ETV Bharat / state

जामताड़ा से लखनऊ में फैलाया था ठगी का जाल, सीबीआई ने ऐसे कसा शिकंजा

केंद्रीय जांच ब्यूरो ने गोमती नगर से आसनसोल जिला बर्दवान (पश्चिम बंगाल) में एक चिट फंड कंपनी चलाने वाले दो निदेशकों को गिरफ्तार किया है. ये दोनों पिछले साढ़े तीन साल से फरार थे.

सीबीआई
सीबीआई
author img

By

Published : Mar 19, 2021, 1:14 AM IST

लखनऊः केंद्रीय जांच ब्यूरो ने गोमती नगर से आसनसोल जिला बर्दवान (पश्चिम बंगाल) में एक चिट फंड कंपनी चलाने वाले दो निदेशकों को गिरफ्तार किया है. ये दोनों पिछले साढ़े तीन साल से फरार थे. इन लोगों ने लखनऊ में अपना ठिकाना बना रखा था. दोनों गिरफ्तार आरोपियों को सक्षम न्यायालय के समक्ष पेश किया गया. वहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।

यह भी पढ़ेंः थानाध्यक्ष और 3 पुलिसकर्मियों पर मुकदमा दर्ज करने का आदेश

वर्ष 2017 में दर्ज किया गया था केस

सीबीआई ने झारखंड उच्च न्यायालय के आदेश पर 15 सितंबर 2017 को मामला दर्ज किया था. इसे जामताड़ा (झारखंड) के मिहिजाम पुलिस स्टेशन में पंजीकृत किया गया था. इसमें आरोप लगाया गया था कि अभियुक्तों ने कंपनी के अन्य निदेशकों के साथ मिलकर एक साजिश रची. इसके बाद अभियुक्तों ने आम जनता को अपने निवेशों को अनुचित रूप से लाभ देने का दावा किया. निवेशकों को बताया गया कि कंपनी ऐसा करने के लिए रिजर्व बैंक से अधिकृत है. आरोप था कि पीड़ितों से कंपनी की विभिन्न जमा योजनाओं में निवेश करवाया गया. इसके बाद आरोपी निवेशकों के रुपये लेकर भाग गए. सीबीआई ने गिरफ्तार करने के बाद दोनों आरोपियों को सक्षम न्यायालय के समक्ष पेश किया. वहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया.

जामताड़ा से बंगाल तक बिछा है सायबर ठगी का जाल
जामताड़ा से लेकर बंगाल तक सायबर ठगी का जाल बिछा हुआ है. जामताड़ा के फिशिंग के उस्‍ताद फोन कॉल और फेसबुक के जरिये लाखों रुपये की ठगी रोज करते हैं. ये समय-समय पर अपने तरीकों को बदलते हैं. कभी लॉटरी लगने, कभी ऑनलाइन शापिंग तो कभी फेसबुक पर फेक प्रोफाइल बना कर ठगी की जाती है.

लखनऊः केंद्रीय जांच ब्यूरो ने गोमती नगर से आसनसोल जिला बर्दवान (पश्चिम बंगाल) में एक चिट फंड कंपनी चलाने वाले दो निदेशकों को गिरफ्तार किया है. ये दोनों पिछले साढ़े तीन साल से फरार थे. इन लोगों ने लखनऊ में अपना ठिकाना बना रखा था. दोनों गिरफ्तार आरोपियों को सक्षम न्यायालय के समक्ष पेश किया गया. वहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।

यह भी पढ़ेंः थानाध्यक्ष और 3 पुलिसकर्मियों पर मुकदमा दर्ज करने का आदेश

वर्ष 2017 में दर्ज किया गया था केस

सीबीआई ने झारखंड उच्च न्यायालय के आदेश पर 15 सितंबर 2017 को मामला दर्ज किया था. इसे जामताड़ा (झारखंड) के मिहिजाम पुलिस स्टेशन में पंजीकृत किया गया था. इसमें आरोप लगाया गया था कि अभियुक्तों ने कंपनी के अन्य निदेशकों के साथ मिलकर एक साजिश रची. इसके बाद अभियुक्तों ने आम जनता को अपने निवेशों को अनुचित रूप से लाभ देने का दावा किया. निवेशकों को बताया गया कि कंपनी ऐसा करने के लिए रिजर्व बैंक से अधिकृत है. आरोप था कि पीड़ितों से कंपनी की विभिन्न जमा योजनाओं में निवेश करवाया गया. इसके बाद आरोपी निवेशकों के रुपये लेकर भाग गए. सीबीआई ने गिरफ्तार करने के बाद दोनों आरोपियों को सक्षम न्यायालय के समक्ष पेश किया. वहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया.

जामताड़ा से बंगाल तक बिछा है सायबर ठगी का जाल
जामताड़ा से लेकर बंगाल तक सायबर ठगी का जाल बिछा हुआ है. जामताड़ा के फिशिंग के उस्‍ताद फोन कॉल और फेसबुक के जरिये लाखों रुपये की ठगी रोज करते हैं. ये समय-समय पर अपने तरीकों को बदलते हैं. कभी लॉटरी लगने, कभी ऑनलाइन शापिंग तो कभी फेसबुक पर फेक प्रोफाइल बना कर ठगी की जाती है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.