लखनऊ: स्कूल गई किशोरी को बहला फुसलाकर भगा ले जाने के बाद उसके साथ दुराचार करने के आरोपी अजीत को पॉक्सो एक्ट के विशेष न्यायाधीश विजेंद्र त्रिपाठी ने 7 साल के कारावास एवं 5 हजार रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई है.
अदालत में तर्क प्रस्तुत करते हुए विशेष अधिवक्ता अभिषेक उपाध्याय एवं अरुण कुमार ने बताया कि न्यू प्रभात पुरम तालकटोरा लखनऊ के रहने वाले अजीत के पिता छोटे लाल के विरुद्ध वादी ने 18 नवंबर 2014 को पारा थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी. आरोप था कि वादी की पुत्री उसकी बहन के पास रहकर स्वर्णिम पब्लिक स्कूल पारा में कक्षा आठ में पढ़ रही थी.
अदालत को बताया गया था कि घटना वाले दिन लड़की स्कूल गई थी. लेकिन जब वापस नहीं आई तो उसे काफी ढूंढा गया. लेकिन उसका पता नहीं चला. अदालत को बताया गया कि वादी को उस समय कुछ लोगों ने बताया था कि उसकी लड़की को अभियुक्त अजीत का पिता छोटेलाल बहला-फुसलाकर भगा ले गया है. विवेचना के दौरान पीड़िता के बरामद होने पर उसने पुलिस को बताया कि उसे आरोपी अजीत बहला-फुसलाकर भगा ले गया था. तथा उसके साथ दुराचार किया है.
गर्भवती बहू की हत्यारोपी सास को जमानत से कोर्ट का इंकार
लखनऊ में दहेज की मांग पूरी न होने पर गर्भवती बहू की हत्या करने की आरोपी सास विद्या देवी की जमानत अर्जी को सत्र अदालत ने खारिज कर दी. जमानत अर्जी के विरोध में एडीजीसी अरुण पांडेय एवं दुष्यंत मिश्रा की ओर से कहा गया है कि वादी रामचंद्र ने अपनी बेटी सोनी की शादी एक साल पहले चौधरी खेड़ा काकोरी में रहने वाले धर्मेंद्र के साथ किया था. जिसमें काफी दान दहेज दिया था. लेकिन बेटी की ससुराल वाले खुश नहीं थे. आरोप है कि दहेज की मांग को लेकर दामाद धर्मेंद्र, सास विद्या देवी, ससुर रमेश एवं देवर शेरू दहेज के लिए प्रताड़ित कर उसे मारते पीटते थे.
आरोप है कि 5 मार्च 2023 को सभी आरोपियों ने गला दबाकर उसकी पुत्री सोनी की हत्या करके लाश को छल्ले से लटका दिया. अदालत को बहस के दौरान बताया गया कि वादी की पुत्री 4 महीने की गर्भवती थी. जिसे उसके ससुराल वाले प्रताड़ित कर मारते पीटते थे. जिसके बाद कोर्ट ने सास विद्या देवी की जमानत अर्जी को खारिज कर दिया.