लखनऊ : उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए शुभ समाचार है. निगम प्रशासन ने सोमवार को महंगाई भत्ते के भुगतान के लिए अपनी सहमति प्रदान कर दी है. ऐसे में मई के वेतन के साथ रोडवेज कर्मियों को 28 फीसदी महंगाई भत्ते का भुगतान भी किया जाएगा. इस संबंध में अपर प्रबंध निदेशक अन्नपूर्णा गर्ग ने प्रदेश भर के सभी अधिकारियों को समय से भुगतान किए जाने के लिए दिशा निर्देश जारी किए हैं.
उत्तर प्रदेश राज्य परिवहन निगम के प्रबंध निदेशक संजय कुमार ने बताया कि 'परिवहन निगम के कर्मचारियों को पूर्व से मिल रहे 17 फीसदी महंगाई भत्ते में 11 फीसदी जोड़कर कुल 28 फीसदी भुगतान किए जाने की मंजूरी दी गई है. इस फैसले से रोडवेजकर्मियों से लेकर अधिकारियों तक को न्यूनतम तीन हजार से लेकर आठ हजार रुपये तक का लाभ मिलेगा. उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम प्रशासन के इस फैसले से परिवहन निगम के तकरीबन 21 हजार नियमित कर्मियों को लाभ होगा.' रोडवेज प्रशासन के इस निर्णय पर उप्र रोडवेज कर्मचारी संयुक्त परिषद, उत्तर प्रदेश रोडवेज कर्मचारी संघ, यूपी रोडवेज एंप्लाइज यूनियन, परिवहन निगम श्रमिक समाज कल्याण संघ ने प्रसन्नता व्यक्त की है.
रुका ड्राइवर का स्थानांतरण : उपनगरीय डिपो से ट्रांसफर किए गए 22 ड्राइवरों व कंडक्टरों में से एक का स्थानांतरण निरस्त कर दिया गया है, वहीं अन्य पर भी मंथन चल रहा है. कर्मचारियों ने अधिकारियों को 21 अप्रैल तक का समय दिया है. चेतावनी दी है कि अगर फैसला नहीं लिया गया तो एक बार फिर से मानवाधिकार आयोग का दरवाजा खटखटाया जाएगा. बता दें कि ट्रांसफर किए गए कर्मचारियों में से ड्राइवर हरगोविंद की पत्नी बीमार हैं, जिनकी देखरेख की बड़ी जिम्मेदारी उन्हीं के कंधों पर है, लेकिन अधिकारियों ने उनका भी तबादला उपनगरीय डिपो से अवध डिपो के लिए कर दिया था. कई बार गुहार लगाने पर भी जब अधिकारियों ने सुनवाई नहीं की तो उन्होंने एमडी से अपनी व्यथा बताते हुए ट्रांसफर रोके जाने की अपील की थी. उनकी अपील को स्वीकार कर तबादला आदेश रद्द कर दिया गया है. यूपी रोडवेज इम्प्लाइज यूनियन के शाखा अध्यक्ष प्रदीप कुमार पांडेय का कहना है कि नियमों के विरुद्ध हो रहे तबादलों को लेकर परिवहन निगम के प्रबंध निदेशक से मुलाकात करेंगे. सभी कर्मचारियों का ब्यौरा प्रस्तुत किया जाएगा. अगर कोई सुनवाई नहीं हुई तो मानवाधिकार आयोग के दर पर दस्तक दी जाएगी.
यह भी पढ़ें : यूपी में नगर निकाय चुनाव की अधिसूचना जारी, केशव प्रसाद मौर्य-भूपेन्द्र सिंह चौधरी ने किया स्वागत
UPSRTC : महंगाई भत्ते के भुगतान को ग्रीन सिग्नल, कर्मचारियों को मिलेगा लाभ
उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के कर्मचारियों और पेंशनरों के लिए अच्छी खबर है. निगम प्रशासन ने सोमवार को महंगाई भत्ते के भुगतान की मंजूरी दे दी है.
लखनऊ : उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए शुभ समाचार है. निगम प्रशासन ने सोमवार को महंगाई भत्ते के भुगतान के लिए अपनी सहमति प्रदान कर दी है. ऐसे में मई के वेतन के साथ रोडवेज कर्मियों को 28 फीसदी महंगाई भत्ते का भुगतान भी किया जाएगा. इस संबंध में अपर प्रबंध निदेशक अन्नपूर्णा गर्ग ने प्रदेश भर के सभी अधिकारियों को समय से भुगतान किए जाने के लिए दिशा निर्देश जारी किए हैं.
उत्तर प्रदेश राज्य परिवहन निगम के प्रबंध निदेशक संजय कुमार ने बताया कि 'परिवहन निगम के कर्मचारियों को पूर्व से मिल रहे 17 फीसदी महंगाई भत्ते में 11 फीसदी जोड़कर कुल 28 फीसदी भुगतान किए जाने की मंजूरी दी गई है. इस फैसले से रोडवेजकर्मियों से लेकर अधिकारियों तक को न्यूनतम तीन हजार से लेकर आठ हजार रुपये तक का लाभ मिलेगा. उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम प्रशासन के इस फैसले से परिवहन निगम के तकरीबन 21 हजार नियमित कर्मियों को लाभ होगा.' रोडवेज प्रशासन के इस निर्णय पर उप्र रोडवेज कर्मचारी संयुक्त परिषद, उत्तर प्रदेश रोडवेज कर्मचारी संघ, यूपी रोडवेज एंप्लाइज यूनियन, परिवहन निगम श्रमिक समाज कल्याण संघ ने प्रसन्नता व्यक्त की है.
रुका ड्राइवर का स्थानांतरण : उपनगरीय डिपो से ट्रांसफर किए गए 22 ड्राइवरों व कंडक्टरों में से एक का स्थानांतरण निरस्त कर दिया गया है, वहीं अन्य पर भी मंथन चल रहा है. कर्मचारियों ने अधिकारियों को 21 अप्रैल तक का समय दिया है. चेतावनी दी है कि अगर फैसला नहीं लिया गया तो एक बार फिर से मानवाधिकार आयोग का दरवाजा खटखटाया जाएगा. बता दें कि ट्रांसफर किए गए कर्मचारियों में से ड्राइवर हरगोविंद की पत्नी बीमार हैं, जिनकी देखरेख की बड़ी जिम्मेदारी उन्हीं के कंधों पर है, लेकिन अधिकारियों ने उनका भी तबादला उपनगरीय डिपो से अवध डिपो के लिए कर दिया था. कई बार गुहार लगाने पर भी जब अधिकारियों ने सुनवाई नहीं की तो उन्होंने एमडी से अपनी व्यथा बताते हुए ट्रांसफर रोके जाने की अपील की थी. उनकी अपील को स्वीकार कर तबादला आदेश रद्द कर दिया गया है. यूपी रोडवेज इम्प्लाइज यूनियन के शाखा अध्यक्ष प्रदीप कुमार पांडेय का कहना है कि नियमों के विरुद्ध हो रहे तबादलों को लेकर परिवहन निगम के प्रबंध निदेशक से मुलाकात करेंगे. सभी कर्मचारियों का ब्यौरा प्रस्तुत किया जाएगा. अगर कोई सुनवाई नहीं हुई तो मानवाधिकार आयोग के दर पर दस्तक दी जाएगी.
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