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पूर्व बाहुबली सांसद धनंजय सिंह से सरकार ने छीने वेतन देने के अधिकार, जानिए क्या है पूरा मामला

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Published : Jun 23, 2021, 5:45 AM IST

यूपी के पूर्व सांसद बाहुबली धनंजय सिंह से शिक्षा विभाग ने वेतन देने के अधिकार छीन लिए हैं. धनंजय सिंह राजधानी के सहकारी सहायता प्रात्त विद्यालय कृष्णा देवी इंटर कॉलेज के प्रबंधक हैं. स्कूल का संचालन करने वाली प्रबंध समिति में गड़बड़ियों की आंशका के चलते फिलहाल ये कार्रवाई की गई है.

धनंजय सिंह से सरकार ने छीने वेतन देने के अधिकार
धनंजय सिंह से सरकार ने छीने वेतन देने के अधिकार

लखनऊः शिक्षा विभाग ने कृष्णा देवी इंटर कॉलेज ही नहीं बल्कि राजधानी के कई सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों के प्रबंधकों के खिलाफ इस तरह की कार्रवाई की गई है. उत्तर प्रदेश में पूर्व सांसद बाहुबली धनंजय सिंह से शिक्षा विभाग ने वेतन देने के अधिकार छीन लिए हैं. धनंजय सिंह राजधानी लखनऊ के सरकारी सहायता प्राप्त विद्यालय कृष्णा देवी इंटर कॉलेज के प्रबंधक हैं. स्कूल का संचालन करने वाली प्रबंध समिति में गड़बड़ियों की आशंका के चलते फिलहाल ये कार्रवाई की गई है.


ये है पूरा मामला

उत्तर प्रदेश में सरकारी सहायता प्राप्त विद्यालयों में काम करने वाले शिक्षकों और कर्मचारियों का वेतन सरकार के द्वारा दिया जाता है. इन स्कूलों का संचालन प्रबंध समिति करती है. प्रबंधक के हस्ताक्षर पर शिभा विभाग की ओर से शिक्षकों और कर्मचारियों का वेतन जारी किया जाता है. वेतन वितरण अधिनियम की धारा 5(1) में दिए गए प्रावधान के मुताबिक प्रबंध समिति में किसी तरह की अनियमितता होने की स्थिति में शिक्षा विभाग को ये अधिकार है कि वो प्रबंधक से वेतन जारी करने का अधिकार वापस ले सकता है.

शिक्षा भवन
शिक्षा भवन

12 से ज्यादा कॉलेजों के खिलाफ की गई कार्रवाई

जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय के स्तर पर की गई जांच में राजधानी में 12 से ज्यादा सरकारी सहायता प्राप्त इंटर कॉलेज मिले हैं. जिनकी प्रबंध समितियों में अनियमितताएं पाई गई. कई ऐसी प्रबंध समितियां हैं जिसमें वर्षों से चुनाव ही नहीं हो पाया है. इन सभी प्रबंध समितियों के खिलाफ जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय के स्तर पर कार्रवाई करते हुए एकल संचालन की व्यवस्था लागू कर दी गई है. इसके तहत स्कूल प्रबंधक से शिक्षकों और कर्मचारियों को वेतन दिए जाने का अधिकार वापस ले लिया गया है.

इसे भी पढ़ें- सुन्नी सेन्ट्रल वक्फ बोर्ड का 28 फरवरी तक कराएं चुनाव: हाईकोर्ट

शिक्षा विभाग के नियमों के तहत इन प्रबंध समितियों का नियमित चुनाव होना चाहिए. चुनी हुई प्रबंध समिति ही मान्य होती है. लेकिन
कुछ लोग समितियों का चुनाव नहीं करा रहे हैं. जोकि नियमानुसार गलत है. जिला विद्यालय निरीक्षक डॉ. मुकेश कुमार सिंह ने स्कूलों के भविष्य को बचाने के लिए प्रबंध समिति से जुड़ी सूचनाएं मांगी थी. कई ऐसे स्कूल है जिनकी ओर से प्रबंध समिति के संबंध में सूचनाएं उपलब्ध ही नहीं कराई है. जिसके बाद यह कार्रवाई की गई. जानकारों की माने तो, इन परिस्थितियों में स्कूलों की प्रबंध समिति भंग कर प्रशासक बैठाने जैसी कार्रवाई भी की जा सकती हैं.

इन स्कूलों पर की गई है कार्रवाई

इंडस्ट्रियल इंटर कॉलेज, अमीरुद्दौला इस्लामिया इंटर कॉलेज, मुमताज इंटर कॉलेज, सत्य नारायण तिवारी इंटर कॉलेज, विद्या मंदिर इंटर कॉलेज, श्री दुर्गा गीता विद्यालय, श्री जय नारायण मिश्रा इंटर कॉलेज, महाराजा अग्रसेन विद्यालय मोती नगर, गांधी विद्यालय इंटर कॉलेज, बाबा ठाकुर दास इंटर कॉलेज, बद्री नारायण लाल वोकेशनल इंटर कॉलेज, एमकेएसडी इंटर कॉलेज, महात्मा गांधी इंटर कॉलेज इंटर कॉलेज, कृष्णा देवी इंटर कॉलेज, वैदिक कन्या पाठशाला इंटर कॉलेज, तालम गाहे निस्वा इंटर कॉलेज समेत अन्य नाम शामिल हैं.

लखनऊः शिक्षा विभाग ने कृष्णा देवी इंटर कॉलेज ही नहीं बल्कि राजधानी के कई सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों के प्रबंधकों के खिलाफ इस तरह की कार्रवाई की गई है. उत्तर प्रदेश में पूर्व सांसद बाहुबली धनंजय सिंह से शिक्षा विभाग ने वेतन देने के अधिकार छीन लिए हैं. धनंजय सिंह राजधानी लखनऊ के सरकारी सहायता प्राप्त विद्यालय कृष्णा देवी इंटर कॉलेज के प्रबंधक हैं. स्कूल का संचालन करने वाली प्रबंध समिति में गड़बड़ियों की आशंका के चलते फिलहाल ये कार्रवाई की गई है.


ये है पूरा मामला

उत्तर प्रदेश में सरकारी सहायता प्राप्त विद्यालयों में काम करने वाले शिक्षकों और कर्मचारियों का वेतन सरकार के द्वारा दिया जाता है. इन स्कूलों का संचालन प्रबंध समिति करती है. प्रबंधक के हस्ताक्षर पर शिभा विभाग की ओर से शिक्षकों और कर्मचारियों का वेतन जारी किया जाता है. वेतन वितरण अधिनियम की धारा 5(1) में दिए गए प्रावधान के मुताबिक प्रबंध समिति में किसी तरह की अनियमितता होने की स्थिति में शिक्षा विभाग को ये अधिकार है कि वो प्रबंधक से वेतन जारी करने का अधिकार वापस ले सकता है.

शिक्षा भवन
शिक्षा भवन

12 से ज्यादा कॉलेजों के खिलाफ की गई कार्रवाई

जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय के स्तर पर की गई जांच में राजधानी में 12 से ज्यादा सरकारी सहायता प्राप्त इंटर कॉलेज मिले हैं. जिनकी प्रबंध समितियों में अनियमितताएं पाई गई. कई ऐसी प्रबंध समितियां हैं जिसमें वर्षों से चुनाव ही नहीं हो पाया है. इन सभी प्रबंध समितियों के खिलाफ जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय के स्तर पर कार्रवाई करते हुए एकल संचालन की व्यवस्था लागू कर दी गई है. इसके तहत स्कूल प्रबंधक से शिक्षकों और कर्मचारियों को वेतन दिए जाने का अधिकार वापस ले लिया गया है.

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शिक्षा विभाग के नियमों के तहत इन प्रबंध समितियों का नियमित चुनाव होना चाहिए. चुनी हुई प्रबंध समिति ही मान्य होती है. लेकिन
कुछ लोग समितियों का चुनाव नहीं करा रहे हैं. जोकि नियमानुसार गलत है. जिला विद्यालय निरीक्षक डॉ. मुकेश कुमार सिंह ने स्कूलों के भविष्य को बचाने के लिए प्रबंध समिति से जुड़ी सूचनाएं मांगी थी. कई ऐसे स्कूल है जिनकी ओर से प्रबंध समिति के संबंध में सूचनाएं उपलब्ध ही नहीं कराई है. जिसके बाद यह कार्रवाई की गई. जानकारों की माने तो, इन परिस्थितियों में स्कूलों की प्रबंध समिति भंग कर प्रशासक बैठाने जैसी कार्रवाई भी की जा सकती हैं.

इन स्कूलों पर की गई है कार्रवाई

इंडस्ट्रियल इंटर कॉलेज, अमीरुद्दौला इस्लामिया इंटर कॉलेज, मुमताज इंटर कॉलेज, सत्य नारायण तिवारी इंटर कॉलेज, विद्या मंदिर इंटर कॉलेज, श्री दुर्गा गीता विद्यालय, श्री जय नारायण मिश्रा इंटर कॉलेज, महाराजा अग्रसेन विद्यालय मोती नगर, गांधी विद्यालय इंटर कॉलेज, बाबा ठाकुर दास इंटर कॉलेज, बद्री नारायण लाल वोकेशनल इंटर कॉलेज, एमकेएसडी इंटर कॉलेज, महात्मा गांधी इंटर कॉलेज इंटर कॉलेज, कृष्णा देवी इंटर कॉलेज, वैदिक कन्या पाठशाला इंटर कॉलेज, तालम गाहे निस्वा इंटर कॉलेज समेत अन्य नाम शामिल हैं.

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