लखनऊ : एमपी-एमएलए कोर्ट के विशेष जज पवन कुमार राय ने गैंगेरप के एक मामले में निरुद्ध गायत्री प्रसाद प्रजापति व अन्य अभियुक्तों के मुकदमे में गवाह अंशू गौड़ की गवाही व जिरह के लिए अंतिम अवसर दिया है. कोर्ट ने अभियोजन व अभियुक्तों को निर्देश दिया है कि 26 अक्टूबर को इस गवाह की गवाही व उससे जिरह पूरा कर लिया जाए. यदि ऐसा नहीं होता है, तो जिरह का अवसर समाप्त कर अभियुक्तों का बयान दर्ज करने की कार्यवाही अग्रसारित की जाएगी.
झूठा मुकदमा दर्ज कराने पर अदालत के उठने तक की मिली सजा
वहीं एक अन्य मामले में अपर सत्र न्यायाधीश महेश चन्द्र वर्मा ने सुनी-सुनाई बातों के आधार पर हत्या के प्रयास का एक झूठा मुकदमा दर्ज कराने पर शुक्रवार को अभियुक्त मोहम्मद शब्बीर को अदालत के उठने तक की सजा सुनाई. कोर्ट ने उसे यह सजा अपना जुर्म स्वीकार करने पर सुनाई है. साथ ही उस पर 400 रुपए का अर्थदंड भी लगाया है. सरकारी वकील अशोक श्रीवास्तव के मुताबिक वर्ष 2016 में अभियुक्त ने हत्या के प्रयास के एक मामले में थाना इंदिरा नगर में एफआईआर दर्ज कराया था. लेकिन विचारण के दौरान अपनी गवाही से मुकर गया था. अदालत ने इस पर इसके खिलाफ सीआरपीसी की धारा 344 के तहत प्रकीर्ण वाद दर्ज करने का आदेश दिया था.
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गोमती नगर इंस्पेक्टर से जवाब तलब
एडीजे आरबी प्रसाद ने दुराचार के एक आपराधिक मामले में बरामद सामग्री पेश नहीं करने पर इंस्पेक्टर गोमती नगर से जवाब तलब किया है. पूछा है कि कई तारीखों के बावजूद माल मुकदमा क्यों नहीं पेश किया जा रहा है. जबकि इसकी वजह से मुकदमे की कार्यवाही लंबित हो रही है. कोर्ट ने यह भी ताकीद किया है कि यदि उनका उत्तर संतोषजनक नहीं रहा, तो उनके विरुद्ध नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी. 25 अक्टूबर को माल मुकदमा के साथ अदालत में पेश होकर जवाब देने को कहा है.