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पशुधन टेंडर फर्जीवाड़ा मामले में Ex IPS अरविंद सेन समेत 17 आरोपियों पर लगेगा गैंगेस्टर एक्ट

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Published : Mar 16, 2022, 1:45 PM IST

यूपी में पशुपालन घोटाले के मामले में लखनऊ पुलिस मुख्य आरोपी आशीष राय, रिटायर्ड आईपीएस अरविंद सेन समेत 17 आरोपियों के खिलाफ गैंगेस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई करने की तैयारी में है. इस पूरे घोटाले की एसीपी गोमतीनगर श्वेता श्रीवास्तव जांच कर रही थीं. जांच पूरी होने के बाद अब हजरतगंज पुलिस अरविंद सेन समेत 17 आरोपियों के खिलाफ गैंगेस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई करने की तैयारी हो रही है.

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लखनऊ: यूपी में पशुपालन घोटाले के मामले में लखनऊ पुलिस मुख्य आरोपी आशीष राय, रिटायर्ड आईपीएस अरविंद सेन समेत 17 आरोपियों के खिलाफ गैंगेस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई करने की तैयारी में है. इस पूरे घोटाले की एसीपी गोमतीनगर श्वेता श्रीवास्तव जांच कर रही थीं. जांच पूरी होने के बाद अब हजरतगंज पुलिस अरविंद सेन समेत 17 आरोपियों के खिलाफ गैंगेस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई करने की तैयारी हो रही है. एसीपी हजरतगंज के मुताबिक उन्होंने गैंगेस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई के लिए कागजी तैयारी पूरी कर ली है और जल्द ही सभी आरोपियों पर गैंगेस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी.

इंदौर के व्यापारी मंजीत भाटिया से साल 2018 में पशुपालन विभाग में 214 करोड़ का टेंडर दिलाने के लिए 9 करोड़ से ऊपर की ठगी की गई थी. जिस पर पीड़ित ने हजरतगंज थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी. एफआईआर में मुख्य रूप से आशीष राय, अनिल राय, रूपक राय, अरुण राय व तत्कालीन आईपीएस अरविंद सेन, सिपाही दिलबहार यादव, सहायक समीक्षा अधिकारी उमेश मिश्रा, होमगार्ड रघुवीर यादव, विजय कुमार, मोंटी गुर्जर व संतोष सिंह समेत 17 आरोपी बनाए गए थे.

पशुधन टेंडर फर्जीवाड़ा मामला
पशुधन टेंडर फर्जीवाड़ा मामला

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इस मामले में योगी सरकार ने तत्कालीन आईपीएस अरविंद सेन समेत अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए एसटीएफ को लगाया गया था. वहीं, फर्जीवाड़े की जांच एसीपी गोमतीनगर को सौंपी गई थी. एसीपी गोमतीनगर श्वेता श्रीवास्तव ने इस मामले में विवेचना कर चार्जशीट कोर्ट में दाखिल कर दी थी. वहीं एक अन्य आईपीएस अधिकारी दिनेश चंद्र दुबे को फर्जीवाड़े में शामिल होना नहीं बताया गया था. हालांकि, अरविंद सेन व दिनेश चंद्र दुबे को एसटीएफ की रिपोर्ट के आधार पर ही सस्पेंड किया गया था.

मंत्री के कार्यालय में ठगी का खेला गया था खेल

फर्जीवाड़े की जांच में आया था कि व्यापारी को ठगने के लिए सचिवालय में पशुधन, मत्स्य एवं दुग्ध विकास राज्यमंत्री जयप्रकाश निषाद के कमरे को चुना गया था. जहां मंत्री के प्रधान सचिव रजनीश रस्तोगी ने पीड़ित व्यापारी मनजीत से पशुपालन विभाग का डायरेक्टर एसके मित्तल बनकर मुलाकात की थी. जहां पर रजनीश ने पशुधन विभाग में आटा की सप्लाई का एक फर्जी वर्क आर्डर दिया था.

मंजीत को जब फर्जी वर्क ऑर्डर का पता चला तो उसने रजनीश से अपने रुपये वापस मांगे. जिसके बाद पहले उसे नाका कोतवाली ले जाकर सिपाही दिलबहार ने धमकाया और उसके बाद सीबीसीआईडी के आफिस ले जाकर तत्कालीन एसपी सीबीसीआईडी अरविंद सेन से धमकी दिलवाई गई थी.

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लखनऊ: यूपी में पशुपालन घोटाले के मामले में लखनऊ पुलिस मुख्य आरोपी आशीष राय, रिटायर्ड आईपीएस अरविंद सेन समेत 17 आरोपियों के खिलाफ गैंगेस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई करने की तैयारी में है. इस पूरे घोटाले की एसीपी गोमतीनगर श्वेता श्रीवास्तव जांच कर रही थीं. जांच पूरी होने के बाद अब हजरतगंज पुलिस अरविंद सेन समेत 17 आरोपियों के खिलाफ गैंगेस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई करने की तैयारी हो रही है. एसीपी हजरतगंज के मुताबिक उन्होंने गैंगेस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई के लिए कागजी तैयारी पूरी कर ली है और जल्द ही सभी आरोपियों पर गैंगेस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी.

इंदौर के व्यापारी मंजीत भाटिया से साल 2018 में पशुपालन विभाग में 214 करोड़ का टेंडर दिलाने के लिए 9 करोड़ से ऊपर की ठगी की गई थी. जिस पर पीड़ित ने हजरतगंज थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी. एफआईआर में मुख्य रूप से आशीष राय, अनिल राय, रूपक राय, अरुण राय व तत्कालीन आईपीएस अरविंद सेन, सिपाही दिलबहार यादव, सहायक समीक्षा अधिकारी उमेश मिश्रा, होमगार्ड रघुवीर यादव, विजय कुमार, मोंटी गुर्जर व संतोष सिंह समेत 17 आरोपी बनाए गए थे.

पशुधन टेंडर फर्जीवाड़ा मामला
पशुधन टेंडर फर्जीवाड़ा मामला

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इस मामले में योगी सरकार ने तत्कालीन आईपीएस अरविंद सेन समेत अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए एसटीएफ को लगाया गया था. वहीं, फर्जीवाड़े की जांच एसीपी गोमतीनगर को सौंपी गई थी. एसीपी गोमतीनगर श्वेता श्रीवास्तव ने इस मामले में विवेचना कर चार्जशीट कोर्ट में दाखिल कर दी थी. वहीं एक अन्य आईपीएस अधिकारी दिनेश चंद्र दुबे को फर्जीवाड़े में शामिल होना नहीं बताया गया था. हालांकि, अरविंद सेन व दिनेश चंद्र दुबे को एसटीएफ की रिपोर्ट के आधार पर ही सस्पेंड किया गया था.

मंत्री के कार्यालय में ठगी का खेला गया था खेल

फर्जीवाड़े की जांच में आया था कि व्यापारी को ठगने के लिए सचिवालय में पशुधन, मत्स्य एवं दुग्ध विकास राज्यमंत्री जयप्रकाश निषाद के कमरे को चुना गया था. जहां मंत्री के प्रधान सचिव रजनीश रस्तोगी ने पीड़ित व्यापारी मनजीत से पशुपालन विभाग का डायरेक्टर एसके मित्तल बनकर मुलाकात की थी. जहां पर रजनीश ने पशुधन विभाग में आटा की सप्लाई का एक फर्जी वर्क आर्डर दिया था.

मंजीत को जब फर्जी वर्क ऑर्डर का पता चला तो उसने रजनीश से अपने रुपये वापस मांगे. जिसके बाद पहले उसे नाका कोतवाली ले जाकर सिपाही दिलबहार ने धमकाया और उसके बाद सीबीसीआईडी के आफिस ले जाकर तत्कालीन एसपी सीबीसीआईडी अरविंद सेन से धमकी दिलवाई गई थी.

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