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निकाय चुनाव में नुकसान के डर से सरकार ने जीएसटी के छापों पर लगाई ब्रेक

प्रदेश भर में पिछले कई दिनों से जारी जीएसटी विभाग की छापेमारी (GST raids in UP) पर ब्रेक लग गई है. नगर निकाय चुनाव से ठीक पहले प्रदेश भर के सभी जिलों में एक साथ जीएसटी विभाग की बड़ी छापेमारी से प्रदेश भर के व्यापारी परेशान थे, उनमें नाराजगी थी और लगातार सरकार को घेरने का काम किया जा रहा था.

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Published : Dec 12, 2022, 1:41 PM IST

लखनऊ : प्रदेश भर में पिछले कई दिनों से जारी जीएसटी विभाग की छापेमारी (GST raids in UP) पर ब्रेक लग गई है. नगर निकाय चुनाव से ठीक पहले प्रदेश भर के सभी जिलों में एक साथ जीएसटी विभाग की बड़ी छापेमारी से प्रदेश भर के व्यापारी परेशान थे, उनमें नाराजगी थी और लगातार सरकार को घेरने का काम किया जा रहा था. निकाय चुनाव में पॉलिटिकल नुकसान से बचने के लिए शासन स्तर पर लिए गए फैसले के क्रम में विभागीय कार्रवाई तत्काल प्रभाव से रोक दी गई है.


विभागीय अधिकारियों का कहना है कि उच्च स्तर पर लिए गए निर्णय के क्रम में जीएसटी की कार्रवाई फिलहाल रोक दी गई है. जीएसटी की कार्रवाई के दौरान कई जिलों में न सिर्फ नाराजगी देखने को मिली थी, बल्कि कई जगहों पर जीएसटी विभाग के अधिकारियों को बंधक बनाकर पीटने का मामला भी सामने आया था. उल्लेखनीय है कि जीएसटी विभाग के तरफ से पिछले कई दिनों से प्रदेश भर में एक साथ ताबड़तोड़ छापेमारी करते हुए व्यापारियों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही थी, जिसको लेकर प्रदेशभर के व्यापारियों में न सिर्फ नाराजगी थी बल्कि तमाम शहरों में बाजार बंद कर दिए गए थे.


भारतीय जनता पार्टी के नेताओं की तरफ से भी इस मामले में नाराजगी जताई जा रही थी. पिछले दिनों दौरे पर गए बीजेपी के वरिष्ठ नेता पूर्व उपमुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा भी सीतापुर दौरे पर गए थे, जहां उन्होंने व्यापारियों का उत्पीड़न नहीं होने देने की बात कही थी. इसके अलावा तमाम बीजेपी नेताओं की तरफ से मुख्यमंत्री कार्यालय और बीजेपी प्रदेश नेतृत्व को जीएसटी के छापेमारी और इससे होने वाले नुकसान की बात कही गई. जिसके बाद आज उच्च स्तर पर फैसला किया गया कि कुछ दिनों के लिए जीएसटी की कार्यवाही रोक दी जाए. नहीं तो इससे निकाय चुनाव में बड़ा नुकसान हो सकता है. सामान्य तौर पर यह माना जाता है कि व्यापारी वर्ग भारतीय जनता पार्टी का बड़ा वोट बैंक है और अगर यही वोट बैंक बीजेपी से जीएसटी के छापे से नाराज हो जाएगा तो निकाय चुनाव बीजेपी को बड़ा खामियाजा भुगतना पड़ सकता है, इसी डर से फिलहाल जीएसटी की कार्रवाई पर ब्रेक लगा दी गई है. राज्य कर विभाग के एडिशनल कमिश्नर सुनील राय ने जीएसटी की कार्रवाई फिलहाल रोके जाने की पुष्टि की है. इस पूरे मामले में शासन स्तर के अधिकारियों ने जीएसटी की कार्रवाई रोके जाने को लेकर चुप्पी साध रखी है, हालांकि आज प्रदेश भर में जीएसटी विभाग की टीम कहीं भी कोई कार्यवाही करने के लिए कार्यालयों से नहीं निकली.


राज्य कर विभाग के एडिशनल कमिश्नर सुनील राय (Additional Commissioner Sunil Rai) के अनुसार, प्रदेश भर के सभी 75 जिलों में 264 टीम की तरफ से लगातार कार्रवाई की जा रही थी. रविवार रात तक हुई कार्रवाई में करीब 200 करोड़ रुपए से अधिक की टैक्स चोरी पकड़ी गई, जिसमें ₹11 करोड़ 87 लाख से अधिक के सामान को जब्त करने की कार्रवाई की गई, जबकि विभागीय अधिकारियों की तरफ से 17 करोड़ 53 लाख रुपए की धनराशि को जुर्माने एवं टैक्स के रूप में जमा कराने का काम भी किया गया. पिछले कई दिनों से प्रदेश भर में जीएसटी विभाग के 1,000 से अधिक अधिकारी और कर्मचारियों के साथ भारी संख्या में पुलिस बल प्रदेश के सभी जिलों में व्यापारिक प्रतिष्ठानों पर छापेमारी की कार्रवाई की जा रही थी, फिलहाल रोकने का काम किया गया है.


यह भी पढ़ें : डिंपल यादव ने संसद सदस्य के तौर पर शपथ ली, अखिलेश रहे मौजूद

लखनऊ : प्रदेश भर में पिछले कई दिनों से जारी जीएसटी विभाग की छापेमारी (GST raids in UP) पर ब्रेक लग गई है. नगर निकाय चुनाव से ठीक पहले प्रदेश भर के सभी जिलों में एक साथ जीएसटी विभाग की बड़ी छापेमारी से प्रदेश भर के व्यापारी परेशान थे, उनमें नाराजगी थी और लगातार सरकार को घेरने का काम किया जा रहा था. निकाय चुनाव में पॉलिटिकल नुकसान से बचने के लिए शासन स्तर पर लिए गए फैसले के क्रम में विभागीय कार्रवाई तत्काल प्रभाव से रोक दी गई है.


विभागीय अधिकारियों का कहना है कि उच्च स्तर पर लिए गए निर्णय के क्रम में जीएसटी की कार्रवाई फिलहाल रोक दी गई है. जीएसटी की कार्रवाई के दौरान कई जिलों में न सिर्फ नाराजगी देखने को मिली थी, बल्कि कई जगहों पर जीएसटी विभाग के अधिकारियों को बंधक बनाकर पीटने का मामला भी सामने आया था. उल्लेखनीय है कि जीएसटी विभाग के तरफ से पिछले कई दिनों से प्रदेश भर में एक साथ ताबड़तोड़ छापेमारी करते हुए व्यापारियों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही थी, जिसको लेकर प्रदेशभर के व्यापारियों में न सिर्फ नाराजगी थी बल्कि तमाम शहरों में बाजार बंद कर दिए गए थे.


भारतीय जनता पार्टी के नेताओं की तरफ से भी इस मामले में नाराजगी जताई जा रही थी. पिछले दिनों दौरे पर गए बीजेपी के वरिष्ठ नेता पूर्व उपमुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा भी सीतापुर दौरे पर गए थे, जहां उन्होंने व्यापारियों का उत्पीड़न नहीं होने देने की बात कही थी. इसके अलावा तमाम बीजेपी नेताओं की तरफ से मुख्यमंत्री कार्यालय और बीजेपी प्रदेश नेतृत्व को जीएसटी के छापेमारी और इससे होने वाले नुकसान की बात कही गई. जिसके बाद आज उच्च स्तर पर फैसला किया गया कि कुछ दिनों के लिए जीएसटी की कार्यवाही रोक दी जाए. नहीं तो इससे निकाय चुनाव में बड़ा नुकसान हो सकता है. सामान्य तौर पर यह माना जाता है कि व्यापारी वर्ग भारतीय जनता पार्टी का बड़ा वोट बैंक है और अगर यही वोट बैंक बीजेपी से जीएसटी के छापे से नाराज हो जाएगा तो निकाय चुनाव बीजेपी को बड़ा खामियाजा भुगतना पड़ सकता है, इसी डर से फिलहाल जीएसटी की कार्रवाई पर ब्रेक लगा दी गई है. राज्य कर विभाग के एडिशनल कमिश्नर सुनील राय ने जीएसटी की कार्रवाई फिलहाल रोके जाने की पुष्टि की है. इस पूरे मामले में शासन स्तर के अधिकारियों ने जीएसटी की कार्रवाई रोके जाने को लेकर चुप्पी साध रखी है, हालांकि आज प्रदेश भर में जीएसटी विभाग की टीम कहीं भी कोई कार्यवाही करने के लिए कार्यालयों से नहीं निकली.


राज्य कर विभाग के एडिशनल कमिश्नर सुनील राय (Additional Commissioner Sunil Rai) के अनुसार, प्रदेश भर के सभी 75 जिलों में 264 टीम की तरफ से लगातार कार्रवाई की जा रही थी. रविवार रात तक हुई कार्रवाई में करीब 200 करोड़ रुपए से अधिक की टैक्स चोरी पकड़ी गई, जिसमें ₹11 करोड़ 87 लाख से अधिक के सामान को जब्त करने की कार्रवाई की गई, जबकि विभागीय अधिकारियों की तरफ से 17 करोड़ 53 लाख रुपए की धनराशि को जुर्माने एवं टैक्स के रूप में जमा कराने का काम भी किया गया. पिछले कई दिनों से प्रदेश भर में जीएसटी विभाग के 1,000 से अधिक अधिकारी और कर्मचारियों के साथ भारी संख्या में पुलिस बल प्रदेश के सभी जिलों में व्यापारिक प्रतिष्ठानों पर छापेमारी की कार्रवाई की जा रही थी, फिलहाल रोकने का काम किया गया है.


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