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गंगा किनारे बसे गांवों का होगा विकास, खुलेंगे पार्क-बनेंगे घाट - गंगा यात्रा

योगी सरकार गंगा को अविरल और उसके आस-पास बसे गांवों में विकास को लेकर काफी सतर्क नजर आ रही है. इसी कड़ी में प्रदेश में गंगा यात्रा की शुरुआत की गई है. भाजपा प्रवक्ता मनीष शुक्ला ने कहा कि गंगा को पुनः अविरल और निर्मल बनाने के साथ ही गंगा के किनारे बसे गांव का विकास होगा.

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पर्यटन मंत्री नीलकंठ तिवारी.
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Published : Jan 29, 2020, 2:27 PM IST

लखनऊ: गंगा पुनरुत्थान के लिए सीएम योगी आदित्यनाथ ने गंगा यात्रा की शुरुआत की है. इस यात्रा से गंगा के किनारे 1358 किलोमीटर में बसे 27 जिलों, 21 नगर निकायों और 1038 ग्राम पंचायतों के उद्धार का अभियान शुरू किया है.

गंगा में हर दिन 14 करोड़ लीटर सीवर गिरता था
नदियां विकास का आधार हुआ करती थीं. योगी सरकार ने उस अवधारणा को एक बार फिर से जीवंत करने की दिशा में कदम बढ़ा दिया है. भारत की भूमि पर करीब ढाई हजार किलोमीटर की दूरी तय करने वाली गंगा उत्तर प्रदेश में करीब 1200 किलोमीटर में विद्यमान है. गंगा के किनारे बसे गांवों के विकास की योजना बनाई गई है. गंगा के किनारे के गांवों में गंगा मैदान और नगर पालिका, नगर निगम क्षेत्रों में गंगा पार्क का निर्माण किया जाएगा.

गंगा किनारे बसे गांवों का होगा विकास.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद कहते हैं कि कानपुर में गंगा में हर दिन 14 करोड़ लीटर सीवर गिरता था. वर्षों से यह सिलसिला चल रहा था. नमामि गंगे परियोजना के तहत आज एक बूंद भी सीवर गंगा में नहीं बह रहा है. योगी आदित्यनाथ कहते हैं कि गंगा में एक भी जलीय जीव नहीं बचे थे. नमामि गंगे परियोजना का ही परिणाम है कि आज वहां बड़ी-बड़ी मछलियां पाई जा रही हैं. निर्मल बनाने की योजना दिसंबर 2017 को वृहद रूप में सामने आई थी, जब प्रदेश की भाजपा सरकार ने प्रयागराज में कुंभ के आयोजन की तैयारियां शुरू की थी.

इसे भी पढ़ें- जवाहरलाल पंडित हत्याकांड में 13 साल बाद कोर्ट सुनाएगा फैसला

गंगा के किनारे बसे गांव के विकास को लेकर योजना तैयार हो गई है. गंगा के किनारे हर गांव में जल संरक्षण के लिए गंगा तालाब बनेगा. इन गांव में खराब हैंडपंप को ठीक कराने का अभियान चलाने के साथ ही पॉलिथीन के पूर्ण प्रतिबंध की ओर भी कार्य किया जाएगा. गंगा के किनारे बसे गांव में गंगा जी की आरती के लिए स्थान चिन्हित किए जाएंगे. यहां जन सहभागिता के जरिए गंगा आरती और विभिन्न प्रकार के धार्मिक सांस्कृतिक एवं पर्यटन संबंधी कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे. पर्यटन संबंधी आयोजन का जिम्मा पर्यटन विभाग संभालेगा.

खेलकूद प्रतियोगिताओं का होगा आयोजन
गंगा नदी के किनारे बसे नगर निकायों और ग्राम पंचायतों में खेलकूद की व्यवस्था के साथ ग्रामीण स्टेडियम का निर्माण कराया जाएगा. खेलो इंडिया खेलो कार्यक्रम के तहत खेलकूद प्रतियोगिताओं का आयोजन होगा. गंगा के किनारे सभी ग्राम पंचायतों में कृषि विभाग जीरो बजट खेती को बढ़ावा देने के लिए कार्य योजना बनाएगा. गंगा के किनारे मौजूद गांव में कृषि आधारित गोष्ठी का आयोजन किया जाएगा. इन गोष्ठियों में नई तकनीक को लेकर चर्चा होगी. किसानों को अधिक उपज वाली फसलों और ऑर्गेनिक खेती के बारे में जानकारी दी जाएगी. इसका प्रचार-प्रसार किया जाएगा, ताकि किसानों में समृद्धि लाई जा सके.

पर्यटन मंत्री नीलकंठ तिवारी ने कहा कि हमारी सभ्यताओं का विकास नदियों के किनारे हुआ है. मां गंगा पर भारत का एक बहुत बड़ा क्षेत्र निर्भर है. प्रधानमंत्री जी ने एक अर्थ गंगा का स्लोगन दिया है. मां गंगा के द्वारा एक अर्थव्यवस्था खड़ी की जा सकती है. इसको लेकर हम लोग प्रयास में हैं कि एक भागीरथी सर्किट की योजना बनाकर इसे आगे लाया जाए, ताकि गंगा के किनारे सोलह सौ से ज्यादा गांवों के विकास की रूपरेखा तैयार की जा सके. गांवों में भी पर्यटन सुविधाओं का विकास हो, वहां का रोजगार बढ़े. 1600 गांवों में से चिन्हित गांव का संपूर्ण विकास कर, एक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा. भाजपा प्रवक्ता मनीष शुक्ला ने कहा कि गंगा को पुनः अविरल और निर्मल बनाने के साथ ही गंगा के किनारे बसे गांव का विकास होगा. नगरों का विकास होगा. लोगों को रोजगार मिलेगा. किसान में समृद्धि आएगी.

राजनीतिक विश्लेषक पीएन द्विवेदी का कहना है कि गंगा गंदे नाले में तब्दील हो गई थी. गंगा का पानी अवरुद्ध कर लिया गया था. गंदे नाले गंगा में गिरने लगे थे, जिससे गंगा का जल आचमन करने लायक भी नहीं बचा था. आज केंद्र सरकार की पहल पर उत्तर प्रदेश की योगी सरकार गंगा को लेकर चिंतित है. साथ ही गंगा के किनारे गांव का विकास कर रही है. यह स्वागत योग्य कदम है. इससे अर्थव्यवस्था सुधरेगी. साथ ही रोजगार मिलेगा, गांव का विकास होगा.

लखनऊ: गंगा पुनरुत्थान के लिए सीएम योगी आदित्यनाथ ने गंगा यात्रा की शुरुआत की है. इस यात्रा से गंगा के किनारे 1358 किलोमीटर में बसे 27 जिलों, 21 नगर निकायों और 1038 ग्राम पंचायतों के उद्धार का अभियान शुरू किया है.

गंगा में हर दिन 14 करोड़ लीटर सीवर गिरता था
नदियां विकास का आधार हुआ करती थीं. योगी सरकार ने उस अवधारणा को एक बार फिर से जीवंत करने की दिशा में कदम बढ़ा दिया है. भारत की भूमि पर करीब ढाई हजार किलोमीटर की दूरी तय करने वाली गंगा उत्तर प्रदेश में करीब 1200 किलोमीटर में विद्यमान है. गंगा के किनारे बसे गांवों के विकास की योजना बनाई गई है. गंगा के किनारे के गांवों में गंगा मैदान और नगर पालिका, नगर निगम क्षेत्रों में गंगा पार्क का निर्माण किया जाएगा.

गंगा किनारे बसे गांवों का होगा विकास.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद कहते हैं कि कानपुर में गंगा में हर दिन 14 करोड़ लीटर सीवर गिरता था. वर्षों से यह सिलसिला चल रहा था. नमामि गंगे परियोजना के तहत आज एक बूंद भी सीवर गंगा में नहीं बह रहा है. योगी आदित्यनाथ कहते हैं कि गंगा में एक भी जलीय जीव नहीं बचे थे. नमामि गंगे परियोजना का ही परिणाम है कि आज वहां बड़ी-बड़ी मछलियां पाई जा रही हैं. निर्मल बनाने की योजना दिसंबर 2017 को वृहद रूप में सामने आई थी, जब प्रदेश की भाजपा सरकार ने प्रयागराज में कुंभ के आयोजन की तैयारियां शुरू की थी.

इसे भी पढ़ें- जवाहरलाल पंडित हत्याकांड में 13 साल बाद कोर्ट सुनाएगा फैसला

गंगा के किनारे बसे गांव के विकास को लेकर योजना तैयार हो गई है. गंगा के किनारे हर गांव में जल संरक्षण के लिए गंगा तालाब बनेगा. इन गांव में खराब हैंडपंप को ठीक कराने का अभियान चलाने के साथ ही पॉलिथीन के पूर्ण प्रतिबंध की ओर भी कार्य किया जाएगा. गंगा के किनारे बसे गांव में गंगा जी की आरती के लिए स्थान चिन्हित किए जाएंगे. यहां जन सहभागिता के जरिए गंगा आरती और विभिन्न प्रकार के धार्मिक सांस्कृतिक एवं पर्यटन संबंधी कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे. पर्यटन संबंधी आयोजन का जिम्मा पर्यटन विभाग संभालेगा.

खेलकूद प्रतियोगिताओं का होगा आयोजन
गंगा नदी के किनारे बसे नगर निकायों और ग्राम पंचायतों में खेलकूद की व्यवस्था के साथ ग्रामीण स्टेडियम का निर्माण कराया जाएगा. खेलो इंडिया खेलो कार्यक्रम के तहत खेलकूद प्रतियोगिताओं का आयोजन होगा. गंगा के किनारे सभी ग्राम पंचायतों में कृषि विभाग जीरो बजट खेती को बढ़ावा देने के लिए कार्य योजना बनाएगा. गंगा के किनारे मौजूद गांव में कृषि आधारित गोष्ठी का आयोजन किया जाएगा. इन गोष्ठियों में नई तकनीक को लेकर चर्चा होगी. किसानों को अधिक उपज वाली फसलों और ऑर्गेनिक खेती के बारे में जानकारी दी जाएगी. इसका प्रचार-प्रसार किया जाएगा, ताकि किसानों में समृद्धि लाई जा सके.

पर्यटन मंत्री नीलकंठ तिवारी ने कहा कि हमारी सभ्यताओं का विकास नदियों के किनारे हुआ है. मां गंगा पर भारत का एक बहुत बड़ा क्षेत्र निर्भर है. प्रधानमंत्री जी ने एक अर्थ गंगा का स्लोगन दिया है. मां गंगा के द्वारा एक अर्थव्यवस्था खड़ी की जा सकती है. इसको लेकर हम लोग प्रयास में हैं कि एक भागीरथी सर्किट की योजना बनाकर इसे आगे लाया जाए, ताकि गंगा के किनारे सोलह सौ से ज्यादा गांवों के विकास की रूपरेखा तैयार की जा सके. गांवों में भी पर्यटन सुविधाओं का विकास हो, वहां का रोजगार बढ़े. 1600 गांवों में से चिन्हित गांव का संपूर्ण विकास कर, एक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा. भाजपा प्रवक्ता मनीष शुक्ला ने कहा कि गंगा को पुनः अविरल और निर्मल बनाने के साथ ही गंगा के किनारे बसे गांव का विकास होगा. नगरों का विकास होगा. लोगों को रोजगार मिलेगा. किसान में समृद्धि आएगी.

राजनीतिक विश्लेषक पीएन द्विवेदी का कहना है कि गंगा गंदे नाले में तब्दील हो गई थी. गंगा का पानी अवरुद्ध कर लिया गया था. गंदे नाले गंगा में गिरने लगे थे, जिससे गंगा का जल आचमन करने लायक भी नहीं बचा था. आज केंद्र सरकार की पहल पर उत्तर प्रदेश की योगी सरकार गंगा को लेकर चिंतित है. साथ ही गंगा के किनारे गांव का विकास कर रही है. यह स्वागत योग्य कदम है. इससे अर्थव्यवस्था सुधरेगी. साथ ही रोजगार मिलेगा, गांव का विकास होगा.

Intro:लखनऊ: गंगा किनारे के गांवों का होगा विकास, किसानों में आएगी समृद्धि

लखनऊ। पवित्र गंगा नदी। जिसने न सिर्फ जीवन दिया। बल्कि जहां-जहां से गुजरी वहां लोगों को, किसानों को धन-धान्य से परिपूर्ण कर दिया। खेत लहलहाए। किसानों में समृद्धि आई। लेकिन प्रदूषण की मार ने इस अवधारणा को मटियामेट कर दिया। गंगा प्रदूषित होती गयी। आम लोगों के साथ किसानों की मुश्किलें भी बढ़ती गयीं। सरकार ने अब इस दर्द को महसूस किया है। योगी सरकार ने न सिर्फ गंगा को जीवन देने की दिशा में कदम बढ़ाया है। बल्कि गंगा पुनरुत्थान के बहाने उसके आस पास के नगरों और गांवों के विकास की ओर कदम बढ़ा दिया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गंगा यात्रा की शुरुआत कर गंगा के किनारे 1358 किलोमीटर में बसे 27 जिलों, 21 नगर निकायों और 1038 ग्राम पंचायतों के उद्धार का अभियान शुरू किया है।


Body:नदियां विकास का आधार बना करती थीं। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने उस अवधारणा को एक बार फिर से जीवंत करने की दिशा में कदम बढ़ा दिया है। भारत की भूमि पर करीब ढाई हजार किलोमीटर की दूरी तय करने वाली गंगा उत्तर प्रदेश में करीब 1200 किलोमीटर पर विद्यमान है। गंगा के किनारे बसे गांवों के विकास की योजना बनाई गई है। गंगा के किनारे के गांवों में गंगा मैदान और नगरपालिका नगरनिगम क्षेत्रों में गंगा पार्क का निर्माण किया जाएगा।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद कहते हैं कि कानपुर में गंगा जी मे हर दिन 14 करोड़ों लीटर सीवर गिरता था। वर्षों से यह सिलसिला चला रहा था। नमामि गंगे परियोजना के तहत आज एक बूंद भी सीवर गंगा में नहीं बन रहा है। योगी आदित्यनाथ कहते हैं कि गंगा में एक भी जलीय जीव नहीं बचे थे। नमामि गंगे परियोजना का ही परिणाम है कि आज वहां बड़ी-बड़ी मछलियां पाई जा रही हैं। निर्मल बनाने की योजना दिसंबर 2017 को बृहद रूप में सामने आई थी जब प्रदेश की भाजपा सरकार ने प्रयागराज में कुंभ के आयोजन की तैयारियां शुरू की थी।

गंगा के किनारे बसे गांव के विकास को लेकर योजना तैयार हो गई है। गंगा के किनारे वाले हर गांव में जल संरक्षण के लिए गंगा तालाब बनेगा। इन गांव में खराब हैंडपंप को ठीक कराने का अभियान चलाने के साथ ही पॉलिथीन के पूर्ण प्रतिबंध की ओर भी कार्य किया जाएगा। गंगा के किनारे बसे गांव में गंगा जी की आरती के लिए स्थान चिन्हित किए जाएंगे यहां जन सहभागिता के जरिए गंगा आरती और विभिन्न प्रकार के धार्मिक सांस्कृतिक एवं पर्यटन संबंधी कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे। पर्यटन संबंधी आयोजन का जिम्मा पर्यटन विभाग संभालेगा।

गंगा नदी के किनारे बसे नगर निकायों और ग्राम पंचायतों में खेलकूद की व्यवस्था के साथ ग्रामीण स्टेडियम का निर्माण कराया जाएगा। खेलो इंडिया खेलो कार्यक्रम के तहत खेलकूद प्रतियोगिताओं का आयोजन होगा। गंगा के किनारे सभी ग्राम पंचायतों में कृषि विभाग जीरो बजट खेती को बढ़ावा देने के लिए कार्य योजना बनाएगा। गंगा के किनारे मौजूद गांव में कृषि आधारित गोष्ठी का आयोजन किया जाएगा। इन गोष्ठियों में नई तकनीक को लेकर चर्चा होगी। किसानों को अधिक उपज वाली फसलों और ऑर्गेनिक खेती के बारे में जानकारी दी जाएगी। इसका प्रचार प्रसार किया जाएगा। ताकि किसानों में समृद्धि लाई जा सके।

बाईट- पर्यटन मंत्री नीलकंठ तिवारी ने कहा कि हमारी सभ्यताओं का विकास नदियों के किनारे हुआ है। मां गंगा गंगा पर भारत का एक बहुत बड़ा क्षेत्र निर्भर है। प्रधानमंत्री जी ने एक अर्थ गंगा का स्लोगन दिया है। मां गंगा के द्वारा एक अर्थव्यवस्था खड़ी की जा सकती है। इसको लेकर हम लोग प्रयास में हैं कि एक भागीरथी सर्किट की योजना बनाकर इसे आगे लाया जाए। ताकि गंगा के किनारे सोलह सौ से ज्यादा गांवों के विकास की रूपरेखा तैयार की जा सके। उन गांवों में भी पर्यटन सुविधाओं का विकास हो। वहां का रोजगार बढ़े। 1600 गांवों में से चिन्हित गांव का संपूर्ण विकास करके एक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा।

बाईट- भाजपा प्रवक्ता मनीष शुक्ला का कहना है कि गंगा को पुनः अविरल और निर्मल बनाने के साथ ही गंगा के किनारे बसे गांव का विकास होगा। नगरों का विकास होगा। लोगों को रोजगार मिलेगा। किसान समृद्धि आएगी।

बाईट- राजनीतिक विश्लेषक पीएन द्विवेदी का कहना है कि गंगा गंदे नाले में तब्दील हो गई थी। गंगा का पानी अवरुद्ध कर लिया गया था। गंदे नाले गंगा में गिरने लगे थे। जिससे गंगा का जल आचमन करने लायक भी नहीं बचा था। आज केंद्र सरकार की पहल पर उत्तर प्रदेश की योगी सरकार गंगा को लेकर चिंतित है। साथ ही गंगा के किनारे गांव का विकास कर रही है। यह स्वागत योग्य कदम है। इससे अर्थव्यवस्था सुधरेगी। साथ ही रोजगार मिलेगा। गांव का विकास होगा।

दिलीप शुक्ला, 9450663213


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