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LT ग्रेड शिक्षक भर्ती परीक्षा 2018: धांधली का यूपी एसटीएफ ने किया भंड़ाफोड, पश्चिम बंगाल से सरगना गनेश प्रसाद को दबोचा - 25 हजार का इनामी गनेश प्रसाद गिरफ्तार

ADG एसटीएफ अमिताभ यश के मुताबिक, काफी दिनों से उत्तर प्रदेश में वांछित पुरस्कार घोषित अपराधियों एवं विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं के प्रश्नपत्रों को आउट कराने वाले आपराधिक गैंग के सक्रिय होने की सूचनाएं मिल रहीं थीं. इस क्रम में वाराणसी एसटीएफ इकाई के निरीक्षक अनिल सिंह को मामले की जांच सौंपी गई थी. निरीक्षक को जानकारी मिली कि लोक सेवा आयोग उप्र की ओर से एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती परीक्षा में हुई धांधली में शामिल और फरार चल रहा 25 हजार का इनामी अपराधी गनेश प्रसाद पश्चिम बंगाल के जनपद पश्चिम वर्धमान में लुक-छिपकर रह रहा है. जानकारी के आधार पर टीम ने वहां छापा मारकर गनेश प्रसाद को गिरफ्तार कर लिया.

LT ग्रेड शिक्षक भर्ती परीक्षा धांधली 2018
LT ग्रेड शिक्षक भर्ती परीक्षा धांधली 2018
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Published : Sep 7, 2021, 5:52 PM IST

लखनऊ: यूपी एसटीएफ ने उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की ओर से 29 जुलाई 2018 को आयोजित एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती परीक्षा में धांधली कराने वाले गैंग के सरगना और 25 हजार का इनामी गनेश प्रसाद को राधा नगर क्रासिंग के पास थाना हीरापुर जनपद पश्चिम वर्धमान (पश्चिम बंगाल) से गिरफ्तार किया है. गनेश प्रसाद ने 2019 से फरार चल रहा था. एसटीएफ ने गनेश को छह सितंबर को सीजेएम कोर्ट में पश्चिम वर्धमान (प० बंगाल) में प्रस्तुत किया. जहां सुनवाई के बाद कोर्ट ने गनेश को आठ सितंबर तक ट्रांजिट रिमाण्ड दी है. आरोपी गनेश को वाराणसी लाया गया है. यहां दर्ज मुकदमे के अनुसार उस पर आगे की कार्रवाई वाराणसी पुलिस करेगी.

ADG एसटीएफ अमिताभ यश के मुताबिक, काफी दिनों से उत्तर प्रदेश में वांछित पुरस्कार घोषित अपराधियों एवं विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं के प्रश्नपत्रों को आउट कराने वाले आपराधिक गैंग के सक्रिय होने की सूचनाएं मिल रहीं थीं. इस क्रम में वाराणसी एसटीएफ इकाई के निरीक्षक अनिल सिंह को मामले की जांच सौंपी गई थी. निरीक्षक को जानकारी मिली कि लोक सेवा आयोग उप्र की ओर से एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती परीक्षा में हुई धांधली में शामिल और फरार चल रहा 25 हजार का इनामी अपराधी गनेश प्रसाद पश्चिम बंगाल के जनपद पश्चिम वर्धमान में लुक-छिपकर रह रहा है. जानकारी के आधार पर टीम ने वहां छापा मारकर गनेश प्रसाद को गिरफ्तार कर लिया.

जहां छपता है पेपर, वहीं से कराते थे लीक
आरोपी ने पूछताछ में बताया कि वह संगठित गैंग संचालित करता है. विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं का पेपर जहां छपता है, वहीं से ये लोग लेकर पेपर को आउट करा लेते हैं, फिर पहले से तैयार अभ्यर्थियों को एक स्थान पर एकत्रित करके उनको प्रश्नों का उत्तर रटवा दिया जाता है, जिसके बदले में उनसे मोटी रकम वसूली जाती है.

12 लाख रुपये में पेपर बेचने का किया था सौदा
आरोपी गनेश की मानें तो उनके गैंग के सदस्य अजीत चौहान और अजय चौहान ने 12 लाख रुपए में पेपर बेचने का सौदा कर लिया था. इसके लिए अभ्यर्थियों को तैयार भी कर लिया गया था और उनसे 1-1 लाख रुपए एडवान्स भी ले लिए गए थे. बाकी 11 लाख रुपए परीक्षा के बाद देने की बात तय हुई थी. विश्वास के लिये अभ्यर्थियों से उनका हाईस्कूल, इण्टर, स्नातक के मूल शैक्षणिक प्रमाण पत्र ले लिए गए थे.

प्रेस संचालनकर्ता से था संपर्क
आरोपी ने बताया कि उसका संपर्क विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं का पेपर छापने वाले ब्लोसिंग स्क्वायर प्राइवेट लिमिटेड कम्पनी प्रेस के संचालनकर्ता कोलकता के कौशिक कुमार, मुख्य सहयोगी अशोक देव चौधरी और रंजीत से था. ये सभी आरोपी प्रश्नपत्रों को लेकर आते-जाते थे. ये सभी एलटी ग्रेड परीक्षा के एक दिन पूर्व वाराणसी आकर होटल में रूके थे. होटल में ही हिन्दी और सामाजिक विषय के प्रश्नपत्र का उत्तर तैयार कर लिया गया था. इस परीक्षा के प्रत्येक विषय में 150-150 प्रश्न पूछे जाते हैं. प्रश्नपत्र में से मात्र 120 प्रश्नों का ही उत्तर तैयार कर अभ्यर्थियों को रटवाया गया था, ताकि कोई अभ्यर्थी पूरा का पूरा प्रश्नपत्र हल कर परीक्षा को टॉप न कर सके.

वाराणसी के दसनी गांव में अभ्यर्थियों को किया गया एकत्र
आरोपी गनेश ने कुबूला कि परीक्षा के एक दिन पहले एडवांस दे चुके अभ्यर्थियों को यूपी कॉलेज गेट के पास बुलाया गया था. वहीं से सभी अभ्यर्थियों को शैलेन्द्र पटेल के जनपद वाराणसी के थाना चोलापुर स्थित दसनी गांव स्थित कौशल विकास केन्द्र ले जाया गया था. जहां पर अगले दिन होने वाली परीक्षा के हिन्दी और सामाजिक विषय का प्रश्नपत्र एवं उसका उत्तर अभ्यर्थियों को रटवाया गया. इसके बाद प्रश्नपत्र और उत्तर कुंजी लेकर वहीं पर जला दिया गया था.

गैंग के सदस्य अशोक चौधरी ने जलाए जा रहे प्रश्न पत्र और उत्तर कुंजी का वीडियो चोरी से बना लिया था. बाद में अशोक देव चौधरी ने ही एसटीएफ में इसकी शिकायत की. जिसके बाद सभी के खिलाफ वाराणसी में मुकदमा दर्ज किया गया.

इसे भी पढ़ें- वन विभाग की फर्जी नियुक्ति निकालकर करोड़ों की ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश

लखनऊ: यूपी एसटीएफ ने उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की ओर से 29 जुलाई 2018 को आयोजित एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती परीक्षा में धांधली कराने वाले गैंग के सरगना और 25 हजार का इनामी गनेश प्रसाद को राधा नगर क्रासिंग के पास थाना हीरापुर जनपद पश्चिम वर्धमान (पश्चिम बंगाल) से गिरफ्तार किया है. गनेश प्रसाद ने 2019 से फरार चल रहा था. एसटीएफ ने गनेश को छह सितंबर को सीजेएम कोर्ट में पश्चिम वर्धमान (प० बंगाल) में प्रस्तुत किया. जहां सुनवाई के बाद कोर्ट ने गनेश को आठ सितंबर तक ट्रांजिट रिमाण्ड दी है. आरोपी गनेश को वाराणसी लाया गया है. यहां दर्ज मुकदमे के अनुसार उस पर आगे की कार्रवाई वाराणसी पुलिस करेगी.

ADG एसटीएफ अमिताभ यश के मुताबिक, काफी दिनों से उत्तर प्रदेश में वांछित पुरस्कार घोषित अपराधियों एवं विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं के प्रश्नपत्रों को आउट कराने वाले आपराधिक गैंग के सक्रिय होने की सूचनाएं मिल रहीं थीं. इस क्रम में वाराणसी एसटीएफ इकाई के निरीक्षक अनिल सिंह को मामले की जांच सौंपी गई थी. निरीक्षक को जानकारी मिली कि लोक सेवा आयोग उप्र की ओर से एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती परीक्षा में हुई धांधली में शामिल और फरार चल रहा 25 हजार का इनामी अपराधी गनेश प्रसाद पश्चिम बंगाल के जनपद पश्चिम वर्धमान में लुक-छिपकर रह रहा है. जानकारी के आधार पर टीम ने वहां छापा मारकर गनेश प्रसाद को गिरफ्तार कर लिया.

जहां छपता है पेपर, वहीं से कराते थे लीक
आरोपी ने पूछताछ में बताया कि वह संगठित गैंग संचालित करता है. विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं का पेपर जहां छपता है, वहीं से ये लोग लेकर पेपर को आउट करा लेते हैं, फिर पहले से तैयार अभ्यर्थियों को एक स्थान पर एकत्रित करके उनको प्रश्नों का उत्तर रटवा दिया जाता है, जिसके बदले में उनसे मोटी रकम वसूली जाती है.

12 लाख रुपये में पेपर बेचने का किया था सौदा
आरोपी गनेश की मानें तो उनके गैंग के सदस्य अजीत चौहान और अजय चौहान ने 12 लाख रुपए में पेपर बेचने का सौदा कर लिया था. इसके लिए अभ्यर्थियों को तैयार भी कर लिया गया था और उनसे 1-1 लाख रुपए एडवान्स भी ले लिए गए थे. बाकी 11 लाख रुपए परीक्षा के बाद देने की बात तय हुई थी. विश्वास के लिये अभ्यर्थियों से उनका हाईस्कूल, इण्टर, स्नातक के मूल शैक्षणिक प्रमाण पत्र ले लिए गए थे.

प्रेस संचालनकर्ता से था संपर्क
आरोपी ने बताया कि उसका संपर्क विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं का पेपर छापने वाले ब्लोसिंग स्क्वायर प्राइवेट लिमिटेड कम्पनी प्रेस के संचालनकर्ता कोलकता के कौशिक कुमार, मुख्य सहयोगी अशोक देव चौधरी और रंजीत से था. ये सभी आरोपी प्रश्नपत्रों को लेकर आते-जाते थे. ये सभी एलटी ग्रेड परीक्षा के एक दिन पूर्व वाराणसी आकर होटल में रूके थे. होटल में ही हिन्दी और सामाजिक विषय के प्रश्नपत्र का उत्तर तैयार कर लिया गया था. इस परीक्षा के प्रत्येक विषय में 150-150 प्रश्न पूछे जाते हैं. प्रश्नपत्र में से मात्र 120 प्रश्नों का ही उत्तर तैयार कर अभ्यर्थियों को रटवाया गया था, ताकि कोई अभ्यर्थी पूरा का पूरा प्रश्नपत्र हल कर परीक्षा को टॉप न कर सके.

वाराणसी के दसनी गांव में अभ्यर्थियों को किया गया एकत्र
आरोपी गनेश ने कुबूला कि परीक्षा के एक दिन पहले एडवांस दे चुके अभ्यर्थियों को यूपी कॉलेज गेट के पास बुलाया गया था. वहीं से सभी अभ्यर्थियों को शैलेन्द्र पटेल के जनपद वाराणसी के थाना चोलापुर स्थित दसनी गांव स्थित कौशल विकास केन्द्र ले जाया गया था. जहां पर अगले दिन होने वाली परीक्षा के हिन्दी और सामाजिक विषय का प्रश्नपत्र एवं उसका उत्तर अभ्यर्थियों को रटवाया गया. इसके बाद प्रश्नपत्र और उत्तर कुंजी लेकर वहीं पर जला दिया गया था.

गैंग के सदस्य अशोक चौधरी ने जलाए जा रहे प्रश्न पत्र और उत्तर कुंजी का वीडियो चोरी से बना लिया था. बाद में अशोक देव चौधरी ने ही एसटीएफ में इसकी शिकायत की. जिसके बाद सभी के खिलाफ वाराणसी में मुकदमा दर्ज किया गया.

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