ETV Bharat / state

सरकारी स्कूलों के 6 लाख से ज्यादा छात्र गायब, जानिए क्या है पूरा मामला

author img

By

Published : Jul 8, 2022, 12:09 PM IST

लखनऊ मंडल के छह जनपदों में बच्चों के आंकड़ों और प्रेरणा पोर्टल पर उपलब्ध नामांकन के आंकड़ों में 6 लाख से ज्यादा का अंतर सामने आया है. इस पर एडी बेसिक डॉ. मुकेश कुमार सिंह ने बताया कि प्रक्रिया तेजी से आगे बढ़ रही है. हर दिन आंकड़े सुधर रहे हैं.

etv bharat
सरकारी स्कूलों के 6 लाख से ज्यादा छात्र गायब

लखनऊ: राजधानी समेत प्रदेश भर के प्राइमरी-अपर प्राइमरी स्कूलों में बच्चों के दाखिलों को लेकर चौंकाने वाला सच सामने आया है. स्कूलों में दाखिलों की संख्या में तेजी से इजाफा होने के दावे तो किए जा रहे हैं. लेकिन, इसकी जमीनी हकीकत कुछ और ही कहानी बयां कर रही है. बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में जिस छात्रसंख्या का दावा किया जा रहा है. उसके आधार के सत्यापन और सूचनाओं को ऑनलाइन देने की प्रक्रिया के दौरान यहां आंकड़े पूरी तरह से पलट गए हैं.

स्कूलों के आंकड़ों पर भरोसा करें तो इन स्कूलों में दाखिला लेने वाले और प्रमोशन के माध्यम से दूसरे कक्षा में पहुंचने वाले बच्चों के आंकड़ों और प्रेरणा पोर्टल पर उपलब्ध नामांकन के आंकड़ों में काफी अंतर है. इसमें लखनऊ मंडल के छह जिलों के स्कूलों में आंकड़ों में 6 लाख से ज्यादा का अंतर सामने आया है. एक अनुमान के मुताबिक, पूरे प्रदेश में यह संख्या 12 लाख से ज्यादा की हो सकती है. जानकारों का कहना है कि दाखिले के यह आंकड़े फर्जी हैं. लेकिन इसका पता अब जांच के बाद ही लग सकेगा.

उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से प्राइमरी अपर प्राइमरी स्कूलों में दी जाने वाली सभी सुविधाओं को अब DBT के माध्यम से उपलब्ध कराए जाने की तैयारी की जा रही है. इसको लेकर प्रदेश भर में वृहद स्तर पर छात्रों के आधार कार्ड के सत्यापन की प्रक्रिया संचालित की जा रही है. इससे सही बच्चों और उनके अभिभावकों के खातों में ही पैसा भेजा जा सकेगा. इसके अलावा एक ही बच्चे के अलग-अलग स्कूलों में पंजीकरण के फर्जीवाड़े को भी रोका जा सकेगा. वहीं, दूसरी तरफ प्रेरणा पोर्टल के माध्यम से बच्चे के नामांकन से लेकर उससे संबंधित सभी जानकारियों इकट्ठा की जाती हैं. शिक्षकों को निर्देश दिए गए हैं कि वह सभी छात्रों की सूचनाएं इस पोर्टल पर अंकित करें.

यह है तस्वीरः सरकारी आंकड़ों में तस्वीर काफी खराब है. सिर्फ लखनऊ जिले की बात करें तो यहां 7 जुलाई तक 39 हजार 553 छात्रों के दाखिले हुए हैं. प्रमोशन से क्लास 2 से 8वीं क्लास में पहुंचने वालों की संख्या 2 लाख 48 हजार 632 दिखाई गई है. यानी कुल स्टूडेंट्स की संख्या करीब 2 लाख 88 हजार 185 हुई है. लेकिन, प्रेरणा पोर्टल पर सिर्फ 1 लाख 44 हजार 972 छात्रों का ही ब्योरा उपलब्ध है. करीब 1 लाख 43 हजार, 213 बच्चों की कोई सूचना नहीं है. लखनऊ मंडल में कुछ छह जिले आते हैं. इनमें लखनऊ, सीतापुर, लखीमपुर खीरी, हरदोई, उन्नाव और रायबरेली शामिल हैं. हरदोई में करीब 13 हजार 553, खीरी में 19 हजार 738, रायबरेली में 1804 और सीतापुर में यह अंतर 4 लाख 93 हजार 375 का है.

आधार सत्यापन की यह है स्थितिः बेसिक शिक्षा विभाग की तरफ से आधार सत्यापन की जब यह प्रक्रिया शुरू की गई तो कई बड़े खुलासे हुए हैं. हालत यह है कि सत्यापन की संख्या बेहद कम है. आंकड़ों पर भरोसा करें तो पूरे प्रदेश में 50 से 60 प्रतिशत बच्चों का ही आधार का सत्यापन हो पाया. यह हालत तब है जबकि शिक्षा विभाग की तरफ से बार-बार सत्यापन के संबंध में निर्देश जारी किए जा रहे हैं.


शिक्षक यह बता रहे कारणः प्राथमिक शिक्षक प्रशिक्षित स्नातक एसोसिएशन लखनऊ के प्रांतीय अध्यक्ष विनय कुमार सिंह ने बताया कि कोरोना संक्रमण के दौरान अभिभावकों की आर्थिक स्थितियां खराब होने के चलते सरकारी स्कूलों में बच्चों की संख्या अचानक बढ़ी थी. अब यह बच्चे वापस लौट रहे हैं. इसके अलावा, विभाग की तरफ से बच्चों की जानकारी ऑनलाइन मांगी जा रही है. इसके प्रेरणा पोर्टल और डीबीटी एप पर सूचनाएं भेजने में काफी तकनीकी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. ऐसे में नामांकन के बाद बच्चों की जानकारी देने में कुछ समस्याएं होना स्वाभाविक है. शिक्षक अपने स्तर पर पूरा प्रयास कर रहे हैं.

यह भी पढ़ें-कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय में 16 लोग कोरोना पॉजीटिव, स्वास्थ विभाग में हड़कंप


जिम्मेदारों का पक्षः एडी बेसिक डॉ मुकेश कुमार सिंह ने बताया कि प्रक्रिया तेजी से आगे बढ़ रही है. हर दिन आंकड़े सुधर रहे हैं. 10 दिन पहले जो आंकड़े 40 से 50 फीसद थे वहीं अब 60 से 70 के भीतर तक पहुंच गए हैं. यह एक बड़ा काम है. शत-प्रतिशत बच्चों के आधार का सत्यापन किया जाना है. इसका फायदा आने वाले समय में देखने को भी मिलेगा.

ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप

लखनऊ: राजधानी समेत प्रदेश भर के प्राइमरी-अपर प्राइमरी स्कूलों में बच्चों के दाखिलों को लेकर चौंकाने वाला सच सामने आया है. स्कूलों में दाखिलों की संख्या में तेजी से इजाफा होने के दावे तो किए जा रहे हैं. लेकिन, इसकी जमीनी हकीकत कुछ और ही कहानी बयां कर रही है. बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में जिस छात्रसंख्या का दावा किया जा रहा है. उसके आधार के सत्यापन और सूचनाओं को ऑनलाइन देने की प्रक्रिया के दौरान यहां आंकड़े पूरी तरह से पलट गए हैं.

स्कूलों के आंकड़ों पर भरोसा करें तो इन स्कूलों में दाखिला लेने वाले और प्रमोशन के माध्यम से दूसरे कक्षा में पहुंचने वाले बच्चों के आंकड़ों और प्रेरणा पोर्टल पर उपलब्ध नामांकन के आंकड़ों में काफी अंतर है. इसमें लखनऊ मंडल के छह जिलों के स्कूलों में आंकड़ों में 6 लाख से ज्यादा का अंतर सामने आया है. एक अनुमान के मुताबिक, पूरे प्रदेश में यह संख्या 12 लाख से ज्यादा की हो सकती है. जानकारों का कहना है कि दाखिले के यह आंकड़े फर्जी हैं. लेकिन इसका पता अब जांच के बाद ही लग सकेगा.

उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से प्राइमरी अपर प्राइमरी स्कूलों में दी जाने वाली सभी सुविधाओं को अब DBT के माध्यम से उपलब्ध कराए जाने की तैयारी की जा रही है. इसको लेकर प्रदेश भर में वृहद स्तर पर छात्रों के आधार कार्ड के सत्यापन की प्रक्रिया संचालित की जा रही है. इससे सही बच्चों और उनके अभिभावकों के खातों में ही पैसा भेजा जा सकेगा. इसके अलावा एक ही बच्चे के अलग-अलग स्कूलों में पंजीकरण के फर्जीवाड़े को भी रोका जा सकेगा. वहीं, दूसरी तरफ प्रेरणा पोर्टल के माध्यम से बच्चे के नामांकन से लेकर उससे संबंधित सभी जानकारियों इकट्ठा की जाती हैं. शिक्षकों को निर्देश दिए गए हैं कि वह सभी छात्रों की सूचनाएं इस पोर्टल पर अंकित करें.

यह है तस्वीरः सरकारी आंकड़ों में तस्वीर काफी खराब है. सिर्फ लखनऊ जिले की बात करें तो यहां 7 जुलाई तक 39 हजार 553 छात्रों के दाखिले हुए हैं. प्रमोशन से क्लास 2 से 8वीं क्लास में पहुंचने वालों की संख्या 2 लाख 48 हजार 632 दिखाई गई है. यानी कुल स्टूडेंट्स की संख्या करीब 2 लाख 88 हजार 185 हुई है. लेकिन, प्रेरणा पोर्टल पर सिर्फ 1 लाख 44 हजार 972 छात्रों का ही ब्योरा उपलब्ध है. करीब 1 लाख 43 हजार, 213 बच्चों की कोई सूचना नहीं है. लखनऊ मंडल में कुछ छह जिले आते हैं. इनमें लखनऊ, सीतापुर, लखीमपुर खीरी, हरदोई, उन्नाव और रायबरेली शामिल हैं. हरदोई में करीब 13 हजार 553, खीरी में 19 हजार 738, रायबरेली में 1804 और सीतापुर में यह अंतर 4 लाख 93 हजार 375 का है.

आधार सत्यापन की यह है स्थितिः बेसिक शिक्षा विभाग की तरफ से आधार सत्यापन की जब यह प्रक्रिया शुरू की गई तो कई बड़े खुलासे हुए हैं. हालत यह है कि सत्यापन की संख्या बेहद कम है. आंकड़ों पर भरोसा करें तो पूरे प्रदेश में 50 से 60 प्रतिशत बच्चों का ही आधार का सत्यापन हो पाया. यह हालत तब है जबकि शिक्षा विभाग की तरफ से बार-बार सत्यापन के संबंध में निर्देश जारी किए जा रहे हैं.


शिक्षक यह बता रहे कारणः प्राथमिक शिक्षक प्रशिक्षित स्नातक एसोसिएशन लखनऊ के प्रांतीय अध्यक्ष विनय कुमार सिंह ने बताया कि कोरोना संक्रमण के दौरान अभिभावकों की आर्थिक स्थितियां खराब होने के चलते सरकारी स्कूलों में बच्चों की संख्या अचानक बढ़ी थी. अब यह बच्चे वापस लौट रहे हैं. इसके अलावा, विभाग की तरफ से बच्चों की जानकारी ऑनलाइन मांगी जा रही है. इसके प्रेरणा पोर्टल और डीबीटी एप पर सूचनाएं भेजने में काफी तकनीकी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. ऐसे में नामांकन के बाद बच्चों की जानकारी देने में कुछ समस्याएं होना स्वाभाविक है. शिक्षक अपने स्तर पर पूरा प्रयास कर रहे हैं.

यह भी पढ़ें-कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय में 16 लोग कोरोना पॉजीटिव, स्वास्थ विभाग में हड़कंप


जिम्मेदारों का पक्षः एडी बेसिक डॉ मुकेश कुमार सिंह ने बताया कि प्रक्रिया तेजी से आगे बढ़ रही है. हर दिन आंकड़े सुधर रहे हैं. 10 दिन पहले जो आंकड़े 40 से 50 फीसद थे वहीं अब 60 से 70 के भीतर तक पहुंच गए हैं. यह एक बड़ा काम है. शत-प्रतिशत बच्चों के आधार का सत्यापन किया जाना है. इसका फायदा आने वाले समय में देखने को भी मिलेगा.

ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.