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लखनऊः शक के दायरे में FSDA का काम, मिलावट पर कैसे लगे लगाम

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Published : Nov 12, 2020, 9:44 PM IST

यूपी की राजधानी लखनऊ में फूड सेफ्टी एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एफएसडीए) लगातार मिलावटखोरों के खिलाफ कार्रवाई कर रहा है. इन कार्रवाइयों पर व्यापारियों और आम जनता ने सवाल खड़े किए हैं. लोग पूछ रहे हैं कि आखिर FSDA के जिम्मेदार अधिकारी सिर्फ त्योहारों के मौसम में ही क्यों जागते हैं.

मिलावट के खिलाफ कार्रवाई.
मिलावट के खिलाफ कार्रवाई.

लखनऊः दिवाली को लेकर फूड सेफ्टी एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एफएसडीए) सक्रिय नजर आ रहा है. बीते 1 हफ्ते में विभाग ने दर्जनों कार्रवाइयां की हैं. एफएसडीए त्योहारों पर अभियान चलाकर खाद्य सामग्री में होने वाली मिलावट की रोकथाम की बातें करता है. ऐसे में लोगों ने सवाल खड़े किए हैं कि आखिर एफएसडीए के जिम्मेदार अधिकारी सिर्फ त्योहारों के मौसम में ही क्यों जागते हैं.

मिलावट के खिलाफ कार्रवाई.

लोगों ने लगाए आरोप
व्यापारियों और आम जनता ने FSDA की कार्रवाई को लेकर आरोप लगाए हैं. लोगों ने कहा कि एफएसडीए सिर्फ दिखावे के लिए त्योहारों पर सक्रियता दिखाती है. एफएसडीए के जिम्मेदार अधिकारी यदि मिलावटखोरी पर लगाम लगाना चाहते हैं, तो कार्रवाई को निरंतर करना होगा. त्योहारों में अपना कोटा पूरा कर लेने के बाद एफएसडीए के अधिकारी सो जाते हैं.

नहीं होती प्रभावी कार्रवाई
लोगों का कहना है कि एफएसडीए मिलावट खोरी की रोकथाम के लिए नमूने जुटाता है. उसके बाद रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की जाती है. मिलावट खोरी पर जुर्माने का प्रावधान है. ऐसे में लोग हजारों में जुर्माना देकर मिलावट कर करोड़ों में कमाते हैं. लिहाजा इस कार्रवाई से लोगों में किसी तरह का भय नहीं है और इसी का फायदा उठाकर राजधानी लखनऊ में धड़ल्ले से मिलावट खोरी होती है.

गंभीर रोगों का कारण बनती है मिलावटखोरी
सामान्यता देखा जाता है कि दूध, घी, पनीर, मिठाई, खोया, तेल सहित तमाम खाद्य सामग्री में केमिकल मिलाए जाते हैं. खाद्य सामग्री में मिलाए जाने वाले केमिकल से गंभीर बीमारियां होती हैं. केजीएमयू के डॉक्टर सचिन के अनुसार मिलावटी खाद्य सामग्री के सेवन से फूड प्वॉइजनिंग जैसी शिकायतें होती हैं. खाद्य सामग्रियों में मिलाए जाने वाले केमिकल के नियमित प्रयोग से किडनी फेलियर, हार्ड अटैक, कोलेस्ट्रॉल, कैंसर जैसी गंभीर बीमारियां भी हो सकती हैं.

बीते दिनों की गई कार्रवाई
बीते दिनों एफएसडीए विभाग में बड़े पैमाने पर कार्रवाई की है. एफएसडीए विभाग ने राजधानी लखनऊ की विभिन्न दुकानों से बड़ी संख्या में पनीर, मोतीचूर के लड्डू, खोया, बेसन, गजक, मिल्क केक, मसाला काजू, तिरंगा बर्फी, पनीर, बूंदी लड्डू, सरसों का तेल, पामोलिन ऑयल, ब्लेंडर ऑयल, सोयाबीन ऑयल, राइस ब्रान ऑयल, पलक दालमोठ, बादाम स्वीट, राजभोग बेसन, हल्दी पाउडर, लाल मिर्च पाउडर के दर्जनों नमूने इकट्ठा किए हैं. अधिकारियों का कहना है कि नमूनों को लैब में टेस्ट करने के लिए भेजा गया है. रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी.

लखनऊः दिवाली को लेकर फूड सेफ्टी एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एफएसडीए) सक्रिय नजर आ रहा है. बीते 1 हफ्ते में विभाग ने दर्जनों कार्रवाइयां की हैं. एफएसडीए त्योहारों पर अभियान चलाकर खाद्य सामग्री में होने वाली मिलावट की रोकथाम की बातें करता है. ऐसे में लोगों ने सवाल खड़े किए हैं कि आखिर एफएसडीए के जिम्मेदार अधिकारी सिर्फ त्योहारों के मौसम में ही क्यों जागते हैं.

मिलावट के खिलाफ कार्रवाई.

लोगों ने लगाए आरोप
व्यापारियों और आम जनता ने FSDA की कार्रवाई को लेकर आरोप लगाए हैं. लोगों ने कहा कि एफएसडीए सिर्फ दिखावे के लिए त्योहारों पर सक्रियता दिखाती है. एफएसडीए के जिम्मेदार अधिकारी यदि मिलावटखोरी पर लगाम लगाना चाहते हैं, तो कार्रवाई को निरंतर करना होगा. त्योहारों में अपना कोटा पूरा कर लेने के बाद एफएसडीए के अधिकारी सो जाते हैं.

नहीं होती प्रभावी कार्रवाई
लोगों का कहना है कि एफएसडीए मिलावट खोरी की रोकथाम के लिए नमूने जुटाता है. उसके बाद रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की जाती है. मिलावट खोरी पर जुर्माने का प्रावधान है. ऐसे में लोग हजारों में जुर्माना देकर मिलावट कर करोड़ों में कमाते हैं. लिहाजा इस कार्रवाई से लोगों में किसी तरह का भय नहीं है और इसी का फायदा उठाकर राजधानी लखनऊ में धड़ल्ले से मिलावट खोरी होती है.

गंभीर रोगों का कारण बनती है मिलावटखोरी
सामान्यता देखा जाता है कि दूध, घी, पनीर, मिठाई, खोया, तेल सहित तमाम खाद्य सामग्री में केमिकल मिलाए जाते हैं. खाद्य सामग्री में मिलाए जाने वाले केमिकल से गंभीर बीमारियां होती हैं. केजीएमयू के डॉक्टर सचिन के अनुसार मिलावटी खाद्य सामग्री के सेवन से फूड प्वॉइजनिंग जैसी शिकायतें होती हैं. खाद्य सामग्रियों में मिलाए जाने वाले केमिकल के नियमित प्रयोग से किडनी फेलियर, हार्ड अटैक, कोलेस्ट्रॉल, कैंसर जैसी गंभीर बीमारियां भी हो सकती हैं.

बीते दिनों की गई कार्रवाई
बीते दिनों एफएसडीए विभाग में बड़े पैमाने पर कार्रवाई की है. एफएसडीए विभाग ने राजधानी लखनऊ की विभिन्न दुकानों से बड़ी संख्या में पनीर, मोतीचूर के लड्डू, खोया, बेसन, गजक, मिल्क केक, मसाला काजू, तिरंगा बर्फी, पनीर, बूंदी लड्डू, सरसों का तेल, पामोलिन ऑयल, ब्लेंडर ऑयल, सोयाबीन ऑयल, राइस ब्रान ऑयल, पलक दालमोठ, बादाम स्वीट, राजभोग बेसन, हल्दी पाउडर, लाल मिर्च पाउडर के दर्जनों नमूने इकट्ठा किए हैं. अधिकारियों का कहना है कि नमूनों को लैब में टेस्ट करने के लिए भेजा गया है. रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी.

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