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कोरोना मरीजों के लिए नई गाइडलाइंस, जानिए क्या है खास - चिकित्सालय आवंटित

शासन ने कोरोना मरीजों को उनके लक्षण के अनुसार अस्पतालों में भर्ती करने के लिए मार्गदर्शी सिद्धांत जारी किया है. शासनादेश में स्पष्ट किया गया है कि किसे होम आइसोलेट किया जाएगा और चिकित्सालय आवंटित किया जाएगा.

कोरोना मरीजों के लिए तय किए गए नियम
कोरोना मरीजों के लिए तय किए गए नियम
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Published : May 13, 2021, 3:08 AM IST

लखनऊ: शासन ने कोविड-19 मरीजों को उनके लक्षण के अनुसार विभिन्न चिकित्सालयों में भर्ती करने के लिए मार्गदर्शी सिद्धांत जारी किए हैं. शासनादेश में स्पष्ट किया गया है कि किस लक्षण वाले कोविड-19 रोगी को होम आइसोलेट किया जाएगा और किन मरीजों को उनके लक्षण के अनुसार किस वर्ग का चिकित्सालय आवंटित किया जाएगा.

सामान्य खांसी बुखार पर घर में ही होना पड़ेगा आइसोलेट
नए नियम के मुताबिक जिन रोगियों को कोई बुखार नहीं है. ऑक्सीजन लेवल भी 95% से ऊपर है अथवा हल्की खांसी गले में खराश 100 डिग्री तक बुखार है तो उन्हें घर पर ही आइसोलेट किया जाएगा. बताया गया कि रोगी वर्गीकरण में आईएम लक्षण होते हैं.

सांस लेने में कठिनाई होने पर मिलेगा एल टूअस्पताल
शासन द्वारा बनाई गई नई डिस्चार्ज पॉलिसी के तहत गंभीर खांसी सांस लेने में कठिनाई छाती का पीछे हटना नाक का फड़कना मध्यम रोग का सूचक माना जाएगा. ऐसे रोगियों को एल टू अस्पताल आवंटित किया जाएगा.

इसे भी पढ़ें: थाई युवती की मौत का मामला: आईपी सिंह की वकील नूतन ठाकुर ने कमिश्नर को भेजा नोटिस

गंभीर लक्षण वाले रोगियों को ही मिलेगा वेंटिलेटर
प्रभारी अधिकारी कोविड-19 सचिव निदेशक खनन डॉ. रोशन जैकब ने बताया, उच्च ग्रेड बुखार यानी 102 डिग्री से ऊपर गंभीर खांसी सांस लेने में दिक्कत सिर्फ आक्सीजन पर निर्भरता को गंभीर रोग का लक्षण माना जाएगा. ऐसे रोगियों को एल-3 अस्पताल के लिए अधिकृत माना जाएगा. उदारवादी लक्षण होने के बावजूद इम्यूनो समझौता वाले रोगी भी गंभीर रोगी माने जाएंगे.

लखनऊ: शासन ने कोविड-19 मरीजों को उनके लक्षण के अनुसार विभिन्न चिकित्सालयों में भर्ती करने के लिए मार्गदर्शी सिद्धांत जारी किए हैं. शासनादेश में स्पष्ट किया गया है कि किस लक्षण वाले कोविड-19 रोगी को होम आइसोलेट किया जाएगा और किन मरीजों को उनके लक्षण के अनुसार किस वर्ग का चिकित्सालय आवंटित किया जाएगा.

सामान्य खांसी बुखार पर घर में ही होना पड़ेगा आइसोलेट
नए नियम के मुताबिक जिन रोगियों को कोई बुखार नहीं है. ऑक्सीजन लेवल भी 95% से ऊपर है अथवा हल्की खांसी गले में खराश 100 डिग्री तक बुखार है तो उन्हें घर पर ही आइसोलेट किया जाएगा. बताया गया कि रोगी वर्गीकरण में आईएम लक्षण होते हैं.

सांस लेने में कठिनाई होने पर मिलेगा एल टूअस्पताल
शासन द्वारा बनाई गई नई डिस्चार्ज पॉलिसी के तहत गंभीर खांसी सांस लेने में कठिनाई छाती का पीछे हटना नाक का फड़कना मध्यम रोग का सूचक माना जाएगा. ऐसे रोगियों को एल टू अस्पताल आवंटित किया जाएगा.

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गंभीर लक्षण वाले रोगियों को ही मिलेगा वेंटिलेटर
प्रभारी अधिकारी कोविड-19 सचिव निदेशक खनन डॉ. रोशन जैकब ने बताया, उच्च ग्रेड बुखार यानी 102 डिग्री से ऊपर गंभीर खांसी सांस लेने में दिक्कत सिर्फ आक्सीजन पर निर्भरता को गंभीर रोग का लक्षण माना जाएगा. ऐसे रोगियों को एल-3 अस्पताल के लिए अधिकृत माना जाएगा. उदारवादी लक्षण होने के बावजूद इम्यूनो समझौता वाले रोगी भी गंभीर रोगी माने जाएंगे.

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