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गायत्री प्रजापति के खिलाफ सरकार ने दाखिल की अपील, गैंगरेप केस में काट रहे सजा

गायत्री प्रजापति के खिलाफ सरकार ने अपील दाखिल की. वो गैंगरेप के केस में सजा काट रहा है. पॉक्सो में बरी किये जाने को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है.

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गैंगरेप केस में काट रहे सजा
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Published : Mar 5, 2022, 10:14 PM IST

लखनऊः हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में राज्य सरकार ने पूर्व मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति और अन्य के खिलाफ अपील दाखिल की है. गायत्री प्रजापति रेप के मामले में उम्रकैद की सजा काट रहा है. हालांकि इसी मामले में सत्र अदालत ने उसे और अन्य दो को पॉक्सो की धारा 5जी और 6 से बरी कर दिया था. जबकि चार अभियुक्तों को पूरे मामले से ही बरी कर दिया था. राज्य सरकार ने सत्र अदालत द्वारा गायत्री और अन्य को पॉक्सो से बरी किये जाने और अन्य चार को पूरी तरह से बरी किये जाने के फैसले को चुनौती दी है.

अपील को सुनवाई के लिए स्वीकार करते हुए न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा और न्यायमूर्ति सरोज यादव की खंडपीठ ने जेल में बंद गायत्री प्रजापति और दो अन्य अभियुक्तों अशोक तिवारी और अशोक शुक्ला को जेल अधीक्षक के द्वारा नोटिस तामील कराने का आदेश दिया है. इन तीनों को आईपीसी की धारा 376डी, 354(ए) (1), 509, 504 और 506 के साथ-साथ पॉक्सो एक्ट की धारा 5 जी और 6 से बरी किया गया था. वहीं न्यायालय ने इस मामले में पूरी तरह से बरी किये गये रुपेश्वर उर्फ रुपेश, चंद्रपाल, विकास वर्मा और अमरेंद्र सिंह उर्फ पिंटू सिंह के खिलाफ जमानतीय वारंट जारी करने का आदेश दिया है.

मामले में गायत्री प्रजापति, अशोक तिवारी और अशोक शुक्ला ने भी अपने दोषसिद्धि के खिलाफ अलग-अलग अपीलें दाखिल की हैं. सभी अपीलों पर अग्रिम सुनवाई 26 अप्रैल को होगी.

ये था मामला

18 फरवरी, 2017 को सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर गायत्री प्रसाद प्रजापति और अन्य छह अभियुक्तों के खिलाफ थाना गौतमपल्ली में गैंगरेप, जानमाल की धमकी और पॉक्सो एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज हुआ था. सुप्रीम कोर्ट ने यह आदेश पीड़ित की याचिका पर दिया था. पीड़ित ने गायत्री प्रजापति और उनके साथियों पर गैंगेरप का आरोप लगाते हुए अपनी नाबालिग बेटी के साथ भी जबरन शारीरिक संबध बनाने का आरोप लगाया था. 18 जुलाई, 2017 को पॉक्सो की विशेष अदालत ने इस मामले में गायत्री समेत सभी सात अभियुक्तों विकास, आशीष, अशोक, अमरेंद्र, चंद्रपाल और रुपेश्वर के खिलाफ आईपीसी की धारा 376 डी, 354 ए(1), 509, 504 व 506 में आरोप तय किया था.

इसे भी पढ़ें- गैंगरेप मामले में गायत्री प्रजापति समेत तीन दोषी करार, 12 नवम्बर को सजा पर होगा फैसला

इसके साथ ही गायत्री, विकास, आशीष और अशोक के खिलाफ पॉक्सो एक्ट की धारा 5जी/6 के तहत भी आरोप तय किया था. 12 नवम्बर को सत्र अदालत ने गायत्री, आशीष शुक्ला और अशोक तिवारी को उम्रकैद की सजा सुनाई थी. जबकि बाकी आरोपियों को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया था.

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लखनऊः हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में राज्य सरकार ने पूर्व मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति और अन्य के खिलाफ अपील दाखिल की है. गायत्री प्रजापति रेप के मामले में उम्रकैद की सजा काट रहा है. हालांकि इसी मामले में सत्र अदालत ने उसे और अन्य दो को पॉक्सो की धारा 5जी और 6 से बरी कर दिया था. जबकि चार अभियुक्तों को पूरे मामले से ही बरी कर दिया था. राज्य सरकार ने सत्र अदालत द्वारा गायत्री और अन्य को पॉक्सो से बरी किये जाने और अन्य चार को पूरी तरह से बरी किये जाने के फैसले को चुनौती दी है.

अपील को सुनवाई के लिए स्वीकार करते हुए न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा और न्यायमूर्ति सरोज यादव की खंडपीठ ने जेल में बंद गायत्री प्रजापति और दो अन्य अभियुक्तों अशोक तिवारी और अशोक शुक्ला को जेल अधीक्षक के द्वारा नोटिस तामील कराने का आदेश दिया है. इन तीनों को आईपीसी की धारा 376डी, 354(ए) (1), 509, 504 और 506 के साथ-साथ पॉक्सो एक्ट की धारा 5 जी और 6 से बरी किया गया था. वहीं न्यायालय ने इस मामले में पूरी तरह से बरी किये गये रुपेश्वर उर्फ रुपेश, चंद्रपाल, विकास वर्मा और अमरेंद्र सिंह उर्फ पिंटू सिंह के खिलाफ जमानतीय वारंट जारी करने का आदेश दिया है.

मामले में गायत्री प्रजापति, अशोक तिवारी और अशोक शुक्ला ने भी अपने दोषसिद्धि के खिलाफ अलग-अलग अपीलें दाखिल की हैं. सभी अपीलों पर अग्रिम सुनवाई 26 अप्रैल को होगी.

ये था मामला

18 फरवरी, 2017 को सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर गायत्री प्रसाद प्रजापति और अन्य छह अभियुक्तों के खिलाफ थाना गौतमपल्ली में गैंगरेप, जानमाल की धमकी और पॉक्सो एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज हुआ था. सुप्रीम कोर्ट ने यह आदेश पीड़ित की याचिका पर दिया था. पीड़ित ने गायत्री प्रजापति और उनके साथियों पर गैंगेरप का आरोप लगाते हुए अपनी नाबालिग बेटी के साथ भी जबरन शारीरिक संबध बनाने का आरोप लगाया था. 18 जुलाई, 2017 को पॉक्सो की विशेष अदालत ने इस मामले में गायत्री समेत सभी सात अभियुक्तों विकास, आशीष, अशोक, अमरेंद्र, चंद्रपाल और रुपेश्वर के खिलाफ आईपीसी की धारा 376 डी, 354 ए(1), 509, 504 व 506 में आरोप तय किया था.

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इसके साथ ही गायत्री, विकास, आशीष और अशोक के खिलाफ पॉक्सो एक्ट की धारा 5जी/6 के तहत भी आरोप तय किया था. 12 नवम्बर को सत्र अदालत ने गायत्री, आशीष शुक्ला और अशोक तिवारी को उम्रकैद की सजा सुनाई थी. जबकि बाकी आरोपियों को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया था.

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