कानपुर: यूपी के कानपुर कलेक्ट्रेट में शुक्रवार को एक दिलचस्प वाकया सामने आया. दरअसल जनसुनवाई के दौरान जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह लोगों की शिकायतों को सुन रहे थे. तभी वहां एक शख्स अपनी पत्नी के साथ शिकायती पत्र लेकर पहुंचा. इस दौरान कलेक्टर की नजर उस शख्स पर पड़ी जो पान मसाला खा रहा था. इस पर जिलाधिकारी ने उसे समझाया कि गुटखा खाने से कैंसर जैसा आराध्या रोग होता है यहां तक की परिवार भी उजाड़ जाता है. इसके बाद जिलाधिकारी ने उस शख्स से गुटखा छोड़ने की बात कही और उससे शपथ पत्र भी लिखवाया. जितेंद्र प्रताप सिंह की इस पहल की अब पूरे जिले में चर्चा हो रही है.
गुटखा खाकर जनसुनवाई में आया फरियादी
बता दें कि, जिले के सचेंडी थाना क्षेत्र के रहने वाले पंकज गुप्ता व्यापार करते हैं. उनकी जमीन रिंग रोड के अधिग्रहण में आ गई थी. पंकज गुप्ता का आरोप है, कि उनका नाम पहले अधिग्रहण में आया था. लेकिन बाद में उनका नाम हटा दिया गया. ऐसे में उनकी जमीन भी चली जाएगी और उन्हें मुआवजा भी नहीं मिलेगा. शुक्रवार को इसी मामले में गुहार लगाते हुए पंकज गुप्ता अपनी पत्नी के साथ जिलाधिकारी कार्यालय में आयोजित जनता दरबार में पहुंचे. जहां उन्होंने जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह को अपना शिकायती पत्र दिया. इस दौरान जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह की नजर पंकज गुप्ता पर पड़ी जो पान मसाला खा रहे थे. कलेक्टर ने उन्हें समझाते हुए गुटखा न खाने की सलाह दी और कहा कि गुटखा सेहत के लिए हानिकारक है. सरकार भी गुटखा छोड़ने के लिए लगातार जन जागरूकता फैल रही है.
कलेक्टर ने लिखवाया शपथ पत्र
जनता दरबार में ही पंकज गुप्त के साथ आई पत्नी ने भी आपबीती बताते हुए कहा कि गुटखा छोड़ने को लेकर कई बार मेरे घर में झगड़ा होता है. ये सुनते ही जिलाधिकारी ने पंकज गुप्ता से तत्काल वहीं पर शपथ पत्र लिखवाया कि वह आज से गुटखा छोड़ रहा है और फिर भविष्य में कभी गुटका नहीं खाएगा. अगर मैं शपथ पत्र का पालन नहीं करता हूं. तो जो भी सरकारी दंड दिया जाएगा उसे मैं स्वीकार करूंगा.
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