लखनऊ: यूपी की योगी सरकार को एक बड़ी सफलता मिली है. किसानों और बैंकों का 750 करोड़ रुपए लेकर लंदन भागे दिल्ली के फ्रॉड अवस्थी दंपत्ति को भारत लाने का रास्ता साफ हो गया है. लंदन की वेस्ट मिनिस्टर कोर्ट ने 15 दिसंबर को इस दंपति को भारत प्रर्त्यपण की मंजूरी दे दी है. गृह मंत्रालय ने अब वीरकरण अवस्थी और उसकी पत्नी रितिका को भारत लाने के प्रयासों में तेजी कर दी है. इन फ्रॉड दंपत्तियों की यूपी ईओडब्लू जांच कर रही है.
वीरकरण और उसकी पत्नी रितिक ने यूपी, पंजाब, हरियाणा और दिल्ली के बैंकों से बोगस कंपनियों के नाम पर करीब 700 करोड़ रुपए का लोन लिया था. इस दंपत्ति ने बैंक अधिकारियों को प्रलोभन देकर अपनी एक दर्जन बोगस कंपनियों के नाम पर लोन लिया था. इसके बाद लोन चुकता नहीं किया और कंपनियां बंद कर फरार हो गए.
किसानों को भी दिया धोखा
पति-पत्नी ने न सिर्फ बैंकों को चूना लगाया बल्कि यूपी के बुलंदशहर जिले समेत कई राज्यों के किसानों से धान खरीद कर उनका तीन करोड़ पेमेंट डकार गए. किसानों ने बुलंदशहर में इन दोनों के खिलाफ धान खरीद के करीब एक करोड़ 76 लाख न देने पर मुकदमा भी दर्ज कराया था.
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यूपी सरकार ने ईओडब्ल्यू को सौंपी जांच
इनके खिलाफ एफआईआर दर्ज होने के बाद उत्तर प्रदेश शासन ने इस पूरे मामले की विवेचना आर्थिक अपराध एवं अनुसंधान शाखा (ईओडब्ल्यू) मेरठ से कराने के निर्देश दिए थे. जिसमें एजेंसी ने अवस्थी दंपत्ति समेत 15 लोगों को आरोपी बनाया गया था. जांच के बीच ही दौरान रितिका और वीरकरण अवस्थी लंदन भाग गए थे.
प्रत्यारोपण को लेकर लंदन की कोर्ट में चल रहे केस में वीरकरण और रितिका भारत की जेलों में खराब सुविधाएं होने का तर्क देते थे, लेकिन ईओडब्ल्यू में कोर्ट को प्रत्यारोपण के लिए संतुष्ट करने के लिए काफी मेहनत की जिसकी सफलता उन्हें मिल गई है.
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