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वसंत पंचमी पर गोबर से बनाई जाएं मूर्तियां, गोसेवा आयोग ने किया आह्वान

राजधानी लखनऊ में गोसेवा आयोग एवं खादी ग्रामोद्योग बोर्ड के तत्वाधान में एक कार्यशाला का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम में आस-पास के जनपदों की गोशालाओं के प्रबंधकों और कृषकों को आमंत्रित किया गया था. इस दौरान पशुपालक और कृषक अपने उत्पादों को अधिक बेहतर बना सकें तथा खादी ग्रामोद्योग बाॅर्ड से जुड़कर अपने उत्पादों की बेहतर मार्केटिंग कर सकें इसको लेकर उन्हें जानकारी दी गई.

लाभार्थी को संस्था के द्वारा 25 लाख तक का ऋण स्वीकृत किये जाने की व्यवस्था
लाभार्थी को संस्था के द्वारा 25 लाख तक का ऋण स्वीकृत किये जाने की व्यवस्था
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Published : Jan 1, 2021, 8:26 AM IST

लखनऊ: उत्तर प्रदेश गोसेवा आयोग एवं खादी ग्रामोद्योग बोर्ड के तत्वाधान में एक कार्यशाला का आयोजन किया गया. जिसका मुख्य उद्देश्य पंचगव्य उत्पादों के विपणन, गुणवत्ता वृद्धि, पैकेजिंग, मानकीकरण को बढ़ाकर गोशालाओं को आत्मनिर्भर बनाना है.


गोसेवा आयोग के अध्यक्ष ने किया आह्वान

कार्यशाला में राजधानी और उसके आस-पास के जनपदों की गोशालाओं के प्रबंधकों एवं गो-उत्पाद से जुड़े पशुपालकों और कृषकों को आमंत्रित किया गया. गोसेवा आयोग के अध्यक्ष श्याम नन्दन सिंह ने आगामी वसंत पंचमी पर गोमय से मां सरस्वती एवं भगवान गणेश की मूर्तियों को बनाने का आह्वान किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि पशुपालक और कृषक अपने उत्पाद को और अधिक बेहतर बना सकते हैं. साथ ही खादी ग्रामोद्योग बाॅर्ड से जुड़कर अपने उत्पादों की बेहतर मार्केटिंग भी कर सकते हैं.

खादी ग्रामोद्योग की योजनाओं से कराया अवगत

जिला ग्रामोद्योग अधिकारी लक्ष्मीकान्त नाग ने खादी ग्रामोद्योग द्वारा संचालित की जा रही योजनाओं से अवगत कराते हुए कहा प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम पूर्णतः ऑनलाइन कर दिया गया है. इस कार्यक्रम के अन्तर्गत लाभार्थी को संस्था के द्वारा 25 लाख तक का ऋण स्वीकृत किये जाने की व्यवस्था की गई है. लाभार्थी संस्था को कुल लागत का 10 प्रतिशत अंश खुद वहन करना पड़ता है और 90 प्रतिशत ऋण की व्यवस्था सरकार करती है. इस योजना में केंद्र सरकार की ओर से 25 प्रतिशत सब्सिडी भी दी जाती है. सब्सिडी में लाभार्थी का 10 प्रतिशत अंश भी सम्मिलित होता है. इसके साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में लगने वाले उद्योगों पर तीन वर्ष तक 13 प्रतिशत के ब्याज की प्रतिपूर्ति किये जाने का प्राविधान भी है.

राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन

नवीन शर्मा ने बताया कि प्रदेश में ग्रामीण आजीविका मिशन में लगभग चार लाख समूह स्थापित किए गए हैं. जिनके द्वारा लगभग 40 लाख महिलाओं को रोजगार दिया जा रहा है. इस दौरान उन्होंने बताया कि इन महिला समूहों में ग्रामीण क्षेत्र में बीपीएल (गरीबी रेखा से नीचे) की 10-15 महिलाओं तक का एक समूह बनाया जाता है. जिसके बाद समूह के नाम पर बैंक में खाता खोला जाता है. साथ ही इस समूह को मिठाई के डिब्बे, गोबर के उत्पाद आदि बनाने की ट्रेनिंग भी दिलायी जाती है. इसके साथ ही समिति का कार्यकाल पूर्ण होने के बाद आवश्यकतानुसार 15 हजार रुपये से 1 लाख 10 हजार रूपये का अनुदान दिये जाने का प्रावधान है.

अधिकारी थे उपस्थित

कार्यशाला के दौरान प्रमुख रूप से डाॅ.वीरेन्द्र सिंह, उत्तर प्रदेश गोसेवा आयोग के सचिव डाॅ. पी.के.त्रिपाठी, पूर्व सचिव उत्तर प्रदेश गोसेवा आयोग के साथ निकटवर्ती जनपदों की गोशालाओं के प्रतिनिधि भी उपस्थित रहे. इस कार्यशाला का संचालन समाज सेवी एवं यूनाइट फाउण्डेशन के उपाध्यक्ष राधेश्याम दीक्षित ने किया.

लखनऊ: उत्तर प्रदेश गोसेवा आयोग एवं खादी ग्रामोद्योग बोर्ड के तत्वाधान में एक कार्यशाला का आयोजन किया गया. जिसका मुख्य उद्देश्य पंचगव्य उत्पादों के विपणन, गुणवत्ता वृद्धि, पैकेजिंग, मानकीकरण को बढ़ाकर गोशालाओं को आत्मनिर्भर बनाना है.


गोसेवा आयोग के अध्यक्ष ने किया आह्वान

कार्यशाला में राजधानी और उसके आस-पास के जनपदों की गोशालाओं के प्रबंधकों एवं गो-उत्पाद से जुड़े पशुपालकों और कृषकों को आमंत्रित किया गया. गोसेवा आयोग के अध्यक्ष श्याम नन्दन सिंह ने आगामी वसंत पंचमी पर गोमय से मां सरस्वती एवं भगवान गणेश की मूर्तियों को बनाने का आह्वान किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि पशुपालक और कृषक अपने उत्पाद को और अधिक बेहतर बना सकते हैं. साथ ही खादी ग्रामोद्योग बाॅर्ड से जुड़कर अपने उत्पादों की बेहतर मार्केटिंग भी कर सकते हैं.

खादी ग्रामोद्योग की योजनाओं से कराया अवगत

जिला ग्रामोद्योग अधिकारी लक्ष्मीकान्त नाग ने खादी ग्रामोद्योग द्वारा संचालित की जा रही योजनाओं से अवगत कराते हुए कहा प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम पूर्णतः ऑनलाइन कर दिया गया है. इस कार्यक्रम के अन्तर्गत लाभार्थी को संस्था के द्वारा 25 लाख तक का ऋण स्वीकृत किये जाने की व्यवस्था की गई है. लाभार्थी संस्था को कुल लागत का 10 प्रतिशत अंश खुद वहन करना पड़ता है और 90 प्रतिशत ऋण की व्यवस्था सरकार करती है. इस योजना में केंद्र सरकार की ओर से 25 प्रतिशत सब्सिडी भी दी जाती है. सब्सिडी में लाभार्थी का 10 प्रतिशत अंश भी सम्मिलित होता है. इसके साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में लगने वाले उद्योगों पर तीन वर्ष तक 13 प्रतिशत के ब्याज की प्रतिपूर्ति किये जाने का प्राविधान भी है.

राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन

नवीन शर्मा ने बताया कि प्रदेश में ग्रामीण आजीविका मिशन में लगभग चार लाख समूह स्थापित किए गए हैं. जिनके द्वारा लगभग 40 लाख महिलाओं को रोजगार दिया जा रहा है. इस दौरान उन्होंने बताया कि इन महिला समूहों में ग्रामीण क्षेत्र में बीपीएल (गरीबी रेखा से नीचे) की 10-15 महिलाओं तक का एक समूह बनाया जाता है. जिसके बाद समूह के नाम पर बैंक में खाता खोला जाता है. साथ ही इस समूह को मिठाई के डिब्बे, गोबर के उत्पाद आदि बनाने की ट्रेनिंग भी दिलायी जाती है. इसके साथ ही समिति का कार्यकाल पूर्ण होने के बाद आवश्यकतानुसार 15 हजार रुपये से 1 लाख 10 हजार रूपये का अनुदान दिये जाने का प्रावधान है.

अधिकारी थे उपस्थित

कार्यशाला के दौरान प्रमुख रूप से डाॅ.वीरेन्द्र सिंह, उत्तर प्रदेश गोसेवा आयोग के सचिव डाॅ. पी.के.त्रिपाठी, पूर्व सचिव उत्तर प्रदेश गोसेवा आयोग के साथ निकटवर्ती जनपदों की गोशालाओं के प्रतिनिधि भी उपस्थित रहे. इस कार्यशाला का संचालन समाज सेवी एवं यूनाइट फाउण्डेशन के उपाध्यक्ष राधेश्याम दीक्षित ने किया.

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