लखनऊ: राजधानी के सिविल कोर्ट में हुए बम हमले के बाद लखनऊ बार कार्यालय में वकीलों ने हाई लेवल मीटिंग बुलाई. इसमें एक पक्ष ने लखनऊ बार एसोसिएशन के महामंत्री जीतू यादव के ऊपर हमला कर दिया. उनकी बुरी तरह से पिटाई हुई, जिससे उनकी दाहिनी आंख में गंभीर चोट आ गई. इस घटना के बाद वहां पर पुलिस के आलाधिकारी आनन-फानन में पहुंचे और मामले को रफा-दफा कराया, लेकिन वकीलों ने पुलिस की बात नहीं मानी और एडीएम प्रशासन को अपना ज्ञापन सौंपा.
पुलिस के आलाधिकारी कर रहे हैं गश्त
कोर्ट परिसर के चारों तरफ पुलिस के आलाधिकारी चप्पे-चप्पे पर नजर बनाए हुए हैं. कोर्ट के चारों तरफ बैरिकेडिंग लगाकर गाड़ियों की चेकिंग भी की जा रही है. कोर्ट परिसर के अंदर भी पुलिस के आलाधिकारी भारी पुलिस बल के साथ गश्त कर रहे हैं. साथ ही परिसर के अंदर आने वाले लोगों की मेटल डिटेक्टर से चेकिंग की जा रही है. इसके बाद ही उन्हें कोर्ट परिसर के अंदर जाने की अनुमति दी जा रही है.
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वकीलों का आपसी विवाद बताई गई वजह
इस पूरे प्रकरण के पीछे वकीलों का आपसी विवाद बताया जा रहा है. जिसमें एक पक्ष के वकील ने चिल्लाते हुए यह भी कहा है कि लखनऊ बार एसोसिएशन के महामंत्री जीतू यादव ने संजीव लोधी के ऊपर हमला करने का आरोप लगाया है, लेकिन सवाल यह है कि कोर्ट के हर गेट पर मेटल डिटेक्टर लगा हुआ है. इतनी चाक-चौबंद व्यवस्था होने के बाद भी विस्फोटक सामग्री कोर्ट परिसर के अंदर कैसे गई.