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लखनऊ: कोविड-19 के कारण फीकी पड़ी सोना-चांदी की 'चमक'

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Published : Jun 10, 2020, 10:35 AM IST

लाॅकडाउन के बाद सरकार ने आभूषणों की बिक्री में दिशा-निर्देश के साथ दुकानों को खोलने की छूट दी है. बावजूद इसके सर्राफा व्यापार पहले की तरह ठप पड़ा हुआ है. खरीदारों की कमी के कारण व्यापार में काफी भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है.

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कोविड-19 से प्रभावित हुआ सोना-चांदी का व्यापार.

लखनऊः कोविड-19 के चलते सोना-चांदी कारोबारियों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है. सरकार द्वारा कारोबार में छूट देने के बावजूद भी खरीदारों की भीड़ न जुटने के कारण व्यापारियों में उदासी छाई हुई है. संक्रमण के कारण ग्राहक खरीदारी करने के लिए नहीं निकल रहे हैं. अगर कोई ग्राहक आ भी जाता है तो कारोबारी उन्हें उनकी पसंद की डिजाइन वाले आभूषण दे पाने में असहाय नजर आ रहे हैं.

सर्राफा एसोसिएशन के पदाधिकारियों का कहना है कि दुकानें बंद होने से करोड़ों रुपयों का नुकसान उठाना पड़ा है. अन्य राज्यों के मजदूर अपने घर वापस जा चुके हैं, जिसकी वजह से नई डिजाइन के आभूषण ग्राहकों को नहीं दे पा रहे हैं.

बुकिंग हुई कैंसिल
लॉकडाउन के दौरान देशभर के सभी व्यापार बंद कर दिए गए थे. इस दौरान सोना-चांदी के कारोबार पर भी गहरा असर हुआ है. तालाबंदी के कारण पिछले ढाई महीनों में सर्राफा कारोबारियों को करोड़ों रुपयों का नुकसान उठाना पड़ा है. सहालग के सीजन में लॉकडाउन के कारण आभूषणों की बुकिंग कैंसिल होने से कारोबारी ज्यादा परेशान हैं.

कोविड-19 से प्रभावित हुआ सोना-चांदी का व्यापार.

चौक सर्राफा एसोसिएशन के पदाधिकारी राजन रस्तोगी ने बताया कि आभूषणों की बुकिंग दो तरह से की जाती है. फिक्स बुकिंग और अनफिक्स बुकिंग. फिक्स बुकिंग में ग्राहकों से बुकिंग के दौरान की कीमत ली जाती है, लेकिन कीमत में उछाल होने के कारण उनको पुरानी कीमत में आभूषण देने पड़ते हैं. ऐसे में व्यापारियों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है. वहीं अनफिक्स बुकिंग में मार्केट के हिसाब से ग्राहक आभूषणों की कीमत अदा करते हैं.

पुराने रेट पर दिया जा रहा है आभूषण
ग्राहक और व्यापारी में अनुबंध होने के कारण सर्राफा व्यापारियों को ग्राहकों को पुरानी कीमत पर आभूषण देते हैं. लॉकडाउन में सोने-चांदी की कीमतों में भारी इजाफा हुआ है, लेकिन अब ग्राहकों को पुराने रेट पर आभूषण दिए जा रहे हैं. जिसका कारोबारियों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है.

कारीगर बेरोजगार
लॉकडाउन के कारण आभूषणों की डिमांड जीरो है. कारीगरों की फिक्स जॉब नहीं होती है. उन्हें उनकी पारिश्रमिक उनके द्वारा बनाए गए आभूषणों के हिसाब से दी जाती है. पिछले ढाई महीनों से काम पूरी तरह से ठप है. ऐसे में कारीगरों को आभूषण बनाने का काम नहीं मिल पाया है, जिसकी वजह से हजारों कारीगर और उनके परिवार खाने-पीने को मोहताज हैं.

इसे भी पढ़ें- यूपी 69000 शिक्षक भर्ती: आवेदन त्रुटियों में सुधार के लिए चयनितों ने निदेशालय में डाला डेरा

लखनऊः कोविड-19 के चलते सोना-चांदी कारोबारियों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है. सरकार द्वारा कारोबार में छूट देने के बावजूद भी खरीदारों की भीड़ न जुटने के कारण व्यापारियों में उदासी छाई हुई है. संक्रमण के कारण ग्राहक खरीदारी करने के लिए नहीं निकल रहे हैं. अगर कोई ग्राहक आ भी जाता है तो कारोबारी उन्हें उनकी पसंद की डिजाइन वाले आभूषण दे पाने में असहाय नजर आ रहे हैं.

सर्राफा एसोसिएशन के पदाधिकारियों का कहना है कि दुकानें बंद होने से करोड़ों रुपयों का नुकसान उठाना पड़ा है. अन्य राज्यों के मजदूर अपने घर वापस जा चुके हैं, जिसकी वजह से नई डिजाइन के आभूषण ग्राहकों को नहीं दे पा रहे हैं.

बुकिंग हुई कैंसिल
लॉकडाउन के दौरान देशभर के सभी व्यापार बंद कर दिए गए थे. इस दौरान सोना-चांदी के कारोबार पर भी गहरा असर हुआ है. तालाबंदी के कारण पिछले ढाई महीनों में सर्राफा कारोबारियों को करोड़ों रुपयों का नुकसान उठाना पड़ा है. सहालग के सीजन में लॉकडाउन के कारण आभूषणों की बुकिंग कैंसिल होने से कारोबारी ज्यादा परेशान हैं.

कोविड-19 से प्रभावित हुआ सोना-चांदी का व्यापार.

चौक सर्राफा एसोसिएशन के पदाधिकारी राजन रस्तोगी ने बताया कि आभूषणों की बुकिंग दो तरह से की जाती है. फिक्स बुकिंग और अनफिक्स बुकिंग. फिक्स बुकिंग में ग्राहकों से बुकिंग के दौरान की कीमत ली जाती है, लेकिन कीमत में उछाल होने के कारण उनको पुरानी कीमत में आभूषण देने पड़ते हैं. ऐसे में व्यापारियों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है. वहीं अनफिक्स बुकिंग में मार्केट के हिसाब से ग्राहक आभूषणों की कीमत अदा करते हैं.

पुराने रेट पर दिया जा रहा है आभूषण
ग्राहक और व्यापारी में अनुबंध होने के कारण सर्राफा व्यापारियों को ग्राहकों को पुरानी कीमत पर आभूषण देते हैं. लॉकडाउन में सोने-चांदी की कीमतों में भारी इजाफा हुआ है, लेकिन अब ग्राहकों को पुराने रेट पर आभूषण दिए जा रहे हैं. जिसका कारोबारियों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है.

कारीगर बेरोजगार
लॉकडाउन के कारण आभूषणों की डिमांड जीरो है. कारीगरों की फिक्स जॉब नहीं होती है. उन्हें उनकी पारिश्रमिक उनके द्वारा बनाए गए आभूषणों के हिसाब से दी जाती है. पिछले ढाई महीनों से काम पूरी तरह से ठप है. ऐसे में कारीगरों को आभूषण बनाने का काम नहीं मिल पाया है, जिसकी वजह से हजारों कारीगर और उनके परिवार खाने-पीने को मोहताज हैं.

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