लखनऊ : राजधानी लखनऊ के मड़ियांव के निवासी कुलदीप सिंह के मोबाइल फोन पर एक कॉल आई. कॉल करने वाले ने खुद को सिंगापुर का निवासी बताते हुए एक ट्रेडिंग कंपनी का अधिकारी बताया. गोल्ड ट्रेडिंग के नाम पर 20 से 30% मुनाफे का ऑफर देते हुए वॉट्सऐप पर lalithai.in वेबसाइट का लिंक भेजा और अकाउंट खुलवा कर पर्सनल डिटेल हासिल कर ली. इसके बाद कुलदीप को तब समझ आया कि वो साइबर ठगी का शिकार हुए. उनके 13 लाख रुपये जालसाजों ने हजम कर लिए. इस तरह की ठगी सिर्फ कुलदीप के साथ ही नहीं राजधानी के रोहित माहेश्वरी, हेमंत अग्रवाल समेत कई लोगों के साथ हुई है.
साइबर एक्सपर्ट अमित दुबे के मुताबिक पैसा कमाना हर कोई चाहता है और जब बात कमाई गोल्ड के जरिए हो तो कोई भी आंख मूंद कर पैसा लगाने को तैयार हो जाता है, लेकिन ये आंख मूंदना लोगों को भारी पड़ रहा है. गोल्ड ट्रेडिंग के नाम पर साइबर ठग लोगों को अपना शिकार बना लाखों को ठगी कर रहे हैं. राजधानी समेत पूरे प्रदेश में रोजाना सैकड़ों लोग इस तरह की ठगी का शिकार हो रहे हैं. राजधानी के राजाबाजार के रहने वाले रोहित माहेश्वरी को भी गोल्ड ट्रेडिंग के जरिए पैसा कमाना था. उन्होंने इंटरनेट पर सर्च किया था. इसके कुछ दिनों बाद ही उनके पास कॉल आई और उसने खुद को ट्रेडिंग कंपनी का अधिकारी बता कर गोल्ड ट्रेडिंग के जरिए अधिक पैसा कमाने का झांसा दिया. कॉल करने वाले के कहने पर रोहित ने 50 हजार रुपये इंवेस्ट किए. जिस पर ई-मनी के नाम पर उन्हें 20 से 30% तक फायदा दिया गया.
रोहित अब और पैसा कमाना चाहते थे. ऐसे में साइबर ठगों ने रोहित को वीआईपी-2 कैटेगरी में जोड़ने की बात कहकर दो लाख 50 हजार रुपये जमा करवाए. प्रॉफिट 200% तक पहुंच कर 10 लाख हो गया तो पीड़ित रोहित ने रकम निकालने की कोशिश की. रोहित ई वॉलेट से पैसा निकालना चाहते थे. ऐसे में जालसाजों ने रकम निकालने के लिए 2,01,240 रुपये और जमा करने के लिए कहा. रोहित ने 10 लाख पाने के लालच में ये रकम भी ठगों के बैंक अकाउंट में आरटीजीएस कर दिया. उसके बाद जालसाजों ने वॉट्सऐप कॉल करना बंद कर दिया. कॉल करने पर जवाब देना भी बंद कर दिया. बार-बार कॉल करने पर नंबर ब्लॉक कर निकल गए.
मड़ियांव के कुलदीप के साथ भी इसी तरह ठगी को अंजाम दिया गया. उनके 13 लाख 42 हजार 679 रुपये जालसाजों ने गोल्ड ट्रेडिंग के नाम ठग लिए. लखनऊ साइबर सेल के प्रभारी सतीश साहू के मुताबिक ऑनलाइन गोल्ड ट्रेडिंग के लिए कॉल करने वाले किसी भी अनजान व्यक्ति पर आंख मूंद कर भरोसा नहीं करना चाहिए. सालों से जागरूक करने के बाद भी लोग अनजान लिंक को खोल कर अपनी डिटेल शेयर करते और एप्लिकेशन इंस्टाल कर रहे हैं. अनजान व्यक्ति द्वारा भेजे गए लिंक और ऐप को डाउनलोड कर उसमें अपनी पर्सनल डिटेल शेयर नहीं करनी चाहिए. बार बार बताने के बाद भी यदि लोग ऐसे जालसाजों जाल में फंस रहे हैं तो रकम फंसते ही उसे पाने की लालसा छोड़ दें. उन्हें पाने के लिए और पैसे मत दें.
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