतनाथ, मोहनलालगंज, साउथ सिटी, दुबग्गा मंडी के साथ अलग-अलग कॉलोनियों में दुकानों से भी सब्जियां ली गईं.

हो सकती है ये बीमारियां

डॉक्टर गितिका ने बताया कि शरीर में ज्यादा लेड पहुंचने से हार्ट अटैक, कैंसर, दिमाग पर असर और किडनी फेल्योर के खतरे के साथ इम्युनिटी सिस्टम कमजोर हो सकता है. रोजाना अस्पताल में लगभग 4 से 5 केस ऐसे आते है. जिन्होंने अपनी जिंदगी में कभी तंबाकू नही खाया न मादक पदार्थ का सेवन किया. लेकिन फिर भी उन्हें कैंसर हो गया. बाद में रिसर्च के बाद पता चला कि सब्जियों में केमिकल की मात्रा अधिक डालकर पकाया जाता है. जो मादक पदार्थ से कही गुना ज्यादा खतरनाक होता है. इसी तरह जिंक और कॉपर की ज्यादा मात्रा लेने से पाचन क्रिया खराब करने के अलावा हड्डियों को कमजोर हो जाती हैं. कैडमियम की मात्रा बढ़ने पर गैस सबंधित शिकायत बढ़ सकती हैं.

जांच की विधि

डॉक्टर राणा बताते हैं कि सब्जी धोकर सुखाया गया. जिसे बारीक टुकड़ों में काटकर हॉट एअर ओवन में दोबारा सुखाया. जिसके बाद मिक्सी में पीस कर पाउडर बनाया. इसमें 15 मिली एक्वा मिक्सर डाला. एक्वा मिक्सर में 2:1 के अनुपात में नाइट्रिक एसिड और परफ्लोरिक एसिड था. फिर हॉट प्लेट पर 80 डिग्री तापमान पर गर्म किया. साफ सोल्यूशन मिलने पर ठंडा कर 15 मिली पानी मिलाया. इसके बाद इंडक्टिव कपल प्लाजमा ऑप्टिकल इमिशन एस्पेक्ट्रोस्कोपी (आईसीपीओईएस) से जांच की.

बचाव

- बगैर मौसम के सब्जियां न ले. जिस मौसम में जो सब्जी आती है, उसी का सेवन करें.
- फ्रीज में रखने से पहले धो लें.
- सब्जी बनाने से पहले अच्छी तरह धोएं.
- पानी और नमक में भी सब्जी को धोया जा सकता है.
- मंडी में छोटे विक्रेताओं से सब्जी खरीदें.

शोध में पाए गए केमिकल

धातु

मौजूद स्तर स्वीकृत स्तर

(माइक्रोग्राम/ग्राम में)

लेड 0.2 से 25/0.1
कैडमियम0.06 से 1.89/0.5
कोबाल्ट0.16 से 1.70/0.5
तांबा 3.19 से 23.99/40
निकल 3.57 से 23.29/10
क्रोमियम 4.16 से 40.01/2.3
आयरन153.48 से 2817.5/425
जिंक 22.03 से 252.10/ 100
मैंगनीज4.50 से 214.26/50
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