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एनकाउंटर के दौरान कितनी गोली लगीं थीं गिरधारी विश्वकर्मा को, जानें

इनामी बदमाश और शूटर गिरधारी विश्वकर्मा का पोस्टमार्टम सोमवार को सीसीटीवी की निगरानी में किया गया. पोस्टमार्टम कोर्ट के आदेश के बाद डॉक्टरों के पैनल बनाकर किया गया था. गिरधारी लखनऊ में हुए अजीत हत्याकांड का आरोपी था.

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Published : Feb 16, 2021, 1:17 AM IST

लखनऊः एक लाख रुपए के इनामी बदमाश और शूटर गिरधारी विश्वकर्मा की रविवार देर रात एनकाउंटर में मौत हो गई थी. सोमवार को कोर्ट के आदेश के बाद डॉक्टरों का पैनल बनाकर पोस्टमार्टम किया गया.

लगी थीं दो गोली
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में गिरधारी विश्वकर्मा को दो गोली लगने की पुष्टि हुई है. एक गोली उसे बाएं तरफ सीने में लगी थी तो दूसरी गोली बाएं जांघ में पाई गई. बता दें कि रविवार देर रात को अजीत हत्याकांड में नामजद आरोपी गिरधारी विश्वकर्मा को पुलिस हत्या में प्रयुक्त असलहा की बरामदगी के लिए ले जा रही थी. पुलिस के अनुसार गिरधारी खरगापुर के पास उप निरीक्षक को घायल कर सरकारी पिस्टल को लेकर भागने लगा. इस दौरान जवाबी कार्रवाई में गिरधारी विश्वकर्मा मारा गया.

सीसीटीवी की निगरानी
गिरधारी विश्वकर्मा की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में उसे दो गोली लगने की पुष्टि हुई है. कोर्ट के विशेष आदेश के बाद डॉक्टरों के पैनल और सीसीटीवी की निगरानी में गिरधारी विश्वकर्मा का पोस्टमार्टम किया गया. इसमें उसे दो गोली लगने की बात सामने आई है. एक गोली गिरधारी को बाएं तरफ सीने में लगी है तो दूसरी गोली उसके बाएं जांघ में लगी मिली.

कैसे मारा गया था गिरधारी
अजीत हत्याकांड में नामजद आरोपी व ₹100000 का इनामी गिरधारी विश्वकर्मा को लखनऊ पुलिस पिछले 2 दिनों से रिमांड पर लेकर पूछताछ कर रही थी. पूछताछ के दौरान गिरधारी विश्वकर्मा ने अजीत की हत्या में प्रयोग किए गए असलहे को बरामद करने की बात कही. वहीं पुलिस रात 2:30 बजे गिरधारी को लेकर असलहा बरामद करने पहुंची तो उसने उपनिरीक्षक सईद उस्मानी को घायल कर सरकारी पिस्टल लूटकर भागने लगा. इस दौरान पुलिस मुठभेड़ में गिरधारी मारा गया.

100000 का था इनामी गिरधारी
वाराणसी में रितेश सिंह बबलू की हत्या कांड में वांछित गिरधारी विश्वकर्मा के ऊपर वाराणसी पुलिस के द्वारा ₹100000 का इनाम घोषित किया गया था. वहीं गिरधारी ने पूछताछ में बताया कि वह पिछले 7 महीने से अजीत की हत्या करने के लिए लखनऊ में रुका हुआ था.

क्या था अजीत का घटनाक्रम
मऊ के पूर्व ब्लॉक प्रमुख अजीत सिंह की 6 जनवरी को लखनऊ के विभूति खंड थाना के कठौता चौराहा के पास गैंगवार के दौरान हत्या कर दी गई थी. इस हत्या में 6 लोगों पर नामजद मुकदमा दर्ज किया गया. इसमें गिरधारी विश्वकर्मा का नाम भी शामिल था. गिरधारी को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किया था. वहीं इस हत्या में पुलिस के द्वारा कोर्ट में रिमांड की अर्जी दी गई थी, जिसके बाद यूपी पुलिस को 13 से लेकर 16 फरवरी तक रिमांड मिली थी. वह इस दौरान गिरधारी ने पूछताछ में घटना में प्रयोग मोबाइल बरामद करवाया था तो वहीं कई अहम खुलासे भी किए.

लखनऊः एक लाख रुपए के इनामी बदमाश और शूटर गिरधारी विश्वकर्मा की रविवार देर रात एनकाउंटर में मौत हो गई थी. सोमवार को कोर्ट के आदेश के बाद डॉक्टरों का पैनल बनाकर पोस्टमार्टम किया गया.

लगी थीं दो गोली
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में गिरधारी विश्वकर्मा को दो गोली लगने की पुष्टि हुई है. एक गोली उसे बाएं तरफ सीने में लगी थी तो दूसरी गोली बाएं जांघ में पाई गई. बता दें कि रविवार देर रात को अजीत हत्याकांड में नामजद आरोपी गिरधारी विश्वकर्मा को पुलिस हत्या में प्रयुक्त असलहा की बरामदगी के लिए ले जा रही थी. पुलिस के अनुसार गिरधारी खरगापुर के पास उप निरीक्षक को घायल कर सरकारी पिस्टल को लेकर भागने लगा. इस दौरान जवाबी कार्रवाई में गिरधारी विश्वकर्मा मारा गया.

सीसीटीवी की निगरानी
गिरधारी विश्वकर्मा की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में उसे दो गोली लगने की पुष्टि हुई है. कोर्ट के विशेष आदेश के बाद डॉक्टरों के पैनल और सीसीटीवी की निगरानी में गिरधारी विश्वकर्मा का पोस्टमार्टम किया गया. इसमें उसे दो गोली लगने की बात सामने आई है. एक गोली गिरधारी को बाएं तरफ सीने में लगी है तो दूसरी गोली उसके बाएं जांघ में लगी मिली.

कैसे मारा गया था गिरधारी
अजीत हत्याकांड में नामजद आरोपी व ₹100000 का इनामी गिरधारी विश्वकर्मा को लखनऊ पुलिस पिछले 2 दिनों से रिमांड पर लेकर पूछताछ कर रही थी. पूछताछ के दौरान गिरधारी विश्वकर्मा ने अजीत की हत्या में प्रयोग किए गए असलहे को बरामद करने की बात कही. वहीं पुलिस रात 2:30 बजे गिरधारी को लेकर असलहा बरामद करने पहुंची तो उसने उपनिरीक्षक सईद उस्मानी को घायल कर सरकारी पिस्टल लूटकर भागने लगा. इस दौरान पुलिस मुठभेड़ में गिरधारी मारा गया.

100000 का था इनामी गिरधारी
वाराणसी में रितेश सिंह बबलू की हत्या कांड में वांछित गिरधारी विश्वकर्मा के ऊपर वाराणसी पुलिस के द्वारा ₹100000 का इनाम घोषित किया गया था. वहीं गिरधारी ने पूछताछ में बताया कि वह पिछले 7 महीने से अजीत की हत्या करने के लिए लखनऊ में रुका हुआ था.

क्या था अजीत का घटनाक्रम
मऊ के पूर्व ब्लॉक प्रमुख अजीत सिंह की 6 जनवरी को लखनऊ के विभूति खंड थाना के कठौता चौराहा के पास गैंगवार के दौरान हत्या कर दी गई थी. इस हत्या में 6 लोगों पर नामजद मुकदमा दर्ज किया गया. इसमें गिरधारी विश्वकर्मा का नाम भी शामिल था. गिरधारी को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किया था. वहीं इस हत्या में पुलिस के द्वारा कोर्ट में रिमांड की अर्जी दी गई थी, जिसके बाद यूपी पुलिस को 13 से लेकर 16 फरवरी तक रिमांड मिली थी. वह इस दौरान गिरधारी ने पूछताछ में घटना में प्रयोग मोबाइल बरामद करवाया था तो वहीं कई अहम खुलासे भी किए.

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