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लखनऊ में भी बढ़ी 'गेटेड कम्युनिटी' की संख्या, सुरक्षा व्यवस्था रहती है चुस्त

देश में मेट्रो शहरों के बाद अब महानगरों में भी लोग अपनी सुरक्षा को लेकर गंभीर हो रहे हैं. इसी वजह से लखनऊ में भी गेटेड कम्युनिटी कॉलोनियों की संख्या बढ़ रही है. इन कॉलोनियों की खास बात यह है कि यहां रहने वालों लोगों की सुरक्षा को लेकर बेहतर इंतजाम किये जा रहे हैं.

महानगरों में बढ़ी 'गेटेड कम्युनिटी' की संख्या.
महानगरों में बढ़ी 'गेटेड कम्युनिटी' की संख्या.
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Published : Jan 18, 2021, 9:30 AM IST

लखनऊ : देश के मेट्रो शहरों के बाद अब महानगरों में भी गेटेड कम्युनिटी की संख्या बढ़ रही है. सुरक्षा के लिहाज से कॉलोनियों में रहने वाले लोगों के लिए गेटेड कम्युनिटी काफी महत्वपूर्ण है. इसमें सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए हैं. सीसीटीवी से लेकर गार्ड तक की तैनाती की गई है, जो आने-जाने वालों पर नजर रखते हैं. इसके साथ ही रात्रि में गस्त भी किया जाता है, ताकि गेटेड कम्युनिटी में रहने वाले लोग सुरक्षित रह सकें.

देखें स्पेशल रिपोर्ट.

दरअसल राजधानी लखनऊ के सिकंदरबाग, महानगर, गोमती नगर समेत कई ऐसे इलाके हैं, जहां गेटेड कम्युनिटी की तादाद बढ़ रही है. आपराधिक घटनाओं से लोग महफूज रह सकें, इसके लिए इन कम्युनिटी में सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए हैं. गेटेड कम्युनिटी में आने-जाने वाले लोगों पर नजर रखने के लिए सीसीटीवी कैमरे और गार्ड की तैनाती की गई है. यहां आने-जाने वाले लोगों का विवरण रजिस्टर में भी दर्ज किया जाता है. इसके साथ ही आगंतुकों की पूरी जानकारी मिलने के बाद ही उन्हें अंदर जाने दिया जाता है.

क्या कहते हैं गार्ड
राजधानी के सूर्योदय गेटेड कम्युनिटी में गार्ड की नौकरी करने वाले मनीष मिश्रा का कहना है कि यहां लोगों का नाम-पता रजिस्टर में दर्ज किया जाता हैं. इसके साथ ही रात को दो गार्ड हर घंटे पूरे इलाके में गश्त करते हैं. कॉलोनी में आने वाले व्यक्ति की एंट्री के साथ इस बात की पुष्टी भी की जाती है कि व्यक्ति द्वारा दी गई जानकारी सही है या नही. इसके साथ ही आने-जाने वाले लोगों का टेंपरेचर लेकर सेनेटाइजेशन भी किया जाता है, ताकि संक्रमण न फैल सके.

क्या कहते हैं सचिव
गेटेड कम्युनिटी के सचिव धीरज धंग्ला ने बताया कि इस कम्युनिटी में 162 परिवार रहते हैं. मुख्य गेट पर गार्डों की तैनाती की गई है जो हर आने-जाने वाले लोगों की चेकिंग करते हैं. साथ ही किसके घर जाना है, यह भी नोट किया जाता है और फोन से इसकी पुष्टी की जाती है. उन्होंने बताय कि कॉलोनी में बच्चों की सुविधा के लिए पार्क भी बनाया गया है, ताकि उन्हें बाहर न जाना पड़े. इसके साथ ही सुरक्षा के लिहाज से सीसीटीवी और गार्ड की तैनाती की गई है.

सुरक्षित वॉक करें महिलाएं
वहीं सचिव ने बताया कि कॉलोनी के अंदर ही लोग मॉर्निंग वॉक, इवनिंग वॉक और बच्चे साइकिलिंग करते हैं. हम यहां रहने वाले लोगों खासकर महिला सुरक्षा को लेकर काफी सतर्क रहते हैं, ताकि उन्हें कहीं से भी असुरक्षा महसूस न हो. सचिव ने बताया कि इस कॉलोनी में दो गेट हैं पर एक को ही खुला रखा गया है. यहां पर सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया है, जिससे कॉलोनी में रहने वाले लोगों को किसी तरह की समस्या न हो.

कॉलोनियों की बढ़ रही संख्या

गेटेड कम्युनिटी बढ़ने का मुख्य कारण यह है कि लोग अपनी सुरक्षा के प्रति काफी गंभीर हैं. यही कारण है कि इन कॉलोनियों में सुरक्षा के बेहतर इंतजाम किए गए हैं, जिससे यहां रहने वाले लोगों को किसी तरह की असुरक्षा न महसूस हो. अभी तक राजधानी में लगभग डेढ़ दर्जन गेटेड कम्युनिटी कॉलोनियां हैं और लगातार इनकी संख्या में वृद्धि हो रही है.

लखनऊ : देश के मेट्रो शहरों के बाद अब महानगरों में भी गेटेड कम्युनिटी की संख्या बढ़ रही है. सुरक्षा के लिहाज से कॉलोनियों में रहने वाले लोगों के लिए गेटेड कम्युनिटी काफी महत्वपूर्ण है. इसमें सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए हैं. सीसीटीवी से लेकर गार्ड तक की तैनाती की गई है, जो आने-जाने वालों पर नजर रखते हैं. इसके साथ ही रात्रि में गस्त भी किया जाता है, ताकि गेटेड कम्युनिटी में रहने वाले लोग सुरक्षित रह सकें.

देखें स्पेशल रिपोर्ट.

दरअसल राजधानी लखनऊ के सिकंदरबाग, महानगर, गोमती नगर समेत कई ऐसे इलाके हैं, जहां गेटेड कम्युनिटी की तादाद बढ़ रही है. आपराधिक घटनाओं से लोग महफूज रह सकें, इसके लिए इन कम्युनिटी में सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए हैं. गेटेड कम्युनिटी में आने-जाने वाले लोगों पर नजर रखने के लिए सीसीटीवी कैमरे और गार्ड की तैनाती की गई है. यहां आने-जाने वाले लोगों का विवरण रजिस्टर में भी दर्ज किया जाता है. इसके साथ ही आगंतुकों की पूरी जानकारी मिलने के बाद ही उन्हें अंदर जाने दिया जाता है.

क्या कहते हैं गार्ड
राजधानी के सूर्योदय गेटेड कम्युनिटी में गार्ड की नौकरी करने वाले मनीष मिश्रा का कहना है कि यहां लोगों का नाम-पता रजिस्टर में दर्ज किया जाता हैं. इसके साथ ही रात को दो गार्ड हर घंटे पूरे इलाके में गश्त करते हैं. कॉलोनी में आने वाले व्यक्ति की एंट्री के साथ इस बात की पुष्टी भी की जाती है कि व्यक्ति द्वारा दी गई जानकारी सही है या नही. इसके साथ ही आने-जाने वाले लोगों का टेंपरेचर लेकर सेनेटाइजेशन भी किया जाता है, ताकि संक्रमण न फैल सके.

क्या कहते हैं सचिव
गेटेड कम्युनिटी के सचिव धीरज धंग्ला ने बताया कि इस कम्युनिटी में 162 परिवार रहते हैं. मुख्य गेट पर गार्डों की तैनाती की गई है जो हर आने-जाने वाले लोगों की चेकिंग करते हैं. साथ ही किसके घर जाना है, यह भी नोट किया जाता है और फोन से इसकी पुष्टी की जाती है. उन्होंने बताय कि कॉलोनी में बच्चों की सुविधा के लिए पार्क भी बनाया गया है, ताकि उन्हें बाहर न जाना पड़े. इसके साथ ही सुरक्षा के लिहाज से सीसीटीवी और गार्ड की तैनाती की गई है.

सुरक्षित वॉक करें महिलाएं
वहीं सचिव ने बताया कि कॉलोनी के अंदर ही लोग मॉर्निंग वॉक, इवनिंग वॉक और बच्चे साइकिलिंग करते हैं. हम यहां रहने वाले लोगों खासकर महिला सुरक्षा को लेकर काफी सतर्क रहते हैं, ताकि उन्हें कहीं से भी असुरक्षा महसूस न हो. सचिव ने बताया कि इस कॉलोनी में दो गेट हैं पर एक को ही खुला रखा गया है. यहां पर सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया है, जिससे कॉलोनी में रहने वाले लोगों को किसी तरह की समस्या न हो.

कॉलोनियों की बढ़ रही संख्या

गेटेड कम्युनिटी बढ़ने का मुख्य कारण यह है कि लोग अपनी सुरक्षा के प्रति काफी गंभीर हैं. यही कारण है कि इन कॉलोनियों में सुरक्षा के बेहतर इंतजाम किए गए हैं, जिससे यहां रहने वाले लोगों को किसी तरह की असुरक्षा न महसूस हो. अभी तक राजधानी में लगभग डेढ़ दर्जन गेटेड कम्युनिटी कॉलोनियां हैं और लगातार इनकी संख्या में वृद्धि हो रही है.

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