लखनऊ: कोरोना संक्रमण के कारण बड़ी संख्या में नगर निगम कर्मचारियों की अब तक मौत हुई है. ऐसे में जिस तरह से चुनाव के दौरान शिक्षकों की मौत पर उनके परिजनों को मदद पर सरकार विचार कर रही है. उसी तर्ज पर नगर निगम के कर्मचारियों के परिवारों की मदद पर भी विचार किया जा रहा है. इसी के चलते शासन ने नगर निगम से कोरोना से मरने वाले कर्मचारियों की सूची मांगी है.
क्या कहते हैं नगर आयुक्त
नगर आयुक्त अजय द्विवेदी ने बताया कि कोरोना से नगर निगम के जितने भी कर्मचारियों की मौत हुई है उनकी सूची भेज दी गई है. हाल ही में जिन कर्मचारियों की मौत हुई है, उनकी सूची बनाकर जिला अधिकारी और मुख्य चिकित्सा अधिकारी को भेज दी जाएगी. ताकि कोरोना से मृत कर्मचारियों के परिजनों को सरकार की मदद मिल सके.
क्या कहते हैं नगर निगम के कर्मचारी
इस मामले में नगर निगम कर्मचारी संघ के अध्यक्ष आनंद वर्मा का कहना है कि नगर निगम के अधिकतर कर्मचारियों की मौत अस्पतालों में इलाज न मिलने के कारण उनके घरों में हुई हैं. इन कर्मचारियों की जांच भी सही तरीके से नहीं हो पाई थी, जबकि मृतक कर्मचारियों में लक्षण कोरोना संक्रमण के ही थे. नगर निगम कर्मचारी संघ के अध्यक्ष आनंद वर्मा का कहना है कि कोरोना से मरने वाले कर्मचारियों की संख्या 26 बताई जा रही है, वह कम है लगभग 45 कर्मचारियों की मौत संक्रमण से हुई है. ऐसे में इन सभी कर्मचारियों का डाटा सरकार को भेजा जाना चाहिए. ताकि सभी कर्मचारियों के परिजनों की मदद हो सके.
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बताते चलें कि प्रदेश सरकार ने ड्यूटी के दौरान कोरोना वायरस से मरने वाले कर्मियों के परिजनों की 50 लाख रुपए की मदद की घोषणा की है. इसके लिए CMO का प्रमाण पत्र भी जरूरी है. जिससे इस बात की पुष्टि हो सके कि मौत का कारण संक्रमण है.