लखनऊ : प्रदेश सहित राजधानी के एडेड कॉलेजों में आय को बढ़ाने के लिए सरकार की तरफ से जारी शासनादेश को अब जिलों में लागू किया जा रहा है. अब एडेड विद्यालयों में न केवल शादी विवाह होंगे, बल्कि कोचिंग संस्थान और अन्य व्यावसायिक गतिविधियां भी शुरू हो सकते हैं. राजधानी के एडेड कॉलेजों का हाल बुरा है. करीब 100 कॉलेज में से यदि भौतिक निरीक्षण किया जाए तो 75 प्रतिशत बिल्डिंग की पुताई तक नहीं करा पा रहे हैं. मुख्य सचिव द्वारा जारी किए गए शासनादेश के आधार पर जिला विद्यालय निरीक्षक राकेश कुमार ने भी आदेश जारी किया है. इस आदेश के माध्यम से अब ऐसे 75 प्रतिशत स्कूल अपने परिसर का रखरखाव करने में सक्षम हो सकेंगे.
एडेड स्कूलों की दुर्दशा को लेकर कई बार स्कूलों के मैनेजर प्रदेश सरकार से मनुहार करते रहे हैं. प्रदेश की योगी आदित्यनाथ की सरकार ने इस संबंध में पिछले दिनों कोई निर्णय लेने का इशारा किया था. जिसके बाद सोमवार को आदेश जारी कर दिया गया है. आदेश में मान्यता के समय स्वीकृति मानक से अतिरिक्त खाली पड़ी भूमि का उपयोग एडेड कॉलेज/ मान्यता प्राप्त विद्यालयों के भवनों के अनुरक्षण एवं संस्था हित के लिए विद्यालयों की सम्पत्ति का उपयोग कर विद्यालयों की आय बढ़ाने की योजना विकसित किए जाने के विस्तृत निर्देश हैं.
डाॅ. आरपी मिश्र के अनुसार सोमवार को जारी शासनादेश से कई चीजों पर अब जब लगाम लगेगी तो वहीं दूसरी तरफ कई वर्षों से व्यावसायिक दोहन कर रहे स्कूलों की स्थिति अब खुलकर सामने आ सकेगी. मान्यता के समय स्वीकृति मानक से अतिरिक्त खाली पड़ी भूमि का उपयोग करने के लिए शासनादेश में कमेटी बनाने का भी आदेश है. जिसमें जिलाधिकारी, सीडीओ के अलावा डीआईओएस, लेखा अधिकारी और संबंधित स्कूल के प्रबंधक और प्रधानाचार्य को शामिल किया जाएगा. यह समिति स्कूल की संपत्ति के आधार पर व्यावसायिक गतिविधियां जारी करने का निर्णय करेगी.
यह भी पढ़ें : आजमगढ़ की घटना के बाद निजी विद्यालयों के लिए बनेगी गाइडलाइन, शासन ने गठित की कमेटी