लखनऊ: राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने बेसिक शिक्षा परिषद के राष्ट्रीय सेमिनार मिशन प्रेरणा और सीएसआर कॉन्क्लेव के समापन मौके पर देश और प्रदेश के सक्षम नागरिकों और कंपनियों का आवाहन किया कि, वह प्राइमरी स्कूलों में पढ़ने वाले कमजोर वर्ग के बच्चों के उत्थान के लिए आगे बढ़कर सहयोग करें. उन्होंने कहा कि सीएसआर कॉन्क्लेव का सकारात्मक परिणाम अगले दो-तीन सालों में मिलेगा.
डॉ. राम मनोहर लोहिया विधि विश्वविद्यालय परिसर में 2 दिन से चल रहे प्राथमिक शिक्षा के आयोजन के समापन सत्र में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने मार्गदर्शक की भूमिका में सरकार के अधिकारियों और शिक्षकों को संदेश दिया. उन्होंने इस मौके पर बेसिक शिक्षा विभाग के मीना मंच कार्यक्रम के तहत उत्कृष्ट कार्य करने वाली बालिकाओं को पुरस्कृत भी किया. इस मौके पर उन्होंने उपस्थित निजी कंपनी प्रतिनिधियों और शिक्षकों संवेदनशील बनाने की कोशिश करते हुए कहा प्राथमिक विद्यालयों में पढ़ने के लिए गरीब घरों के बच्चे आते हैं. इन स्कूलों में वह बच्चे पहुंचते हैं जिनके अभिभावक आपके जीवन को सुविधाजनक बनाने के लिए कार्य कर रहे हैं. ऐसे में हमारी आपकी यह सामाजिक जिम्मेदारी है कि हम उनके उत्थान के लिए कार्य करें.
शिक्षकों से बतौर अध्यापक योगदान करने की अपील करने के साथ ही उन्होंने देश के कॉरपोरेट जगत से कहा कि ऐसे स्कूलों की सहायता कर अपना दायित्व निर्वाह करें. इसी के साथ उन्होंने प्राथमिक विद्यालयों के लिए फंड करने वाली कंपनियों की सराहना भी की.
इस दौरान उन्होंने उच्च शिक्षा से जुड़े विश्वविद्यालयों को अपने क्षेत्र के 5 गांव को गोद लेने का निर्देश दिया और कहा कि इससे शिक्षा के साथ अन्य क्षेत्रों का भी विकास होगा.
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