लखनऊ : राजधानी के निशातगंज में रहने वाले विजय कुमार के व्हाट्सएप पर एक मेसेज आया. मेसेज भेजने वाले ने उन्हें घर बैठे पार्ट टाइम जॉब का ऑफर दिया. उसके बाद उन्हें टेलीग्राम पर लाकर आईडी-@Lisa33399 पर ऐड करवाया. उसके बाद उन्हें टास्क दिया. मैसेज करने वाले ने कहा कि 'टास्क पूरा करवाने के लिए रकम क्रिप्टोकरेंसी में इंवेस्ट करवाएंगे. पांच टास्क पूरा हो जाने के बाद आपके अकाउंट में उनके कमिशन समेत पूरी रकम भेज दी जाएगी. विजय कुमार जालसाजों की बातों में आ गए. उन्हें पहले तीन हजार का मुनाफा देकर आगे के टास्क पूरा करने के एवज में 22 लाख रुपए ठग लिए गए. अब उन्होंने जालसाजों के खिलाफ लखनऊ साइबर क्राइम थाने में केस दर्ज करवाया है.
फाइनेंशियल कंपनी में काम करने वाले पीड़ित विजय कुमार के मुताबिक, उन्हें 19 अप्रैल को व्हाट्सएप में मैसेज आया और उन्हें टास्क पूरा कर अधिक मुनाफा कमाने का लालच देते हुए टेलीग्राम के एक ग्रुप में एड कराया गया. इसके बाद पांच टास्क में पहला टास्क पूरा करने पर उन्हें तीन हजार रुपए दिए गए. इसके बाद अगले टास्क को पूरा करने के लिए उनसे 4,84,000 रुपए इन्वेस्ट करवाए गए. विजय के मुताबिक, उन्होंने जब टास्क पूरा कर लिया तो अपने मुनाफे के पैसे मांगे, जिस पर जालसाजों ने उनसे टैक्स के लिए 2,76,703 रुपए और जमा करवाए. इसी तरह अलग-अलग कारणों को बताते हुए विजय कुमार से जालसाजों ने कुल 22,14,670 रुपए जमा करवा लिए. बावजूद इसके जब उन्हें पैसा नहीं दिया गया और आगे भी अन्य टास्क करने के लिए कहा गया तो उन्हें खुद के साथ ठगी होने का एहसास हुआ, जिसके बाद उन्होंने लखनऊ के साइबर क्राइम थाने में एफआईआर दर्ज कराई है.
छोटा टास्क देकर जाल में फंसाया : साइबर क्राइम थाना प्रभारी मुस्लिम खान ने बताया कि 'पार्ट टाइम जॉब या फिर टास्क पूराकर अधिक पैसा कमाने के नाम पर जमकर ठगी की जा रही है. इसमें ठग पहले लोगों को टास्क के बारे ने समझाते हैं और जब पीड़ित टास्क पूरा करने के लिए तैयार हो जाता है तो जालसाज उसे कोई लिंक दे देते हैं. रेटिंग और लाइक करवाते हैं. छोटे-छोटे टास्क कराकर तत्काल मुनाफा उसके खाते में जमा करवाते हैं. जब पीड़ित का भरोसा जीत लेते हैं तो उसके बाद बड़ा टास्क पूरा करवाने के नाम पर उससे अलग-अलग अकाउंट में पैसे डलवाते हैं.'
ई वॉलेट में बढ़ती रकम को देख करते हैं और इन्वेस्ट : साइबर एक्सपर्ट अमित दुबे ने बताया कि 'इस तरह की जालसाजी में पीड़ित टास्क पूरा करता रहता है, इस लालच में कि उसे मुनाफा मिलेगा. इसके लिए जालसाज मुनाफे के रूप में मिलने वाली रकम के लिए एक अलग-अलग नाम की वेबसाइट में एक वॉलेट बनवाते हैं, जिसमें टॉस्क पूरा करने के बाद ही पेमेंट होने की बात करते हैं. उस वॉलेट में बढ़ती हुई रकम को देखकर पीड़ित अपनी पूंजी लगाता चला जाता है.'
यह सावधानी बरतें : साइबर एक्सपर्ट के मुताबिक 'ऐसी ठगी से बचने के लिए कई सावधानियां बरतनी होंगी. इसमें वर्क फ्रॉम के नाम पर अगर कोई कंपनी ऑफर दे तो उसके बारे में पूरी जानकारी जुटाएं. अनजान नंबर से आने वाले लिंक के बाद अगर कोई टेलीग्राम ग्रुप से जोड़ने की बात करे तो सावधान हो जाएं. ई-वॉलेट में जमा हुए रुपये निकालने के लिए अगर कुछ और पैसा मांगे तो तत्काल के साइबर हेल्पलाइन 1930 पर शिकायत करें. किसी सर्वे या लिंक पर क्लिक करने के लिए कोई कंपनी पैसा नहीं देती है. ऐसे ऑफर से बचें. नौकरी के लिए हमेशा कंपनी के ऑफिस में ही संपर्क करें.'
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