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IAS की पोस्टिंग कराने वाला दलाल गिरफ्तार, STF ने छिपाया अधिकारी का नाम

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Published : May 23, 2020, 1:52 AM IST

लखनऊ में मनचाही पोस्टिंग दिलाने के नाम पर एक आईएएस से 15 लाख रुपये की ठगी का मामला सामने आया है. एसटीएफ ने इस मामले में एक आरोपी को गिरफ्तार किया है. हालांकि जिस आईएएस अधिकारी ने मनचाही पोस्टिंग के लिए अपने रिश्तेदार के माध्यम से यह डील की थी एसटीएफ ने उसका नाम सार्वजनिक नहीं किया है.

fraud arrested for taking money for posting ias
दलाल ने पोस्टिंग के नाम लिए सारे पैसे खर्च कर दिए हैं

लखनऊ: मनचाही पोस्टिंग दिलाने के लिए एक आईएएस अधिकारी द्वारा एक दलाल को 15 लाख रुपये देने का सनसनीखेज मामला सामने आया है. एसटीएफ ने इस मामले में पीयूष अग्रवाल नाम के एक दलाल को गिरफ्तार किया है. आईएएस अधिकारी से 15 लाख रुपये लेने और फिर पोस्टिंग ना दिलाने के बाद पैसे की डिमांड को लेकर आईएएस के रिश्तेदार के साथ दलाल की बातचीत का ऑडियो वायरल हुआ.

पूछताछ में खुले कई राज

जिसमें आरोपी दलाल मुख्यमंत्री कार्यालय के कई अफसरों के नाम लेकर आईएएस की पोस्टिंग की बात कर रहा है. ऑडियो वायरल होने के बाद सरकार ने मामले की जांच एसटीएफ को सौंप दी, जिसके बाद एसटीएफ ने दलाल पीयूष अग्रवाल को गिरफ्तार किया है. एसटीएफ की पूछताछ के बाद मामले को लेकर कई राज खुलें.

रिश्तेदार के जरिए की थी डील

बताया जा रहा है कि, आबकारी विभाग में एक अधिकारी ने अपने रिश्तेदार के माध्यम से पोस्टिंग के लिए 15 लाख रुपये दिए थे, लेकिन चौंकाने वाली बात यह है कि, जिस आईएएस अधिकारी ने पोस्टिंग के लिए अपने रिश्तेदार के माध्यम से सवा करोड़ रुपये की डील की थी औऱ एडवांस के तौर पर 15 लाख रुपये दलाल पीयूष अग्रवाल को दिए थे, एसटीएफ ने उसका नाम सार्वजनिक नहीं किया. जिसे लेकर कई सवाल उठ रहे हैं.

एसटीएफ ने अपने बयान में बताया है कि उत्तर प्रदेश शासन की एक जांच के क्रम में अधिकारियों के ट्रांसफर और पोस्टिंग के नाम पर लाखों की ठगी करने वाले शातिर ठग पीयूष अग्रवाल निवासी राजनगर एक्सटेंशन गाजियाबाद को गिरफ्तार किया गया है.

दलाल ने खुद को बताया पत्रकार

दलाल ने पूछताछ में बताया कि वह एक सामाजिक कार्यकर्ता और एक न्यूज चैनल का पत्रकार है. वायरल हुई ऑडियो क्लिप के बारे में उसने बताया कि इस क्लिप में जो बातचीत रिकॉर्ड है वह कमलेश और उसके बीच हुई थी. कमलेश का आरोपी के सोसाइटी में रहने वाले गौरीकान्त दीक्षित से पारिवारिक संबंध है. साथ ही आरोपी ने गौरीकांत दीक्षित के बारे में बताया कि, वो धोखाधड़ी का काम करता है और फ्रॉड के मामले में जेल भी जा चुका है.

सवा करोड़ रूपये की हुई थी डील

आरोपी ने बताया कि, गौरीकान्त दीक्षित ने उससे एक आईएएस को कानपुर नगर विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष पद पर नियुक्ति कराने के लिये कहा था. जिसके बाद आरोपी ने गौरीकान्त दीक्षित से इस कार्य के लिए सवा करोड़ रुपये मांगे थे.

पैसों का किया बंटवारा

आरोपी पीयूष के मुताबिक, कमलेश और आईएएस के रिश्तेदार दोनों बिजनेस पार्टनर हैं. गौरीकान्त के ही कहने पर कमलेश दिनांक 02.03.2020 को फोन पर बात करके आरोपी से मिला और राजधानी के एक होटल में आकर एक लिफाफे में एडवांस के 15 लाख रुपये दिए. जिसमें से उसने कमलेश को उसी समय होटल में दो लाख रुपये दे दिए और दो लाख गौरीकान्त दीक्षित के बैंक खाते में जमा करा दिए. बाकि के 11 लाख रुपये लेकर आरोपी पीयूष इटावा होते हुए दिल्ली चला गया.

ट्रांसफर कराने के लिए किया पूरा प्रयास

आरोपी दलाल पीयूष के मुताबिक, उसने ट्रांसफर कराने के लिए हरसंभव प्रयास किया, लेकिन लॉकडाउन होने के कारण किसी से सम्पर्क नहीं हो सका. जिसके बाद काम नहीं होने पर आईएएस का रिश्तेदार ने कमलेश से पैसे वापस मांगें.

पोस्टिंग ना दिला पाने पर वायरल किया ऑडियो

इसके बाद कमलेश आरोपी पीयूष पर पैसा वापस करने का दबाव बनाने लगा और इस बात को लेकर दोनों के बीच विवाद हो गया. जिसके बाद गौरीकान्त दीक्षित ने पीयूष और कमलेश के बीच फोन पर हुई बात का ऑडियो एक पत्रकार के माध्यम से वायरल करा दिया. जांच से गिरफ्तार आरोपी पीयूष का पत्रकार वाला परिचय पत्र भी फर्जी पाया गया. गिरफ्तार पीयूष अग्रवाल के खिलाफ थाना विभूतिखण्ड गोमतीनगर लखनऊ में मुकदमा दर्ज कराया गया है. स्थानीय पुलिस आगे की कार्रवाई कर रही है.

IAS अमिताभ ठाकुर ने की पैसा देने वाले IAS पर कार्रवाई की मांग

उधर, आईपीएस अफसर अमिताभ ठाकुर ने दलाल को 15 लाख रुपये देने वाले आईएएस अधिकारी का नाम सार्वजनिक किए जाने की मांग की है. अमिताभ ठाकुर ने कहा कि मात्र उस दलाल को गिरफ्तार किया जाना अधूरी कार्रवाई है. उन्होंने इस आईएएस अफसर का नाम सार्वजनिक करते हुए उन्हें तत्काल निलंबित करने और उनके खिलाफ भी मुकदमा दर्ज किए जाने की मांग की है. अमिताभ ठाकुर ने इस काम के लिए दिल्ली में जिस व्यक्ति से संपर्क किया गया, उसके खिलाफ भी कार्रवाई किए जाने की बात कही है.

लखनऊ: मनचाही पोस्टिंग दिलाने के लिए एक आईएएस अधिकारी द्वारा एक दलाल को 15 लाख रुपये देने का सनसनीखेज मामला सामने आया है. एसटीएफ ने इस मामले में पीयूष अग्रवाल नाम के एक दलाल को गिरफ्तार किया है. आईएएस अधिकारी से 15 लाख रुपये लेने और फिर पोस्टिंग ना दिलाने के बाद पैसे की डिमांड को लेकर आईएएस के रिश्तेदार के साथ दलाल की बातचीत का ऑडियो वायरल हुआ.

पूछताछ में खुले कई राज

जिसमें आरोपी दलाल मुख्यमंत्री कार्यालय के कई अफसरों के नाम लेकर आईएएस की पोस्टिंग की बात कर रहा है. ऑडियो वायरल होने के बाद सरकार ने मामले की जांच एसटीएफ को सौंप दी, जिसके बाद एसटीएफ ने दलाल पीयूष अग्रवाल को गिरफ्तार किया है. एसटीएफ की पूछताछ के बाद मामले को लेकर कई राज खुलें.

रिश्तेदार के जरिए की थी डील

बताया जा रहा है कि, आबकारी विभाग में एक अधिकारी ने अपने रिश्तेदार के माध्यम से पोस्टिंग के लिए 15 लाख रुपये दिए थे, लेकिन चौंकाने वाली बात यह है कि, जिस आईएएस अधिकारी ने पोस्टिंग के लिए अपने रिश्तेदार के माध्यम से सवा करोड़ रुपये की डील की थी औऱ एडवांस के तौर पर 15 लाख रुपये दलाल पीयूष अग्रवाल को दिए थे, एसटीएफ ने उसका नाम सार्वजनिक नहीं किया. जिसे लेकर कई सवाल उठ रहे हैं.

एसटीएफ ने अपने बयान में बताया है कि उत्तर प्रदेश शासन की एक जांच के क्रम में अधिकारियों के ट्रांसफर और पोस्टिंग के नाम पर लाखों की ठगी करने वाले शातिर ठग पीयूष अग्रवाल निवासी राजनगर एक्सटेंशन गाजियाबाद को गिरफ्तार किया गया है.

दलाल ने खुद को बताया पत्रकार

दलाल ने पूछताछ में बताया कि वह एक सामाजिक कार्यकर्ता और एक न्यूज चैनल का पत्रकार है. वायरल हुई ऑडियो क्लिप के बारे में उसने बताया कि इस क्लिप में जो बातचीत रिकॉर्ड है वह कमलेश और उसके बीच हुई थी. कमलेश का आरोपी के सोसाइटी में रहने वाले गौरीकान्त दीक्षित से पारिवारिक संबंध है. साथ ही आरोपी ने गौरीकांत दीक्षित के बारे में बताया कि, वो धोखाधड़ी का काम करता है और फ्रॉड के मामले में जेल भी जा चुका है.

सवा करोड़ रूपये की हुई थी डील

आरोपी ने बताया कि, गौरीकान्त दीक्षित ने उससे एक आईएएस को कानपुर नगर विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष पद पर नियुक्ति कराने के लिये कहा था. जिसके बाद आरोपी ने गौरीकान्त दीक्षित से इस कार्य के लिए सवा करोड़ रुपये मांगे थे.

पैसों का किया बंटवारा

आरोपी पीयूष के मुताबिक, कमलेश और आईएएस के रिश्तेदार दोनों बिजनेस पार्टनर हैं. गौरीकान्त के ही कहने पर कमलेश दिनांक 02.03.2020 को फोन पर बात करके आरोपी से मिला और राजधानी के एक होटल में आकर एक लिफाफे में एडवांस के 15 लाख रुपये दिए. जिसमें से उसने कमलेश को उसी समय होटल में दो लाख रुपये दे दिए और दो लाख गौरीकान्त दीक्षित के बैंक खाते में जमा करा दिए. बाकि के 11 लाख रुपये लेकर आरोपी पीयूष इटावा होते हुए दिल्ली चला गया.

ट्रांसफर कराने के लिए किया पूरा प्रयास

आरोपी दलाल पीयूष के मुताबिक, उसने ट्रांसफर कराने के लिए हरसंभव प्रयास किया, लेकिन लॉकडाउन होने के कारण किसी से सम्पर्क नहीं हो सका. जिसके बाद काम नहीं होने पर आईएएस का रिश्तेदार ने कमलेश से पैसे वापस मांगें.

पोस्टिंग ना दिला पाने पर वायरल किया ऑडियो

इसके बाद कमलेश आरोपी पीयूष पर पैसा वापस करने का दबाव बनाने लगा और इस बात को लेकर दोनों के बीच विवाद हो गया. जिसके बाद गौरीकान्त दीक्षित ने पीयूष और कमलेश के बीच फोन पर हुई बात का ऑडियो एक पत्रकार के माध्यम से वायरल करा दिया. जांच से गिरफ्तार आरोपी पीयूष का पत्रकार वाला परिचय पत्र भी फर्जी पाया गया. गिरफ्तार पीयूष अग्रवाल के खिलाफ थाना विभूतिखण्ड गोमतीनगर लखनऊ में मुकदमा दर्ज कराया गया है. स्थानीय पुलिस आगे की कार्रवाई कर रही है.

IAS अमिताभ ठाकुर ने की पैसा देने वाले IAS पर कार्रवाई की मांग

उधर, आईपीएस अफसर अमिताभ ठाकुर ने दलाल को 15 लाख रुपये देने वाले आईएएस अधिकारी का नाम सार्वजनिक किए जाने की मांग की है. अमिताभ ठाकुर ने कहा कि मात्र उस दलाल को गिरफ्तार किया जाना अधूरी कार्रवाई है. उन्होंने इस आईएएस अफसर का नाम सार्वजनिक करते हुए उन्हें तत्काल निलंबित करने और उनके खिलाफ भी मुकदमा दर्ज किए जाने की मांग की है. अमिताभ ठाकुर ने इस काम के लिए दिल्ली में जिस व्यक्ति से संपर्क किया गया, उसके खिलाफ भी कार्रवाई किए जाने की बात कही है.

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