लखनऊ : विघ्नहर्ता के पधारने से पहले राजधानी लखनऊ की गलियों से मंदिरों तक पंडाल सज गए हैं. घर-घर में भी 19 सितंबर से गणपति बप्पा विराजमान हो गए हैं. राजधानी लखनऊ में इन दिनों जगह जगह पांडाल सजे हुए हैं. हनुमान सेतु मंदिर के सामने झूलेलाल पार्क में जिस जगह पर विघ्नहर्ता को विराजमान किया गया है वहां पर एक महीने का मेला भी लगता है. मेले में रोजाना हजारों लोग पहुंच रहे हैं.
अलीगंज निवासी अनुराग श्रीवास्तव ने बताया कि लखनऊ में पिछले कुछ वर्षों के बाद ऐसा नजारा देखने को मिल रहा है. कोरोना काल की बाद से सभी त्योहार मनाए तो जा रहे हैं, लेकिन सबसे अधिक धूमधाम से गणेश उत्सव मनाया जा रहा है. मैं एक स्कूल से हूं अपने स्कूल के सभी लोगों को और बच्चों को लेकर जहां पर झूलेलाल पार्क में आया हूं. स्कूल में भी गणेश प्रतिमा स्थापित की गई थी. आज गणपति बप्पा को विसर्जित करने के लिए आए हैं. इस दौरान स्कूल की सभी शिक्षिकाओं ने महाराष्ट्र थीम के आधार पर परिधान पहने हैं और बप्पा को धूमधाम से विसर्जित किया है.
शहर में चारों ओर अलग ही रौनक : पल्लवी श्रीवास्तव ने कहा कि इन दिनों शहर में अलग ही रौनक दिखाई दे रही है. ऐसा इसलिए है क्योंकि गणेश चतुर्थी के मौके पर शहर में जगह-जगह पांडाल सजे हुए हैं और बप्पा की प्रतिमाएं स्थापित की गई हैं. हर चौराहे पर गणेश प्रतिमाएं स्थापित हैं. पल्लवी भी गणेश प्रतिमा विसर्जित करने के लिए गोमती नदी के तट पर पहुंची थीं. वैशाली ने कहा कि इस दिन के इंतजार बहुत ही बेसब्री से रहता है और आज हमने बहुत ही इंजॉय किया है. अब एक पॉजिटिव एनर्जी हमारे इर्द-गिर्द है. बप्पा को विसर्जित करके हम लोग लौट रहे हैं और इंतजार है कि अगली बरस भी बप्पा जल्दी आएंगे.
गोमतीनगर निवासी मृदुल द्विवेदी ने कहा कि गणेश उत्सव को बहुत ही धूमधाम से हमारे यहां मनाया जाता है और हम लोग भी इस समय विघ्नहर्ता गणेश जी की प्रतिमा को विसर्जित कर कर लौट रहे हैं. बहुत इंजॉय किया है, बहुत अच्छा लगा है. राजधानी लखनऊ में इस समय गणेश जी की प्रतिमा हर जगह स्थापित हुई है. ऐसे में शहर में एक पॉजिटिव माहौल देखने को मिल रहा है. जितने दिन बप्पा हमारे बीच में रहे हैं वह हर एक दिन काफी शानदार रहा. समृद्धि ने कहा कि गणेश उत्सव को बहुत ही धूमधाम से मनाया जा रहा है. बहुत खुशी हो रही है क्योंकि राजधानी लखनऊ में गणेश उत्सव के मौके पर मेला भी लगा है. समृद्धि ने कहा कि साल में बप्पा सिर्फ एक बार आते हैं. इसलिए इनका इंतजार बहुत ही बेसब्री से होता है. बप्पा को विसर्जित करते समय आंखें नम भी रहीं, लेकिन खुशी-खुशी हमने बप्पा को विसर्जित किया.
इंदिरानगर निवासी पूर्णिमा ने कहा कि कोरोना काल के बाद से इस बार पहली बार इतनी ज्यादा खुशी और उत्साह के साथ गणेश उत्सव मनाया जा रहा है. इससे पहले भी मनाया जा रहा था, लेकिन इस बार बहुत ही ज्यादा धूमधाम से गणेश महोत्सव मनाया जा रहा है और बहुत ज्यादा खुशी हो रही है. क्योंकि यह महाराष्ट्र का पर्व है, लेकिन अपने लखनऊ में भी इसकी एक झलक देखने को मिल रही है. यही कारण है कि लखनऊ के हर एक चौराहे पर पांडाल सजे हुए हैं और विघ्नहर्ता गणेश जी की प्रतिमा स्थापित की गई हैं. आज के दिन बहुत खुशी हो रही है और इंतजार है कि अगली बार भी बप्पा जल्द से जल्द आएं.
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