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राज्यपाल ने योगी सरकार की पर्यटन नीति को बताया विकासपरक

यूपी विधानसभा में बजट सत्र के पहले दिन राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने यूपी सरकार के वर्ष भर के काम काज के बारे में बताया. इस दौरान उन्होंने योगी सरकार की गरीब कल्याण और रोजगार सृजन से जुड़ी पर्यटन नीति को प्रदेश के लिए हितकर बताया. विधानसभा में राज्यपाल ने अपने अभिभाषण में कहा उत्तर प्रदेश में पर्यटन के विकास की असीम सम्भावनाएं हैं. यहां धार्मिक, सांस्कृतिक, ऐतिहासिक एवं वन्यजीव इत्यादि के अनेकों स्थल विद्यमान हैं.

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Published : Feb 18, 2021, 8:04 PM IST

राज्यपाल आनंदी बेन पटेल.
राज्यपाल आनंदी बेन पटेल.

लखनऊ: बजट सत्र के पहले दिन गुरुवार को यूपी विधानसभा में योगी सरकार के वर्ष भर के विकास कार्यों और उपलब्धियों का जिक्र राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने किया. इस दौरान प्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने उत्तर प्रदेश सरकार की पर्यटन नीति और उसके सफल क्रियान्वयन का खाका दोनों सदनों के समक्ष रखा. इस दौरान राज्यपाल ने योगी सरकार की गरीब कल्याण और रोजगार सृजन से जुड़ी पर्यटन नीति को प्रदेश के लिए हितकर बताया. साथ ही यूपी में लगातार बढ़ रही पर्यटकों की संख्या को लेकर भी प्रसन्नता व्यक्त की.

राज्यपाल आनंदी बेन पटेल.
राज्यपाल आनंदी बेन पटेल.

'उत्तर प्रदेश में पर्यटन के विकास की असीम सम्भावनाएं'
विधानसभा में राज्यपाल ने अपने अभिभाषण में कहा उत्तर प्रदेश में पर्यटन के विकास की असीम सम्भावनाएं हैं. यहां धार्मिक, सांस्कृतिक, ऐतिहासिक एवं वन्यजीव इत्यादि के अनेकों स्थल विद्यमान हैं. प्रदेश के समग्र पर्यटन विकास को ध्यान में रखते हुए योगी सरकार साल 2018 में नई पर्यटन नीति लेकर आई थी. इस नीति के तहत प्रदेश में विभिन्न कॉरिडोर का निर्माण किया जा रहा है, इनमें रामायण कॉरिडोर, ब्रज कॉरिडोर, महाभारत कॉरिडोर, शक्तिपीठ कॉरिडोर, आध्यात्मिक कॉरिडोर, जैन कॉरिडोर, बुद्धिस्ट कॉरिडोर प्रमुख हैं. इन कॉरिडोर में आने वाले सभी पर्यटक स्थलों के उच्चीकरण पर विशेष बल दिया जा रहा है. रामायण कॉरिडोर के अंतर्गत चित्रकूट एवं श्रृंगवेरपुर तीर्थों में पर्यटन के लिए विकास के कार्य किए जा रहे हैं. वाराणसी के प्रसिद्ध मन्दिरों पर आधारित 'पावन पथ वेबसाइट' का निर्माण किया गया है, साथ ही धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से काशी विश्वनाथ धाम, विन्ध्यवासिनी धाम, शुक्रतीर्थ, बृज क्षेत्र, नैमिष धाम, चित्रकूट धाम आदि का सुरुचिपूर्ण ढंग से विकास कराया जा रहा है.


'देशी पर्यटकों की पहली पसंद यूपी'
राज्यपाल ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए अपने अभिभाषण में सदन को बताया कि भारतीय पर्यटक सांख्यकी के आंकड़ों के मुताबिक, सरकार के प्रयासों से उत्तर प्रदेश पूरे भारत में देशी पर्यटकों के आगमन के दृष्टिकोण से वर्ष 2019 में द्वितीय स्थान से वर्ष 2020 में प्रथम स्थान पर आ गया है. प्रदेश में इको-टूरिज्म के अंतर्गत पीलीभीत टाइगर रिजर्व एवं चन्दौली स्थित चन्द्रप्रभा वन्यजीव अभ्यारण्य में विकास कार्य कराये जा रहे हैं. मण्डलीय कारागार गोरखपुर में पं. रामप्रसाद बिस्मिल शहीद स्मारक, चौरी-चौरा स्थित शहीद स्मारक स्थल के सौन्दर्गीकरण एवं पर्यटन विकास का कार्य पूर्ण किया जा चुका है. चौरी-चौरा के शहीदों के सम्मान में उत्तर प्रदेश सरकार इस वर्ष शताब्दी समारोह मना रही है. इसका वर्चुअल शुभारम्भ प्रधानमंत्री ने किया.

'कलाकारों और महापुरुषों की भी चिंता'
राज्यपाल ने कहा कि राज्य सरकार उत्तर प्रदेश की गौरवमयी धरोहर और परम्पराओं के साथ-साथ लोक, शास्त्रीय कलाओं के समुचित संरक्षण, संवर्द्धन और विकास के लिए प्रयासरत है. प्रदेश के 60 वर्ष में अधिक आयु के जीविकोपार्जन में असमर्थ कलाकारों को आर्थिक सहायता के रूप में दो हजार रुपये मासिक पेंशन दी जा रही है. वित्तीय वर्ष 2020-21 में थारू जनजाति से सम्बन्धित संस्कृति को संरक्षित रखने के लिए इमलिया कोडर (बलरामपुर) में एक संग्रहालय की स्थापना, राजकीय बौद्ध संग्रहालय, गोरखपुर का सुदृढीकरण, राजकीय स्वतंत्रता संग्राम संग्रहालय, मेरठ में 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम से सम्बन्धित अभिलेखों की प्रदर्शनी की स्थापना के कार्य कराए जा रहे हैं. देश की महान विभूतियां की स्मृति को जनमानस में बनाए रखने के उद्देश्य से उनकी प्रतिमायें निर्मित कराई गई हैं. महाराजा सुहेल देव की कर्मभूमि चित्तौरा, बहराइच में उनके स्मारक का निर्माण एवं भव्य प्रतिमा की स्थापना का कार्य माननीय प्रधानमंत्री के कर कमलों से आरम्भ हो गया है.

लखनऊ: बजट सत्र के पहले दिन गुरुवार को यूपी विधानसभा में योगी सरकार के वर्ष भर के विकास कार्यों और उपलब्धियों का जिक्र राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने किया. इस दौरान प्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने उत्तर प्रदेश सरकार की पर्यटन नीति और उसके सफल क्रियान्वयन का खाका दोनों सदनों के समक्ष रखा. इस दौरान राज्यपाल ने योगी सरकार की गरीब कल्याण और रोजगार सृजन से जुड़ी पर्यटन नीति को प्रदेश के लिए हितकर बताया. साथ ही यूपी में लगातार बढ़ रही पर्यटकों की संख्या को लेकर भी प्रसन्नता व्यक्त की.

राज्यपाल आनंदी बेन पटेल.
राज्यपाल आनंदी बेन पटेल.

'उत्तर प्रदेश में पर्यटन के विकास की असीम सम्भावनाएं'
विधानसभा में राज्यपाल ने अपने अभिभाषण में कहा उत्तर प्रदेश में पर्यटन के विकास की असीम सम्भावनाएं हैं. यहां धार्मिक, सांस्कृतिक, ऐतिहासिक एवं वन्यजीव इत्यादि के अनेकों स्थल विद्यमान हैं. प्रदेश के समग्र पर्यटन विकास को ध्यान में रखते हुए योगी सरकार साल 2018 में नई पर्यटन नीति लेकर आई थी. इस नीति के तहत प्रदेश में विभिन्न कॉरिडोर का निर्माण किया जा रहा है, इनमें रामायण कॉरिडोर, ब्रज कॉरिडोर, महाभारत कॉरिडोर, शक्तिपीठ कॉरिडोर, आध्यात्मिक कॉरिडोर, जैन कॉरिडोर, बुद्धिस्ट कॉरिडोर प्रमुख हैं. इन कॉरिडोर में आने वाले सभी पर्यटक स्थलों के उच्चीकरण पर विशेष बल दिया जा रहा है. रामायण कॉरिडोर के अंतर्गत चित्रकूट एवं श्रृंगवेरपुर तीर्थों में पर्यटन के लिए विकास के कार्य किए जा रहे हैं. वाराणसी के प्रसिद्ध मन्दिरों पर आधारित 'पावन पथ वेबसाइट' का निर्माण किया गया है, साथ ही धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से काशी विश्वनाथ धाम, विन्ध्यवासिनी धाम, शुक्रतीर्थ, बृज क्षेत्र, नैमिष धाम, चित्रकूट धाम आदि का सुरुचिपूर्ण ढंग से विकास कराया जा रहा है.


'देशी पर्यटकों की पहली पसंद यूपी'
राज्यपाल ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए अपने अभिभाषण में सदन को बताया कि भारतीय पर्यटक सांख्यकी के आंकड़ों के मुताबिक, सरकार के प्रयासों से उत्तर प्रदेश पूरे भारत में देशी पर्यटकों के आगमन के दृष्टिकोण से वर्ष 2019 में द्वितीय स्थान से वर्ष 2020 में प्रथम स्थान पर आ गया है. प्रदेश में इको-टूरिज्म के अंतर्गत पीलीभीत टाइगर रिजर्व एवं चन्दौली स्थित चन्द्रप्रभा वन्यजीव अभ्यारण्य में विकास कार्य कराये जा रहे हैं. मण्डलीय कारागार गोरखपुर में पं. रामप्रसाद बिस्मिल शहीद स्मारक, चौरी-चौरा स्थित शहीद स्मारक स्थल के सौन्दर्गीकरण एवं पर्यटन विकास का कार्य पूर्ण किया जा चुका है. चौरी-चौरा के शहीदों के सम्मान में उत्तर प्रदेश सरकार इस वर्ष शताब्दी समारोह मना रही है. इसका वर्चुअल शुभारम्भ प्रधानमंत्री ने किया.

'कलाकारों और महापुरुषों की भी चिंता'
राज्यपाल ने कहा कि राज्य सरकार उत्तर प्रदेश की गौरवमयी धरोहर और परम्पराओं के साथ-साथ लोक, शास्त्रीय कलाओं के समुचित संरक्षण, संवर्द्धन और विकास के लिए प्रयासरत है. प्रदेश के 60 वर्ष में अधिक आयु के जीविकोपार्जन में असमर्थ कलाकारों को आर्थिक सहायता के रूप में दो हजार रुपये मासिक पेंशन दी जा रही है. वित्तीय वर्ष 2020-21 में थारू जनजाति से सम्बन्धित संस्कृति को संरक्षित रखने के लिए इमलिया कोडर (बलरामपुर) में एक संग्रहालय की स्थापना, राजकीय बौद्ध संग्रहालय, गोरखपुर का सुदृढीकरण, राजकीय स्वतंत्रता संग्राम संग्रहालय, मेरठ में 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम से सम्बन्धित अभिलेखों की प्रदर्शनी की स्थापना के कार्य कराए जा रहे हैं. देश की महान विभूतियां की स्मृति को जनमानस में बनाए रखने के उद्देश्य से उनकी प्रतिमायें निर्मित कराई गई हैं. महाराजा सुहेल देव की कर्मभूमि चित्तौरा, बहराइच में उनके स्मारक का निर्माण एवं भव्य प्रतिमा की स्थापना का कार्य माननीय प्रधानमंत्री के कर कमलों से आरम्भ हो गया है.

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