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वक्फ सम्पत्तियों पर कब्जा करना अब होगा नामुमकिन, केंद्र सरकार ने शुरू की GIS मैपिंग - लखनऊ की खबरें

केन्द्र सरकार ने वक्फ संपत्तियों की निगरानी के लिए इसकी जीपीएस और जीआईएस मैपिंग शुरु कर दी है. प्रदेश के लखनऊ, अलीगढ़ और बनारस से इस प्रक्रिया का आगाज किया गया है. संपत्तियों की जीपीएस और जीआईएस मैपिंग के बाद वक्फ संपत्तियों पर अवैध कब्जे को रोका जा सकेगा.

शिया और सुन्नी वक्फ बोर्ड.
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Published : Sep 29, 2019, 1:15 PM IST

लखनऊ: देश में वक्फ संपत्तियों की निगरानी और उनकी बेहतरी के लिए अब केंद्र सरकार शिया और सुन्नी वक्फ बोर्ड के अंतर्गत आने वाली तमाम संपत्तियों की जीपीएस और जीआईएस मैपिंग कराने में जुट गई है. इसकी शुरुआत यूपी के लखनऊ, अलीगढ़ और बनारस से शुरू कर दी गई है. वहीं वक्फ संपत्तियों को बेकार होने से बचाने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए इस कदम की उलेमा तारीफ कर रहे हैं.

देखें वीडियो.
शुरु हुई वक्फ संपत्तियों जीआईएस मैपिंग
उत्तर प्रदेश के शिया वक्फ बोर्ड के अंतर्गत करीब 8000 और सुन्नी वक्फ बोर्ड की तकरीबन एक लाख 30 हजार संपत्तियां आती हैं. इनको नाजायज कब्जे और बर्बादी से बचाने के लिए सूबे में तेजी से वक्फ संपत्तियों की जीआईएस मैपिंग की जा रही है. केंद्र सरकार के इस कदम का सुन्नी वक्फ बोर्ड और शिया वक्फ बोर्ड के साथ-साथ उलेमा भी स्वागत कर रहे हैं.

सुन्नी वक्फ बोर्ड के सीईओ सैयद मोहम्मद शोएब ने इस पहल को ऐतिहासिक कदम बताते हुए बोर्ड के अंतर्गत आने वाली संपत्तियों की टैगिंग करवाना शुरू कर दिया है. जिसके लिए अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी की टीम इन दिनों यूपी में बड़े पैमाने पर काम कर रही है.

शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिजवी ने इस कदम का स्वागत करते हुए कहा कि इस पहल से वक्फ संपत्तियों के कब्जों को रोका जा सकेगा.

वक्फ संपत्तियों की मैपिंग कराने के पहले चरण में 50 फीसदी काम पूरा होना है. जिसका सरकार की ओर से इसके लिए मार्च 2020 तक का समय निर्धारित कर दिया गया है.
-सैय्यद मोहम्मद शोएब, सीईओ, सुन्नी वक्फ बोर्ड

इससे वक्फ में आए दिन होने वाली धांधलियों को रोकना काफी हद तक मुमकिन हो जाएगा. जिसके चलते इसका स्वागत होना चाहिए लेकिन जो वक्फ की संपत्ति अब तक बर्बाद की जा चुकी है, उनको भी वापस लाने की कोशिश होनी चाहिए.
-मौलाना सैफ अब्बास, मुस्लिम धर्मगुरू

लखनऊ: देश में वक्फ संपत्तियों की निगरानी और उनकी बेहतरी के लिए अब केंद्र सरकार शिया और सुन्नी वक्फ बोर्ड के अंतर्गत आने वाली तमाम संपत्तियों की जीपीएस और जीआईएस मैपिंग कराने में जुट गई है. इसकी शुरुआत यूपी के लखनऊ, अलीगढ़ और बनारस से शुरू कर दी गई है. वहीं वक्फ संपत्तियों को बेकार होने से बचाने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए इस कदम की उलेमा तारीफ कर रहे हैं.

देखें वीडियो.
शुरु हुई वक्फ संपत्तियों जीआईएस मैपिंग
उत्तर प्रदेश के शिया वक्फ बोर्ड के अंतर्गत करीब 8000 और सुन्नी वक्फ बोर्ड की तकरीबन एक लाख 30 हजार संपत्तियां आती हैं. इनको नाजायज कब्जे और बर्बादी से बचाने के लिए सूबे में तेजी से वक्फ संपत्तियों की जीआईएस मैपिंग की जा रही है. केंद्र सरकार के इस कदम का सुन्नी वक्फ बोर्ड और शिया वक्फ बोर्ड के साथ-साथ उलेमा भी स्वागत कर रहे हैं.

सुन्नी वक्फ बोर्ड के सीईओ सैयद मोहम्मद शोएब ने इस पहल को ऐतिहासिक कदम बताते हुए बोर्ड के अंतर्गत आने वाली संपत्तियों की टैगिंग करवाना शुरू कर दिया है. जिसके लिए अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी की टीम इन दिनों यूपी में बड़े पैमाने पर काम कर रही है.

शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिजवी ने इस कदम का स्वागत करते हुए कहा कि इस पहल से वक्फ संपत्तियों के कब्जों को रोका जा सकेगा.

वक्फ संपत्तियों की मैपिंग कराने के पहले चरण में 50 फीसदी काम पूरा होना है. जिसका सरकार की ओर से इसके लिए मार्च 2020 तक का समय निर्धारित कर दिया गया है.
-सैय्यद मोहम्मद शोएब, सीईओ, सुन्नी वक्फ बोर्ड

इससे वक्फ में आए दिन होने वाली धांधलियों को रोकना काफी हद तक मुमकिन हो जाएगा. जिसके चलते इसका स्वागत होना चाहिए लेकिन जो वक्फ की संपत्ति अब तक बर्बाद की जा चुकी है, उनको भी वापस लाने की कोशिश होनी चाहिए.
-मौलाना सैफ अब्बास, मुस्लिम धर्मगुरू

Intro:देश में वक्फ संपत्तियों की निगरानी और उनको खुर्द बुर्द से बचाने के लिए अब केंद्र सरकार शिया और सुन्नी वक्फ बोर्ड के अंतर्गत आने वाली तमाम संपत्तियों की जीपीएस और जीआईएस मैपिंग कराने में जुट गई है, जिसकी शुरुआत यूपी के लखनऊ, अलीगढ़ और बनारस के शहरों से शुरू कर दी गई है वक्फ संपत्तियों को खुर्द बोर्ड से बचाने के लिए सरकार के इस कदम की उलमा तारीफ कर रहे हैं।


Body:उत्तर प्रदेश के शिया वक्फ बोर्ड के अंतर्गत आने वाली करीब 8000 और सुन्नी वक्फ बोर्ड की तकरीबन एक लाख 30 हजार वक्फ़ संपत्तियों पर नाजायज कब्जे और उनकी बर्बादी से बचाने के लिए सूबे में अब तेजी से वक्फ संपत्तियों की जीआईएस मैपिंग हो रही है, वहीं केंद्र सरकार के इस कदम का सुन्नी वक्फ बोर्ड और शिया वक्फ बोर्ड के साथ उलमा भी स्वागत कर रहे हैं। सुन्नी वक्फ बोर्ड के सीईओ सैयद मोहम्मद शोएब ने इस पहल को ऐतिहासिक कदम बताते हुए बोर्ड के अंतर्गत आने वाली संपत्तियों की टैगिंग करवाना शुरू कर दी है जिसके लिए अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी की टीम इन दिनों यूपी में बड़े पैमाने पर काम कर रही है। इस दौरान सीईओ शोएब अहमद ने बताया कि वक्फ संपत्तियों की मैपिंग कराने के पहले चरण में 50 फ़ीसदी काम पूरा होना है जिसका सरकार की ओर से दिए गए समय भी मार्च 2020 तक निर्धारित कर दिया गया है। वहीं शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिजवी ने इस कदम का स्वागत करते हुए कहा कि इस पहल से वक्फ संपत्तियों के कब्जों को रोका जा सकेगा तो दूसरी ओर मुस्लिम धर्मगुरु मौलाना सैफ अब्बास ने इस योजना पर केंद्र सरकार का खैर मकदम करते हुए कहा कि इससे वक्फ़ में आए दिन होने वाली धांधलियों को रोकना काफी हद तक मुमकिन हो जाएगा जिसके चलते इसका स्वागत होना चाहिए लेकिन जो वक्फ़ की संपत्ति अब तक खुर्द बुर्द की जा चुकी है उनको भी वापस लाने की कोशिश होना चाहिए।

बाइट1- सय्यद मोहम्मद शोएब, सीईओ, सुन्नी वक्फ बोर्ड
बाइट2- वसीम रिज़वी, चेयरमैन, शिया वक्फ बोर्ड
बाइट3- मौलाना सैफ अब्बास, मुस्लिम धर्मगुरू


Conclusion:
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