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लखनऊ: उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने चार व्यंग्यकारों की पुस्तकों का किया विमोचन

राजधानी लखनऊ में शिलालेख फाउंडेशन के द्वारा संगीत नाटक अकादमी में चार व्यंग्यकारों की पुस्तकों का एक साथ विमोचन किया गया. इस आयोजन के मुख्य अतिथि उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा रहे.

पुस्तकों का विमोचन
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Published : Sep 15, 2019, 2:04 PM IST

लखनऊ: राजधानी लखनऊ में उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री डॉक्टर दिनेश शर्मा के द्वारा चार व्यंग्यकारों की पुस्तकों का विमोचन एक साथ किया गया. यह आयोजन शिलालेख फाउंडेशन के द्वारा संगीत नाटक अकादमी में आयोजित किया गया था. कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. उदय प्रताप सिंह ने की.

चार व्यंग्यकारों की पुस्तकों का एक साथ हुआ विमोचन.

हिंदी को सहेजने का काम कर रहे ये साहित्यकार -
वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. उदय प्रताप सिंह का कहना है कि आज के समाज में हिंदी साहित्य का जिंदा रहना बहुत जरूरी है. साहित्यकार ही हैं जो हिंदी की शैली को जिंदा रखने का प्रयास कर रहे हैं. कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे प्रदेश के उपमुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने कहा कि यह मेरे लिए सौभाग्य की बात है कि हिंदी दिवस के दिन एक साथ चार पुस्तकों का लोकार्पण करने के लिए मुझे बुलाया गया. आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में इन व्यंगकारों की रचना हमें हंसाने का काम करते हैं. मैने पहली बार देखा चारों व्यंग्यकार एक-दूसरे के सामने खुद को छोटा बता रहे हैं.

इसे भी पढ़ें-लखनऊः बीजेपी सांसद कौशल किशोर बोले, राज्य सरकार करे प्रेरणा ऐप पर पुनर्विचार

इन पुस्तकों का हुआ विमोचन -
इस अवसर पर मुकुल महान की पुस्तक 'यमलोक में घोटाला', सर्वेश अस्थाना की संस्मरणों पर आधारित पुस्तक 'वो बालकनी वाली', राजेन्द्र पंडित की कहानी संग्रह 'द पंडित जी' और पंकज प्रसून की लोक कहानी संग्रह 'द लम्पटगंज' नामक पुस्तकों का विमोचन किया गया. संस्मरण पर आधारित पुस्तक 'वह बालकनी वाली' के लेखक सर्वेश अस्थाना कहते हैं कि मेरे जीवन में ऐसा पहली बार हुआ है कि चार व्यंगकारों की रचनाओं का एक साथ विमोचन किया गया. यह चारों पुस्तकें अलग-अलग विषय से जुड़ी है. एक पुस्तक संस्थानों पर आधारित है, तो दूसरी कहानी संग्रह है. मुकुल महान जी के किताब में कविताएं मिलेंगी तो वहीं 'द लंपट गंज' उपन्यास है.

लखनऊ: राजधानी लखनऊ में उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री डॉक्टर दिनेश शर्मा के द्वारा चार व्यंग्यकारों की पुस्तकों का विमोचन एक साथ किया गया. यह आयोजन शिलालेख फाउंडेशन के द्वारा संगीत नाटक अकादमी में आयोजित किया गया था. कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. उदय प्रताप सिंह ने की.

चार व्यंग्यकारों की पुस्तकों का एक साथ हुआ विमोचन.

हिंदी को सहेजने का काम कर रहे ये साहित्यकार -
वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. उदय प्रताप सिंह का कहना है कि आज के समाज में हिंदी साहित्य का जिंदा रहना बहुत जरूरी है. साहित्यकार ही हैं जो हिंदी की शैली को जिंदा रखने का प्रयास कर रहे हैं. कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे प्रदेश के उपमुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने कहा कि यह मेरे लिए सौभाग्य की बात है कि हिंदी दिवस के दिन एक साथ चार पुस्तकों का लोकार्पण करने के लिए मुझे बुलाया गया. आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में इन व्यंगकारों की रचना हमें हंसाने का काम करते हैं. मैने पहली बार देखा चारों व्यंग्यकार एक-दूसरे के सामने खुद को छोटा बता रहे हैं.

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इन पुस्तकों का हुआ विमोचन -
इस अवसर पर मुकुल महान की पुस्तक 'यमलोक में घोटाला', सर्वेश अस्थाना की संस्मरणों पर आधारित पुस्तक 'वो बालकनी वाली', राजेन्द्र पंडित की कहानी संग्रह 'द पंडित जी' और पंकज प्रसून की लोक कहानी संग्रह 'द लम्पटगंज' नामक पुस्तकों का विमोचन किया गया. संस्मरण पर आधारित पुस्तक 'वह बालकनी वाली' के लेखक सर्वेश अस्थाना कहते हैं कि मेरे जीवन में ऐसा पहली बार हुआ है कि चार व्यंगकारों की रचनाओं का एक साथ विमोचन किया गया. यह चारों पुस्तकें अलग-अलग विषय से जुड़ी है. एक पुस्तक संस्थानों पर आधारित है, तो दूसरी कहानी संग्रह है. मुकुल महान जी के किताब में कविताएं मिलेंगी तो वहीं 'द लंपट गंज' उपन्यास है.

Intro:लखनऊ। राजधानी में पहली बार चार व्यंग्यकारों की पुस्तकों का विमोचन एक साथ किया गया। यह आयोजन शिलालेख फाउंडेशन के द्वारा संगीत नाटक अकादमी में आयोजित किया गया। इस आयोजन के मुख्य अतिथि उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा रहे। वहीं विशिष्ट अतिथि और कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे वरिष्ठ साहित्यकार डॉ उदय प्रताप सिंह रहे।


Body:वीओ1 इस आयोजन में कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए वरिष्ठ साहित्यकार उदय प्रताप सिंह ने कहा कि हिंदी साहित्य का जिंदा रहना बहुत जरूरी है। ये साहित्यकार ही हिंदी की वह शैली को जिंदा रखने का प्रयास कर रहे हैं जो हमारे बीच होनी चाहिए। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे प्रदेश के उपमुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा ने कहा कि हिंदी दिवस के दिन एक साथ चार पुस्तकों का लोकार्पण करने के लिए मुझे बुलाया गया यह मेरे लिए बेहद गर्व की बात है आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में सब व्यस्त हैं और हंसना भूल गए हैं इस जिंदगी में यह व्यंग्यकार हमें हंसाने का काम करते हैं इससे अच्छी बात कुछ नहीं हो सकती मेरे सामने ऐसा पहली बार हो रहा है कि यह चारों व्यंग्यकार एक दूसरे से अपनी बड़ाई सुनने की जगह दूसरे के सामने खुद को छोटा बता रहे थे। इस अवसर पर मुकुल महान की पुस्तक 'यमलोक में घोटाला', सर्वेश अस्थाना की संस्मरणों पर आधारित पुस्तक 'वो बालकनी वाली', राजेन्द्र पंडित की कहानी संग्रह 'द पंडित जी' और पंकज प्रसून की लोक कहानी संग्रह 'द लम्पटगंज' नामक पुस्तकों का लोकार्पण किया गया। संस्मरण पर आधारित पुस्तक वह बालकनी वाली के लेखक सर्वेश अस्थाना कहते हैं कि मेरे अब तक के जीवन में ऐसा पहली बार हुआ है कि चार व्यंग कारों की रचनाओं को एक साथ विमोचन किया गया और खास बात यह है कि यह चारों पुस्तकें अलग-अलग जॉनर से जुड़ी है एक पुस्तक संस्थानों पर आधारित है तो दूसरी कहानी संग्रह है मुकुल महान जी कवि हैं उनकी किताब में कविताएं मिलेंगे तो वही द लंपट गंज उपन्यास जैसी किताब है।


Conclusion:चारों व्यंग्यकारों ने अपनी अपनी किताब से जुड़ी बात और इस किताब को पढ़ने के कारण के बारे में भी ईटीवी भारत को बताया। बाइट- सर्वेश अस्थाना, व्यंग्यकार बाइट- राजेन्द्र पंडित, व्यंग्यकार बाइट- मुकुल महान, व्यंग्यकार बाइट- पंकज प्रसून, व्यंग्यकार रामांशी मिश्रा
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