लखनऊ: लखनऊ विश्वविद्यालय का विधि संकाय छात्रों को अच्छी शिक्षा देने के साथ ही आम लोगों में भी कानून की जानकारी व विधिक साक्षरता और सहायता देकर अपनी सामाजिक जिम्मेदारी पूरी करता है. इसी क्रम में विश्वविद्यालय के विधि संकाय भारत सरकार के न्याय विभाग की ओर से संचालित की जा रही प्रतिष्ठित स्कीम प्रो बोनो (लोगों को विधिक सहायता उपलब्ध करवाना) क्लब (Lucknow University Law Faculty as Pro Bono Club) में चयनित कर लिया गया है.
यह जानकारी लखनऊ विश्वविद्यालय प्रवक्ता दुर्गेश श्रीवास्तव (Lucknow University spokesperson Durgesh Srivastava) ने दी. उन्होंने बताया कि लखनऊ विश्वविद्यालय का विधि संकाय लखनऊ के आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को विधिक सहायता देने के साथ ही उन्हें समय-समय पर सरकार की ओर से जो नए कानून बनाए गए हैं, उनके बारे में भी जानकारी प्रदान करता है. बीते दिनों विश्वविद्यालय की ओर से लगातार लखनऊ उसके आसपास के जिलों के गांव में लोगों के लिए कई विधिक सहायता कैंप भी लगाये गये थे. इन कैंप के माध्यम से विश्वविद्यालय ने हजारों ग्रामीणों को न्यायिक मदद दिलाने में मदद भी की है.
भारत सरकार ने कार्यक्रम से जुड़े डिटेल मांगी थी: विश्वविद्यालय के विधि विभाग के प्रो बोनो क्लब के समन्वयक डॉ. आलोक कुमार यादव ने बताया कि प्रो बोनो क्लब के लिए संकाय कि तरफ से न्याय विभाग को लेटर आफ इंटेंट पहले ही भेजा गया था. फिर न्याय विभाग द्वारा संकाय से प्रो बोनो क्लब के लिए एक वर्ष का विस्तृत कार्यक्रम की रूपरेखा मांगी. विश्वविद्यालय प्रशासन ने भारत सरकार के न्याय विभाग को सारी जानकारी भेज दी थी. उसके बाद मंगलवार को भारत सरकार के विभाग की तरफ से संकाय को चयनित होने की सूचना ईमेल द्वारा भेजी गई है.
विधि संकाय के अधिष्ठाता प्रो बीडी सिंह ने कहा कि अब संकाय न्याय विभाग के साथ मिलकर विधिक साक्षरता व सहायता के कार्यों और भी तेजी के साथ करेगा. उन्होंने बताया कि प्रो बोनो शब्द का अर्थ उन कानूनी सेवाओं से है जो जनता की भलाई के लिए या तो मुफ्त में या कम शुल्क पर दी जाती हैं. इस क्लब में सदस्य मनीष तिवारी, रीतम, वैभव, काव्यांजलि, यश, हर्ष आनंद आदि लोग शामिल हैं.
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