लखनऊ : जी-20 की आर्थिक समूह की बैठक तीन दिन बाद लखनऊ में बुधवार को समाप्त हो गई. यह पहले चरण की बैठक थी, अब अगले चरण की बैठक हैदराबाद में होगी. तीन दिन तक चली बैठक में सदस्य देशों के बीच में साइबर सुरक्षा और डिजिटल इकोनॉमिक्स को लेकर महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की गई. इस बैठक में सदस्य देशों के बीच में डिजिटल इकोनॉमिक्स और साइबर सुरक्षा के संबंध में नया सिस्टम विकसित करने को लेकर सहमति बनी है. साथ ही साथ डिजिटल स्क्रीन पर भी महत्वपूर्ण बातचीत की गई है. भारत और उत्तर प्रदेश में इलेक्ट्रॉनिक्स और डिजिटल क्षेत्र में अपनी उपलब्धियों का बखान भी किया है. जिसको पूरी दुनिया से आए विशेषज्ञों ने सराहा.
भारत में पहली G20 डिजिटल इकोनॉमी वर्किंग ग्रुप (DEWG) की बैठक बुधवार को संपन्न हुई, जो भविष्य की DEWG बैठकों के लिए फलदाई और सार्थक विचार-विमर्श के लिए लक्ष्य किया है. लखनऊ में हुई तीन दिवसीय बैठक के दौरान भारत की डिजिटल परिवर्तन यात्रा को प्रदर्शित किया गया. डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे, साइबर सुरक्षा और डिजिटल स्किलिंग पर चर्चा करने के लिए G20 सदस्यों ने अनेक मुद्दों पर ज्ञान के आदान प्रदान औऱ अतिथि देशों को एक साथ लाया गया. कार्यशालाओं में डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे, एमएसएमई के लिए साइबर सुरक्षा समाधान, सतत विकास लक्ष्यों और भू-स्थानिक प्रौद्योगिकियों के उपयोग से संबंधित विभिन्न विषयों को शामिल किया गया. इसके अलावा बैठक में उत्तर प्रदेश राज्य से डिजिटल उपलब्धियों को भी प्रदर्शित किया गया.
मीटिंग का अंतिम और तीसरा दिन डिजिटल स्किलिंग की प्राथमिकता पर केंद्रित था. भारत ने डिजिटल रूप से कुशल भविष्य के लिए तैयार कार्यबल के लिए सिस्टम प्रस्तावित किया. सदस्य राष्ट्रों ने डीईडब्ल्यूजी एजेंडे में डिजिटल स्किलिंग को शामिल करने की सराहना की और व्यापक रूप से भारत के प्रस्तावित प्राथमिकता वाले क्षेत्रों का समर्थन किया. डिजिटल पब्लिक इन्फ्रास्ट्रक्चर (DPI), डिजिटल अर्थव्यवस्था में साइबर सुरक्षा और डिजिटल स्किलिंग जैसे तीन प्रमुख प्राथमिकता वाले क्षेत्रों पर संक्षिप्त चर्चा भी की गई. सूचना तकनीक और इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग के सह-अध्यक्ष और संयुक्त सचिव सुशील पाल ने समापन टिप्पणी की.
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